Indian Railways : मालगाड़ी में भेजा पदार्थ नहीं था एलम पाउडर, रेलवे जांच में खुलासा, खबर पर मुहर

कोटा। मालगाड़ी में भेजा गया पदार्थ एलम (फिटकरी) पाउडर नहीं था। बल्कि यह कैल्शियम कार्बोनेट से मिलता जुलता कोई पदार्थ है, जो कि मार्बल का ही एक अंग है। रेलवे की जांच रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है। यह रिपोर्ट आने के बाद पहले ही भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरे अधिकारियों में हड़कंप मचा हुआ है। इस रिपोर्ट के बाद अधिकारी अपने बचाव का उपाय तलाश कर रहे हैं। एलम पाउडर भेजना साबित होने पर ‘कोटा रेल न्यूज़’ की खबर मुहर लग गई है। ‘कोटा रेल न्यूज़’ ने ही सबसे पहले इस मामले को उजागर किया था।
यह है मामला
उल्लेखनीय है कि एक निजी फर्म द्वारा कोटा, मांडलगढ़ और भरतपुर स्टेशन से कुछ माल गाड़ियों को असम (गुवाहाटी) भेजा था। फर्म में इन माल गाड़ियों में एलम पाउडर भेजना बताया था। जबकि माल गाड़ियों में वास्तव में मार्बल पाउडर भेजा गया था। फर्म ने यह काम किराया बचाने के कारण किया था। रेलवे फिटकरी का कम और मार्बल पाउडर का ज्यादा किराया वसूलती है।
पाउडर बदलने के कारण कोटा मंडल से गुवाहाटी जाने पर एक मालगाड़ी के किराए में करीब 42 लाख रुपए का अंतर आता है। यह रकम बचाने के लिए ही फर्म ने मार्बल पाउडर को एलम बता दिया।
खुलासे के बाद जागा प्रशासन
सूत्रों ने बताया कि मामले के खुलासे के बाद रेलवे को होश आया। आनस-फानस में चल लेखा विभाग ने मांडलगढ़ और भरतपुर स्टेशन पर बिखरे पड़े पाउडर के नमूने एकत्रित किए। जांच के लिए इन नमूनों को रेलवे माल डिब्बा मरम्मत कारखाना (वर्कशॉप) में भेजा गया। तीन दिन की जांच के बाद लैब ने इस पाउडर को एलम नहीं माना। अपनी जांच रिपोर्ट में लैब ने बताया कि यह मार्बल पाउडर का ही एक रुप है।
सैकड़ों मालगाड़ी रवाना
सूत्रों ने बताया कि इस मार्बल पाउडर की एक नहीं बल्कि सैकड़ों मालगाड़ियां असम भेजी गईं। सबसे ज्यादा मालगाड़ियां भरतपुर से भेजी गईं। यहां पर यह काम पिछले करीब दो साल से लगातार किया जा रहा था।
यहां से एक महीने में औसतन 15 मालगाड़ियां रवाना की गईं। इसी तरह मांडलगढ़ से पिछले करीब 6 महीनों में 2 दर्जन से अधिक माल गाड़ियां भेजी गईं। कोटा से भी मार्बल पाउडर की करीब एक दर्जन मालगाड़ियों के रवाना होने की सूचना है।
रेलवे का सबसे बड़ा घोटाला
सूत्रों ने बताया कि एक पर करीब 42 लाख रुपए का चूना लगने से सैकड़ों माल गाड़ियों और होने वाले नुकसान का अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है।
सूत्रों ने बताया कि मामले की सही तरीके से जांच होने पर यह रेलवे का अब तक का सबसे बड़ा घोटाला निकलेगा।
सूत्रों ने बताया कि मामले के जिम्मेदार वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक अजय पाल भ्रष्टाचार के आरोपों में पहले ही जेल जा चुके हैं। अन्य अधिकारी भी इसमें लपेटे में आ सकते हैं। सूत्रों ने बताया कि सब की मिलीभगत के बिना इतना बड़ा घोटाला संभव नहीं है। ऐसा भी नहीं है कि अधिकारियों को इसका पता ही नहीं हो। सस्ता माल भेजने की इच्छुक कुछ दूसरी पार्टियों ने इसकी शिकायत कोटा रेल मंडल अधिकारियों से की थी। लेकिन किसी अधिकारी ने इस शिकायत पर ध्यान देना जरूरी नहीं समझा।
सीबीआई ने शुरू की जांच !
सूत्रों ने बताया कि मामले की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा भी शुरू करने की बात सामने आ रही है। बताया जा रहा है की सीबीआई टीम जीएसटी और माइंस विभाग के अधिकारियों के साथ सोमवार को मांडलगढ़ पहुंची थी। अधिकारियों ने यहां रेलवे स्टाफ और कई अन्य लोगों से पूछताछ भी की थी। साथ ही मौके पर पड़े पाउडर की भी जांच की थी। मांडलगढ़ के अलावा कई और स्टेशनों पर भी अधिकारियों द्वारा पूछताछ की बात सामने आई है। हालांकि सीबीआई ने फिलहाल ऐसी किसी जांच से इनकार किया है। रेलवे विजिलेंस द्वारा भी मामले की जांच शुरू करने की सूचना है। विजिलेंस भरतपुर में मौका निरीक्षण भी कर चुकी है।
राजनेताओं का हाथ
सूत्रों ने बताया कि इस पूरे मामले में ज्यादा कुछ होने की गुंजाइश बहुत कम है। क्योंकि इसमें केंद्र और राज्य से जुड़े बड़े राजनेताओं का हाथ है। एक राज्य में मंत्री है तो दूसरा केंद्र में अहम मुकाम पर है।
मामले में कुछ खास नहीं होने की आशंका इसलिए भी बलवती है क्योंकि करीब 6 महीने पहले कोटा में भी ऐसा ही एक मामला सामने आया था। यहां पर एक पार्टी ने रेलवे को बिना बताए मालगाड़ी में भरकर कोटा स्टोन असम भेज दिया था। घोटाला सामने आने पर रेलवे ने पार्टी पर 8 लाख रुपए का जुर्माना लगाकर मामले को रफा-दफा कर दिया था। मामले में रेलवे ने जिम्मेदार अधिकारियों पर कोई कार्यवाही करना जरूरी नहीं समझा था। यह अधिकारी अब भ्रष्टाचार के मामलों में पकड़े जा रहे हैं। रेलवे इन भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ पहले ही कार्रवाई कर लेती तो कोटा मंडल को आज शर्मसार नहीं होना पड़ता। जो अधिकारी अपने स्टाफ तक को नहीं छोड़े, उसके भ्रष्टाचार के स्तर का अनुमान ही लगाया जा सकता है।