कोटा मंडल में नियुक्त हुए नए अधिकारी, हमेशा साथ रखते हैं दो गनमैन, इतिहास का पहला मामला

कोटा मंडल में नियुक्त हुए नए अधिकारी, हमेशा साथ रखते हैं दो गनमैन, इतिहास का पहला मामला
कोटा। न्यूज़. कोटा मंडल में नए अधिकारी नियुक्त हुए हैं। खास बात यह है कि यह हमेशा अपने साथ दो गनमैन रखते हैं। इन गनमैनों के साए में ही अधिकारी ने मंडल कार्यालय में अपना कामकाज संभाला। मंडल इंजीनियर पद पर तैनात इन अधिकारी के यह पूर्णता निजी गनमैन हैं। मंडल में किसी भी जगह निरीक्षण या अन्य कहीं भी जाने पर यह गनमैन हमेशा साए की तरह अधिकारी के साथ ही रहते ही रहते हैं। पिछले दिनों अधिकारी निरीक्षण के लिए गंगापुर गए थे। यह दोनों तब भी अधिकारी के साथ ही थे। इन दो गनमैनों के हमेशा साथ रहने का यह मामला अधिकारियों और कर्मचारियों के बीच जोरदार चर्चा का विषय बना हुआ है।
कर्मचारियों ने बताया कि यह दोनों गनमैन अधिकारी के साथ कार्यालय में भी दिनभर मौजूद रहते हैं। अधिकारी के चेंबर के बाहर, अंदर और गैलरी में इन गनमैनों क़ो आसानी से देखा जा सकता है। इन गनमैनों के पास लाइसेंस शुदा लोडेड पिस्तौल हमेशा तैयार रहती है।
अस्पताल में डॉक्टरों से उलझे
सूत्रों ने बताया कि पिछले दिनों यह अधिकारी मंडल मुखिया के साथ कहीं निरीक्षण के लिए गए थे। गाड़ी में उतरते-चढ़ते समय अधिकारी के पांव में चोट लग गई। इसके चलते यह अधिकारी अस्पताल में डॉक्टर को दिखाने गए थे। अस्पताल परिसर में यह अधिकारी अपनी कार में बैठे हुए। तभी अधिकारी के गनमैन अन्य मरीजों की परवाह किए बिना धड़धड़ाते हुए डॉक्टर के चेंबर में घुस गए। चेंबर में तीन डॉक्टर बैठे हुए थे। इन गनमैनों ने
डॉक्टरों से बाहर आकर अधिकारी को देखने को कहा। इस पर डॉक्टरों ने कहा कि व्हील चेयर या स्ट्रक्चर पर अधिकारी को अंदर ले आएं। यहां पर अच्छी तरह जांच हो जाएगी।
गनमैन ने खींची डॉक्टर की कुर्सी
डॉक्टरों के मना करने पर गनमैन गुस्सा हो गए। इसके बाद जैसे ही एक डॉक्टर मरीज देखने उठा, एक गनमैंन ने उसकी कुर्सी खींच ली। इस बात पर डॉक्टर नाराज हो गए और दोनों पक्षों में गर्मा-गर्मी हो गई। इसके बाद गुस्साए डॉक्टरों ने अधिकारी को देखने बाहर जाने से साफ मना कर दिया।
कोई और रास्ता नहीं देख गनमैन अधिकारी को अंदर ले आए। अंदर आते ही अधिकारी डॉक्टरों पर भड़क गए। अधिकारी ने अपने पद का रौब झाड़ते हुए कहा कि वह मामले की शिकायत मंडल मुखिया और मुख्य चिकित्सा अधीकक्ष से करेंगे। इसके बाद मामला और बढ गया।
सूचना मिलने पर मुख्य चिकित्सा अधीक्षक ने अधिकारी को अपने चेंबर में बुलवा लिया। यहां काफी समझाइस और मामले को दिखवाने का आश्वासन देने के बाद अधिकारी का गुस्सा जैसे तैसे शांत हुआ। इसके बाद अधिकारी अपने गनमैनों के साथ चले गए।
सूत्रों ने बताया कि अधिकारी के एक पांव में प्लास्टर बंधा हुआ था। हालांकि उसके बाद भी डॉक्टरों के चेंबर में यह अधिकारी खड़े हुए थे।
रिश्तेदार हैं नेता
सूत्रों ने बताया कि यह अधिकारी उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं। इन अधिकारी के कई रिश्तेदार यूपी में सांसद और विधायक हैं। कोटा से पहले यह अधिकारी मुख्यालय मंडल में तैनात थे। वहां भी यह किसी अधिकारी से उलझ गए थे। शिकायत के बाद इनका स्थानांतरण कोटा कर दिया गया।
कोटा मंडल का पहला मामला
सूत्रों ने बताया कि गनमैनों को साथ रखने वाले किसी अधिकारी का कोटा मंडल में यह पहला मामला है। इससे पहले किसी अधिकारी के साथ कभी कोई निजी गनमैन नजर नहीं आया। हालांकि कोटा मंडल में एक-दो अधिकारी ऐसे जरूर आए हैं जो अपने साथ हमेशा गन रखते थे। 1983 में भी ऐसे ही एक अधिकारी कोटा मंडल में आए थे। यह अपने साथ हमेशा लाइसेंस शुदा एक भरी हुई पिस्तौल रखते थे।
टेबल पर नहीं रहती कोई फाइल
हालांकि इन अधिकारी की एक खासियत भी है। अधिकारी की टेबल पर कभी कोई फाइल नहीं रहती। फाइल जाते ही अधिकारी तुरंत साइन करके बाहर भेज देते हैं। छोटे कर्मचारियों के लिए इनके चेंबर के दरवाजे हमेशा खुले हैं। अधिकारी की इन खासियतों की चर्चा भी कर्मचारियों में जोरदार है।