Indian Railways : जेल में बंद अजय पाल करेंगे फिटकरी घोटाले की जांच, प्रशासन ने सौंपी रिपोर्ट

Indian Railways : जेल में बंद अजय पाल करेंगे फिटकरी घोटाले की जांच, प्रशासन

ने सौंपी रिपोर्ट

Kota Rail News :  भ्रष्टाचार के आरोप में जेल में बंद तत्कालीन वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक अजय पाल अब फिटकरी (एलम) घोटाले की जांच करेंगे। सुनने में भले ही यह अजीब लगे, लेकिन प्रशासन द्वारा इसकी रिपोर्ट सौंपी गई है।
उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों कोटा मंडल में फिटकरी (एलम) पाउडर परिवहन घोटाला मामला सामने आया था। कम किराए के चलते एक पार्टी के एलम के नाम पर मार्बल पाउडर भेज दिया। ऐसी एक-दो नहीं बल्कि सैकड़ों मालगाड़ियां असम और गुवाहाटी के लिए रवाना की गईं। इन मालगाड़ियों में कोटा, मांडलगढ़ और भरतपुर आदि स्टेशनों से एलम के नाम पर मार्बल पाउडर का लदान किया गया था। इसके चलते एक मालगाड़ी पर रेलवे को करीब 42 लाख रुपए का चूना लगा था। इससे रेलवे को करीब 100 करोड रुपए के नुकसान की आशंका है।
मामले का खुलासा होने के बाद रेलवे वर्कशॉप द्वारा की गई जांच रिपोर्ट में इस पाउडर को मार्बल का अंश बताया गया था। मामले की जांच विजिलेंस और चल लेखा विभाग द्वारा भी की गई थी। हालांकि इनकी रिपोर्ट का अभी तक पता नहीं चला है।
प्रधानमंत्री से की थी शिकायत
इस पूरे मामले की शिकायत गंगापुर के सामाजिक कार्यकर्ता नरेश दुबे द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से की गई थी। प्रधानमंत्री कार्यालय से रेलवे बोर्ड और जबलपुर मुख्यालय होती हुई यह शिकायत कोटा पहुंची थी। यहां इसकी जांच तत्कालीन वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक अजय पाल को सौंप दी गई। बाकायदा इसकी सूचना भी नरेश दुबे को दी गई। नरेश दुबे ने बताया कि इस मामले की शिकायत डीआरए पंकज शर्मा से की गई थी। लेकिन पंकज ने इसका कोई जवाब देना जरूरी नहीं समझा।
पौने दो महीने से है जेल में बंद
उल्लेखनीय है कि रिश्वत लेने के आरोप में अजय पाल पिछले करीब पौने दो महीने से सेंटर जेल में बंद है। इसके चलते रेलवे ने अजय पाल को निलंबित भी कर रखा है। इसके बावजूद प्रशासन द्वारा यह जांच अजय पाल को सौंप दी गई।
वाणिज्य विभाग की है शिकायत
इस मामले में एक और खास बात यह है यह शिकायत भी वाणिज्य विभाग की ही है। माल बुक करने और भिजवाने की जिम्मेदारी वाणिज्य विभाग की ही होती है। इसके बावजूद भी प्रशासन ने आंखें बंद कर इस मामले की जांच वाणिज्य विभाग को ही सौंप दी। ऐसे में इस शिकायत की जांच के परिणाम का अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है।