Indian Railways : पकड़े जाने से पहले कोटा रेल मंडल की उपलब्धियां गिना रहे थे अजय पाल, डीआरएम भी थे मौजूद

Indian Railways : पकड़े जाने से पहले कोटा रेल मंडल की उपलब्धियां गिना रहे थे अजय पाल,

डीआरएम भी थे मौजूद

Kota Rail News : पकड़े जाने से पहले वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक अजय कुमार पाल एक ऑनलाइन प्रेस कॉन्फ्रेंस में पत्रकारों को कोटा रेल मंडल की उपलब्धियां गिना रहे थे। इस दौरान मंडल रेल प्रबंधक (डीआरएम) पंकज शर्मा भी मौजूद थे। शर्मा ने भी पत्रकारों को कोटा रेल मंडल की उपलब्धियां बताईं।
इस पत्रकार वार्ता में अपने चेंबरों में बैठे शर्मा और अजय पाल ऑनलाइन जुड़े हुए थे। पत्रकार वार्ता खत्म होने के बाद अजय पाल एसीबी के हत्थे चढ़ गए।
चुनिंदा पत्रकार होते हैं शामिल
रेलवे बोर्ड के निर्देशानुसार यह महीने के अंत में यह पत्रकार वार्ता होती है। इस पत्रकार वार्ता में डीआरएम और सीनियर डीसीएम अपनी उपलब्धियों को दोहराते रहते हैं। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में ऐसे चुनिंदा पत्रकारों को ही शामिल किया जाता है जो प्रशासन की वाहवाही कर सकें। सिस्टम पर सवाल नहीं उठा सका।
आईना दिखाने वाले पत्रकारों को इस प्रेस कॉन्फ्रेंस से दूर रखा जाता है। प्रश्न पूछने वाले पत्रकारों को इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में शामिल नहीं किया जाता है। संभवत सच से कतराने का ही कारण है कि कोटा मंडल में बड़े-बड़े घोटाले सामने आ रहे हैं। जानबूझकर आंखें मूंदने का परिणाम है कि भ्रष्टाचार के आरोपों में अधिकारी रंगे हाथों पकड़े जा रहे हैं। कड़वा सच सुनने की जगह झूठी वाहवाही लूटने का ही परिणाम रहा कोटा मंडल देशभर में शर्मसार करवा दिया।
यह है मामला
उल्लेखनीय है कि भरतपुर के भ्रष्टाचार निरोधक विभाग (एसीबी) ने 31 मार्च को अजय पाल को अपने ही विभाग के खानपान निरीक्षक हेमराज मीणा मीणा से दलाल के जरिए 20 हजार रुपए की रिश्वत लेते लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। साथ ही दलाल को भी पकड़ा है। मीणा ने अजय पाल को यह रिश्वत चार्जशीट रफा-दफा करने की एवज में दी थी। 3 दिन के रिमांड के बाद अजय पाल फिलहाल 14 दिन के लिए जेल में हैं। मामले में सुनवाई की अगली तारीख 18 अप्रैल है।