Indian Railways : प्रशासन की मेहरबानी का नतीजा है डकनिया में अवध ट्रेन का बिना रुके पास होना

Indian Railways : प्रशासन की मेहरबानी का नतीजा है डकनिया में अवध ट्रेन का

बिना रुके पास होना

Kota Rail News : डकनिया स्टेशन पर बिना रुके अवध ट्रेन पास होना प्रशासन की मेहरबानी का नतीजा बताया जा रहा है।
सूत्रों ने बताया कि अवध में जो लोको निरीक्षक मौजूद था वह पहले भी ऐसे कारनामों के लिए मशहूर रह चुका है। लेकिन प्रशासन की मेहरबानी के चलते इस लोको निरीक्षक पर कभी कोई कार्रवाई नहीं हो सकी। संभवत इसी का नतीजा है कि लोको निरीक्षक द्वारा लगातार गलतियां दोहराई जा रही जा रही हैं और प्रशासन हमेशा की तरह लोको निरीक्षक के बचाव में जुटा रहता है।
30 की जगह 100 से निकाली थी ट्रेन
सूत्रों ने बताया कि इस लोक निरीक्षक का ताजा मामला पिछले साल अगस्त में सामने आया था। इस लोको निरीक्षक की मौजूदगी में चालकों ने मथुरा स्टेशन के आगे एक सवारी गाड़ी को 30 की जगह 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से निकाला था। गनीमत रही थी की ट्रेन दुर्घटनाग्रस्त नहीं हुई थी।
उल्लेखनीय है कि पटरियों पर काम के चलते यहां पर चालको को 30 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेन चलाने के आदेश थे। लेकिन लोको निरीक्षक की मौजूदगी में चालक इन आदेशों को भूल गए और ट्रेन को 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से निकाल ले गए।
इस घटना के बाद प्रशासन ने लोगों निरीक्षक को बिना किसी सजा के बाइज्जत बरी कर दिया।
चालको के भी केवल 3 महीने के इंक्रीमेंट बंद किए गए। जबकि कोटा मंडल का इतिहास रहा है कि ऐसे मामलों में कम से कम एक साल के इंक्रीमेंट बंद किए गए हैं। इक्का-दुक्का मामलों में 6 महीने के इंक्रीमेंट भी बंद किए गए हैं। लेकिन संभवत यह पहला मौका है जब ऐसे मामलों में चालकों के केवल 3 महीने के इंक्रीमेंट बंद किए गए हो। यह मामला प्रशासन की दुर्घटना के प्रति गंभीरता को दर्शाने के लिए काफी है। यही कारण है कि ऐसे मामले बार-बार सामने आ रहे हैं।