कोटा: चलती ट्रेनों में अब हॉट एक्सेल (गर्म धुरी) जैसी तकनीकी खामियों को पकड़ना और भी आसान हो गया है। रेलवे ने कोटा मंडल में कोटा, सोगरिया, भरतपुर और अलनिया सहित 10 महत्वपूर्ण स्टेशनों पर हॉट एक्सल बॉक्स डिटेक्टर (Hot Axle Box Detector) स्थापित किए हैं।
ये अत्याधुनिक डिवाइस इंफ्रा रेड सेंसर तकनीक पर आधारित हैं। इनकी मदद से दौड़ती ट्रेनों के पहिए, ब्रेक, एक्सल वियरिंग के तापमान में वृद्धि, रोलर की खराबी, ग्रीस का बाहर निकलना और ब्रेक बाइंडिंग जैसी किसी भी तरह की खामी का पता लगाया जा सकता है।
जैसे ही यह डिवाइस किसी खामी को पकड़ती है, तुरंत अलर्ट मैसेज के जरिए कंट्रोल ऑफिस तक सूचना पहुंच जाती है। मैसेज मिलते ही कंट्रोल ऑफिस के टीवी स्क्रीन पर अलार्म बजने लगता है। इसके बाद कंट्रोल ऑफिस द्वारा तुरंत ट्रेन को मौके पर रोककर मामले की जांच की जाती है, जिससे संभावित बड़े हादसों को टाला जा सके।
एक साल में 15 हॉट एक्सल के मामले:
कोटा मंडल में पिछले वित्तीय वर्ष (अप्रैल 2024 से मार्च 2025 तक) में हॉट एक्सेल के 15 मामले सामने आए थे। इन सभी मामलों में हॉट एक्सेल वाले वैगन को ट्रेन से अलग किया गया था। इसके अलावा, 50 ट्रेनों में पहिए का तापमान अधिक होने के मामले भी दर्ज किए गए थे। इन सभी खामियों को इन्हीं हॉट एक्सल बॉक्स डिटेक्टरों द्वारा ही पकड़ा गया था, जो रेलवे सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुए हैं। इन डिटेक्टरों की स्थापना से ट्रेनों के सुरक्षित संचालन में और भी मजबूती आएगी।
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