Indian Railways : रेलवे ने माना हुआ फिटकरी पाउडर घोटाला, क्लेम ट्रिब्यूनल पहुंचा मामला

Indian Railways : रेलवे ने माना हुआ फिटकरी पाउडर घोटाला, क्लेम ट्रिब्यूनल पहुंचा मामला

Kota Rail News : कोटा रेल मंडल ने पहली बार आधिकारिक रूप से माना कि एलम (फिटकरी) पाउडर भेजने के नाम पर घोटाला हुआ है। इसकी बकाया किराया राशि वसूली के प्रयास किए जा रहे हैं। मामला रेलवे क्लेम ट्रिब्यूनल (आरसीटी) में पहुंच गया है। यहां से आदेश के बाद मामले में आगे कार्रवाई की जाएगी।
उल्लेखनीय है कि नरेश दुबे ने फिटकरी पाउडर घोटाले की शिकायत प्रधानमंत्री कार्यालय में की थी। कोटा रेल मंडल कार्यालय पहुंची शिकायत के बाद वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक रोहित मालवीय ने लिखित में दिए जवाब में बताया कि पाउडर के सैंपल की जांच करवाई गई है। बकाया वसूली के लिए पार्टी को नोटिस भी जारी किया गया है। रोहित ने बताया कि फिलहाल मामला आरसीटी में है। यहां से आदेश मिलने के बाद ही मामले में आगे की कार्रवाई की जाएगी।
हालांकि रोहित ने अपने जवाब में घोटाला करने वाली पार्टी के नाम का कोई जिक्र नहीं किया है। साथ ही रोहित ने यह भी बताया उचित नहीं समझा कि कुल कितने रुपयों का घोटाला हुआ है और पार्टी को कितनी बकाया राशि का नोटिस कब जारी किया गया। अपने जवाब में रोहित ने यह भी बताना जरूरी नहीं समझा कि मामले में दोषी अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई।
असम में पकड़ी है मालगाड़ी
गौरतलब है कि रेलवे ने पिछले दिनों असम गोवाहाटी में कोटा से गई एक मालगाड़ी को पकड़ा था। इसमें एलम के नाम पर मार्बल पाउडर भरा हुआ था। रेलवे ने पार्टी को करीब 17 लाख रुपए का नोटिस थमाया था। संभवत पार्टी ने यह राशि जमा नहीं कराई और मामला आरसीटी पहुंच गया। पार्टी ने मामले में रेलवे को भी जिम्मेदार ठहराया है। असम में माल छुडाने के लिए पार्टी द्वारा रेलवे से आरआर की मांग की जा रही थी। लेकिन माल मैनुअली बुक होने के कारण रेलवे द्वारा आरआर जारी नहीं की गई।
करोड़ों के घोटाले को 17 लाख में समेटने की कोशिश
उल्लेखनीय है कि एक पार्टी द्वारा किराया बचाने के लिए एलम के नाम पर मार्बल पाउडर भेजा गया। पिछले करीब 2 साल में कोटा, मांडलगढ़ और भरतपुर से ऐसी सैकड़ों मालगाड़ियां असम के लिए रवाना की गईं। इसके चलते रेलवे को करीब 100 करोड रुपए का चूना लगने का अनुमान लगाया जा रहा है।
मामला सामने आने पर रेलवे, लेखा विभाग और विजिलेंस ने मामले की जांच शुरू कर दी। जांच शुरू होते ही पार्टी ने माल भेजना बंद कर दिया। जांच के दौरान रेलवे को एलम के नाम पर मार्बल पाउडर होने का पता चला।
अभी भी अजय पाल ही कर रहे हैं मामले की जांच
मामले की जांच अभी भी भ्रष्टाचार के आरोप में पकड़े जा चुके हैं तत्कालीन वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक अजय पाल की कर रहे हैं। रेलवे ने खुद इसकी जानकारी शिकायतकर्ता को दी है। शिकायतकर्ता द्वारा प्रगति रिपोर्ट पूछे जाने पर रेलवे ने बताया कि अजय पाल मामले की जांच कर रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि इससे पहले भी शिकायत के जवाब में रेलवे ने अजय पाल द्वारा मामले की जांच करने की जानकारी दी गई थी।
यह मामला सामने आने के बाद भी रेलवे ने कोई सबक लेना जरूरी नहीं समझा। अपने दूसरे जवाब में रेलवे ने फिर से अपनी गलती को दोहरा दिया। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि रेलवे एलम पाउडर घोटाले की जांच में कितना गंभीर है।
मुख्यालय को नहीं पता शिकायतकर्ता द्वारा यह मामला अपर महाप्रबंधक शुभम चौधरी के भी ध्यान में लाया गया। लेकिन चौधरी ने अनभिज्ञता जताते हुए मामले को दिखवाने का आश्वासन दिया है।