रेलवे ने ई-पास और पीटीओ (Pass and Privilege Ticket Order) पर मुफ्त यात्रा करने वाले रेल कर्मचारियों और उनके परिवार के पात्र सदस्यों के लिए नए नियम जारी किए हैं।
अनिवार्यता: ई-पास/पीटीओ पर यात्रा करते समय, कर्मचारी या पात्र परिवार के सदस्यों को ई-टिकट (E-Ticket) साथ रखना जरूरी होगा।
प्रस्तुति: यह टिकट मोबाइल में डिजिटल रूप में या प्रिंटआउट के रूप में टीटीई (ट्रेन टिकट परीक्षक) को दिखाना होगा।
जुर्माना: टिकट प्रस्तुत न करने पर आईआरसीटीसी (IRCTC) के नियमों के अनुसार ₹50 का जुर्माना लगाया जा सकता है।
लागू: यह नियम सभी श्रेणियों के कर्मचारियों पर समान रूप से लागू है।
अब अवैध: अब केवल ई-पास/पीटीओ दिखाकर यात्रा करना पूरी तरह अवैध है।
पहचान पत्र: ई-पास/पीटीओ पर यात्रा के दौरान वैध पहचान पत्र दिखाना अनिवार्य कर दिया गया है।
पूरे समूह पर असर: यदि यात्रियों के समूह में से किसी एक के पास भी वैध पहचान पत्र नहीं पाया जाता है, तो पूरे समूह को बिना टिकट यात्रा करता माना जाएगा और उसी के अनुसार वसूली भी की जाएगी।
| टिकट स्थिति | नियम एवं प्रावधान |
| PRS काउंटर से वेटिंग टिकट | ट्रेन में खाली बर्थ मिलने पर यात्रा की अनुमति होगी। जरूरत पड़ने पर उच्च श्रेणी में अपग्रेड भी किया जा सकता है, लेकिन किराए का अंतर देना होगा। |
| ई-टिकट पर वेटिंग (चार्ट बनने के बाद भी कन्फर्म न हो) | यात्रा का अधिकार स्वतः समाप्त हो जाएगा। पकड़े जाने पर टीटीई बिना टिकट यात्रा के अनुसार जुर्माना वसूल सकता है। |
| चार्ट बनने के बाद RAC की स्थिति में | कर्मचारी को स्टेशन से अनारक्षित टिकट लेना होगा। बाद में यदि सीट उपलब्ध होती है, तो पात्रता अनुसार बर्थ दे दी जाएगी और ई-पास/पीटीओ उसी दूरी के लिए मान्य माना जाएगा। |
ये नए नियम रेलवे कर्मचारियों को उनकी मुफ्त यात्रा सुविधाओं का उपयोग करते समय अधिक जवाबदेह और औपचारिक बनाने के उद्देश्य से लाए गए हैं।
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