खालिस्तानियों को पाकिस्तान और चीन का समर्थन। किसान आंदोलन के मद्देनजर पंजाब के पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह का यह बयान बहुत मायने रखता है।

खालिस्तानियों को पाकिस्तान और चीन का समर्थन। किसान आंदोलन के मद्देनजर पंजाब के पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह का यह बयान बहुत मायने रखता है।
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पंजाब में कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री रहे कैप्टन अमरिंदर सिंह अपनी नई पार्टी कब बनाएंगे यह बात कोई मायने नहीं रखती। लेकिन 27 अक्टूबर को अमरिंदर सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में जो कहा वो बहुत मायने रखता है। कांग्रेस में आंतरिक खींचतान के चलते कैप्टन ने हाल ही में मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा दिया था। अब कैप्टन का कहना रहा कि पंजाब को अशांत बनाने के लिए पाकिस्तान और चीन खालिस्तानियों को मदद कर रहे हैं। पाकिस्तान जहां अपनी बदनाम खुफिया एजेंसी आईएसआई के माध्यम से खालिस्तानियों के बीच सक्रिय हैं, वहीं तीन ड्रोन भेज कर दहशत का माहौल बना रहा है।
हाल ही में ड्रोन के माध्यम से पंजाब में नशीले पदार्थ तक पहुंचाए। चीन निर्मित ये ड्रोन ज्यादा वजन उठा सकते हैं और लंबी दूरी तरह कर सकते हैं, पंजाब एक सीमावर्ती राज्य है। पंजाब में यदि अशांति होती है तो इसका असर देश की सुरक्षा पर पड़ेगा। पंजाब पहले ही आतंकवाद के दौर से गुजर चुका है, अब यदि पंजाब में खालिस्तानी गतिविधियां बढ़ रही हैं तो यह बेहद चिंताजनक है। राज्य सरकार को अब केंद्र के साथ मिलकर काम करना होगा। बीएसएफ के अधिकार बढ़ाने पर कैप्टन ने कहा कि बीएसएफ तो राज्य पुलिस की मदद ही करती है। चूंकि सीमावर्ती राज्य नाजुक दौर से गुजर रहे हैं, इसलिए बीएसएफ के अधिकार बढ़ाकर केंद्र सरकार ने अच्छा काम किया है। इससे देश विरोधी गतिविधियों पर अंकुश लगेगा। कैप्टन अमङ्क्षरदर सिंह का ताजा बयान पंजाब और हरियाणा में चल रहे किसान आंदोलन के मद्देनजर बहुत मायने रखता है। आंदोलन के दौरान यह बात बार बार सामने आई है कि इस आंदोलन की आड़ में खालिस्तानी सक्रिय हैं।
पिछले दिनों सिंधु बार्डर पर किसानों के धरना स्थल पर जब एक सिक्ख युवक को यातनाएं देकर मार दिया गया, तब किसान नेता राकेश टिकैत ने भी कहा कि इस घटना से किसानों का कोई सरोकार नहीं है। पुलिस अपने स्तर पर जांच कर सकती है। लखीमपुर खीरी की हिंसा हो या दिल्ली के लालकिले पर उपद्रव, इन स्थानों पर खालिस्तान के समर्थकों की आवाज भी सुनाई दी। हालांकि कैप्टन अमङ्क्षरदर सिंह ने किसान आंदोलन को लेकर कोई टिप्पणी नहीं की, लेकिन उन्होंने पंजाब की बिगड़ती स्थिति के बारे में विस्तृत जानकारी दी।
यह जानकारी पंजाब की सुरक्षा को देखते हुए महत्वपूर्ण हैं। कोई नहीं चाहता कि पंजाब एक बार फिर आतंक के दौर से गुजरे। पंजाब के पहले आतंक का सबसे ज्यादा खामियाजा कांग्रेस पार्टी ने ही उठाया है। चूंकि पंजाब में मौजूदा समय में कांग्रेस की सरकार है, इसलिए कांग्रेस को अपने पूर्व मुख्यमंत्री की जानकारियों को गंभीरता से लेना चाहिए। यहां यह उल्लेखनीय है कि बीएसएफ के अधिकार को बढ़ाने पर पंजाब के मौजूदा सीएम चरणजीत सिंह चन्नी ने एतराज जताया है। चन्नी ने इसे राज्यों के अधिकारों में दखल बताया है। जबकि कैप्टन अमरिंदर सिंह का मानना है कि बीएसएफ से राज्य सरकार को कोई खतरा नहीं है।