Indian Railways : चलती ट्रेन से गिरी गार्ड की पत्नी, घायल अवस्था में 5 घंटे पड़ी रही
पटरी पर, मौत
Kota Rail News : कोटा-चित्तौड़गढ़ रेलखंड स्थित मांडलगढ़ के पास सोमवार रात एक रेलवे गार्ड की पत्नी चलती ट्रेन से अचानक गिर गई। इस घटना में गंभीर रूप से घायल पत्नी करीब 5 घंटे तक रेल पटरी पर ही पड़ी रही। बाद में मौके पर पहुंचे पति ने पत्नी को अस्पताल पहुंचाया। यहां जांच कर डॉक्टरों ने पत्नी को मृत घोषित कर दिया। इसके बाद मांडलगढ़ थाना पुलिस ने मंगलवार को पोस्टमार्टम करवाकर शव परिजनों को सौंप दिया। शाम को कोटा स्टेशन संजय नगर मुक्तिधाम में पत्नी का अंतिम संस्कार कर दिया गया।
पुलिस ने बताया कि बिहार भोजपुर हाल कोटा स्टेशन चोपड़ा फार्म निवासी मुन्ना कुमार सिन्हा (37) रेलवे में गार्ड है। पिछले दिनों मुन्ना अपने भाई, पत्नी संगीता (33) और तीन छोटे बच्चों के साथ चित्तौड़गढ़, सांवरिया सेठ तथा उदयपुर आदि जगह घूमने गया था। घूमफिर कर सभी लोग उदयपुर-निजामुद्दीन मेवाड़ एक्सप्रेस (12964) से कोटा लौट रहे थे। मांडलगढ़ स्टेशन निकलने के बाद रात करीब 10:35 बजे एक बच्चे ने अपना डायपर गिला कर दिया। इसके बाद संगीता बच्चे के डायपर फेंकने के लिए कोच के दरवाजे के पास चली गई। इसी दौरान श्यामपुरा स्टेशन के पास पटरियों की गोलाई के कारण कोच का दरवाजा अचानक एकदम से बंद हुआ। इसी दौरान दरवाजे के धक्के से संगीता एकदम से ट्रेन से नीचे गिर गई।
काफी तलाश के बाद भी नहीं चला पता
इधर, काफी देर तक भी नहीं लौटने पर मुन्ना ने संगीता की तलाश शुरू कर दी। काफी तलाश के बाद भी मुन्ना को संगीता का कहीं नहीं चला। इस दौरान कुछ यात्रियों ने मुन्ना को बताया कि श्यामपुरा के पास संभवत कोई यात्री ट्रेन से गिरा हो सकता है। इसके बाद करीब 11:25 बजे ट्रेन बूंदी पहुंच गई। यहां पर मुन्ना ने कोटा कंट्रोल रूम को घटना से अवगत कराया। कोटा कंट्रोल रूम ने आरपीएफ और रेल पथ इंजीनियर को श्यामपुरा के आसपास संगीता की तलाश के निर्देश दिए।
संगीता 5 घंटे पड़ी रही पटरी पर
इसके बाद बूंदी से मुन्ना निजामुद्दीन-उदयपुर मेवाड़ एक्सप्रेस (12963) से वापस श्यामपुरा पहुंचा गया। यहां काफी तलाश के बाद मुन्ना को संगीता मिल गई। तब तक अन्य रेलवे कर्मचारी भी मौके पर पहुंच चुके थे। संगीता गंभीर रूप से घायल थी, लेकिन तब तक संगीता की सांसे चल रही थीं।क्षके बाद सभी संगीता को लेकर मांडलगढ़ अस्पताल पहुंचे। लेकिन यहां पहुंचने से पहले संगीता का दम टूट चुका था। इसके बाद पुलिस ने अपने कब्जे में लेकर शव को मुर्दाघर में रखवाया।
समय पर इलाज मिलता तो बच सकती थी जान
पुलिस ने बताया कि यदि समय पर इलाज मिल जाता तो संगीता की जान बच सकती थी। पुलिस को 10.30 बजे की घटना की जानकारी सुबह 4 बजे मिली। इसके बाद पुलिस घटनास्थल के लिए रवाना हुई। लेकिन कुछ रेल कर्मचारी संगीता को लेकर आते उन्हें रास्ते में ही मिल गए थे। पुलिस ने बताया कि तब तक संगीता जिंदा थी। लेकिन अस्पताल पहुंचने से पहले ही संगीता दम तोड़ चुकी थी। अगर घटना के तुरंत बाद इलाज मिल जाता तो संगीता की जान बचाई जा सकती थी।