Rail News। भारतीय रेलवे ने ऊर्जा क्रांति की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। चेन्नई स्थित इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (ICF) में अपने पहले 1200 HP (हॉर्सपावर) वाले हाइड्रोजन इंजन का सफल परीक्षण किया गया है। यह परीक्षण भारतीय रेलवे के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है और इससे निकट भविष्य में रेलवे में बड़े बदलाव आने की उम्मीद है।
यह हाइड्रोजन से चलने वाला इंजन पर्यावरण के लिए बेहद फायदेमंद साबित होगा, क्योंकि इससे प्रदूषण में भारी कमी आएगी। इसके साथ ही, यह बिजली की भी बचत करेगा, जिससे परिचालन लागत में कमी आएगी।
रेलवे ने 2030 तक 35 हाइड्रोजन पावर ट्रेनें चलाने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है। यह दर्शाता है कि भारतीय रेलवे स्वच्छ ऊर्जा समाधानों को अपनाने के लिए प्रतिबद्ध है।
विशेष रूप से उल्लेखनीय है कि यह हाइड्रोजन इंजन पूरी तरह से भारतीय इंजीनियरों द्वारा भारत में ही निर्मित किया गया है। इसे विश्व का सबसे शक्तिशाली हाइड्रोजन इंजन बताया जा रहा है, जो भारतीय इंजीनियरिंग कौशल का एक शानदार प्रदर्शन है। इस सफलता से आत्मनिर्भर भारत अभियान को भी बल मिलेगा।
यह नवाचार भारतीय रेलवे को दुनिया के अग्रणी हरित रेलवे नेटवर्क में से एक बनाने की दिशा में एक मील का पत्थर साबित होगा।
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