Indian Railways : भरतपुर माल गोदाम सुपरवाइजर और क्लर्क जयपुर सीबीआई कार्यालय हुए पेश, फिटकरी परिवहन घोटाला मामला

Indian Railways : भरतपुर माल गोदाम सुपरवाइजर और क्लर्क जयपुर सीबीआई

कार्यालय हुए पेश, फिटकरी परिवहन घोटाला मामला

Kota Rail News : फिटकरी परिवहन घोटाले मामले में भरतपुर रेलवे माल गोदाम सुपरवाइजर टीकाराम और सहायक वाणिज्य क्लर्क असलम खान सोमवार को जयपुर केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) कार्यालय में पेश हुए। टीकाराम और असलम ने सीबीआई अधिकारियों को भरतपुर से रवाना हुई एलम (फिटकरी) की मालगाड़ियों का रिकॉर्ड भी सौंपा। सीबीआई ने रिकॉर्ड जप्त कर दोनों से घंटों तक पूछताछ की। पूछताछ में पिछले करीब डेढ़ साल में बड़ी संख्या में मालगाड़ियां असम गुवाहाटी के लिए रवाना होने की बात सामने आई है। सीबीआई इन मालगाड़ियों के सबूत जुटाने में लगी हुई है।
100 कर्मचारियों से होगी पूछताछ
मामले को लेकर अभी और अधिकारियों और कर्मचारियों से पूछताछ होगी। माना जा रहा है कि इस लिस्ट में वाणिज्य, परिचालन, आरपीएफ, विजिलेंस और चल लेखा आदि विभागों के करीब 100 अधिकारी और कर्मचारी शामिल हैं। इन सभी को अपने विभागों के रिकॉर्ड के साथ जयपुर बुलाया जा सकता है।
यह है मामला
उल्लेखनीय है कि कोटा मंडल में बड़ा फिटकरी परिवहन घोटाला मामला सामने आया था। मामले को लेकर 15 जून को जयपुर सीबीआई ने मांडलगढ़, शंभूपुरा रांवठारोड तथा भरतपुर में छापामार कार्रवाई की थी। इस कार्रवाई में सीबीआई को अब तक 50 करोड़ रुपए से अधिक घोटाले का पता चला है। साथ ही मार्बल पाउडर से भरी 100 से अधिक मालगाड़ियां भेजे जाने की जानकारी भी मिली है। सीबीआई पता लगाने की कोशिश कर रही है की एलम के नाम पर पिछले डेढ़-दो सालों में मार्बल पाउडर की कितनी मालगाड़ियां भेजी गईं। इससे रेलवे को कुल कितने करोड़ का चूना लगा। साथ ही इस पूरे घोटाले में कितने अधिकारी और कर्मचारी शामिल हैं। मिलीभगत की बात सामने आने पर सीबीआई मामले में जनप्रतिनिधियों की भूमिका की भी जांच कर सकती है।
उल्लेखनीय है कि एक ट्रांसपोर्ट कंपनी द्वारा एलम के नाम पर बड़ी मात्रा में मार्बल पाउडर से भरी मालगाड़ियां असम और गुवाहाटी भेजी गई। मार्बल पाउडर के मुकाबले एलम का किराया आधे से भी कम होने के कारण रेलवे को इससे करोड़ों रुपए का चूना लगा।
‘कोटा रेल न्यूज़’ ने किया था खुलासा
उल्लेखनीय है कि इस पूरे मामले का खुलासा ‘कोटा रेल न्यूज़’ द्वारा किया गया था। ‘कोटा रेल न्यूज़’ द्वारा पिछले 3 महीने में मामले से संबंधित करीब एक दर्जन खबरें लगाई थीं। लगातार खबरें सामने आने पर सीबीआई ने मामले की जांच करना उचित समझा।