Railways: लाखों रुपए खर्च कर हुई सांसदों की बैठक पौन घंटे में खत्म, 11 में से पहुंचे 3 सांसद सीपी जोशी ने उठाए सवाल

कोटा मंडल परिक्षेत्र के सांसदों की बैठक इस बार भी अपने उद्देश्य में सफल नहीं हो पाई, जिसके कारण बैठक के औचित्य और लाखों के खर्च पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं।

📉 बैठक की मुख्य बातें

  • स्थान और खर्च: शहर के महंगे उम्मेद भवन पैलेस में लाखों रुपए खर्च कर यह बैठक आयोजित की गई।

  • उपस्थिति:

    • कुल सांसद (11): केवल 3 सांसद (सीपी जोशी, सुधीर गुप्ता, दामोदर अग्रवाल) पहुँचे।

    • प्रतिनिधि: 3 अन्य सांसदों (रोडमल नागर, दुष्यंत सिंह, हेमा मालिनी) के प्रतिनिधि आए।

    • अनुपस्थित: कोटा-बूंदी के ओम बिरला सहित 5 सांसदों ने प्रतिनिधि भी नहीं भेजा।

  • अवधि: दोपहर 12:10 बजे शुरू होकर करीब 12:50 बजे (लगभग 40 मिनट) खत्म हो गई, जो अब तक की सबसे छोटी बैठक साबित हुई।

🤔 सीपी जोशी ने उठाए सवाल

चित्तौड़गढ़ के सांसद सीपी जोशी ने बैठक में लाखों रुपए खर्च किए जाने को फिजूलखर्ची बताया।

  • खर्च पर आपत्ति: जोशी ने सुझाव दिया कि यह कार्यक्रम कोटा डीआरएम ऑफिस में भी हो सकता है, जिससे अनावश्यक खर्च से बचा जा सके।

  • जानकारी का अभाव: उन्होंने यह भी मुद्दा उठाया कि उनके संसदीय क्षेत्र के स्टेशनों पर चल रहे कार्यों की जानकारी उन्हें नहीं दी जाती

  • अन्य मुद्दे: जालंधरी म-नसीराबाद नई रेल लाइन और कोटा-चित्तौड़गढ़ रेलखंड के दोहरीकरण का मुद्दा उठाया।

  • बोलने का कम मौका: उन्होंने यह भी कहा कि समय के अभाव में सांसदों और जनप्रतिनिधियों को बोलने का अधिक मौका नहीं दिया गया

🗣️ अन्य सांसदों की प्रमुख मांगें

  • सुधीर गुप्ता (मंदसौर):

    • नीमच-सिंगोली-कोटा नई रेल लाइन का काम जल्द शुरू करने की मांग।

    • शामगढ़ में अगस्त क्रांति राजधानी ट्रेन के ठहराव की मांग।

    • पर्यावरण पर चिंता जताते हुए नारियल को अल्युमिनियम फॉयल में लपेटकर देने पर नाराजगी जताई।

  • दामोदर अग्रवाल (भीलवाड़ा):

    • ऊपरमाल और मांडलगढ़ स्टेशन पर साफ-सफाई और यात्री सुविधाओं की मांग।

❓ बैठकों पर बार-बार प्रश्न क्यों?

  • ठोस नतीजों का अभाव: पिछली बार भी तीन ही सांसद आए थे। इन बैठकों पर होने वाले भारी-भरकम खर्च के बावजूद कोई ठोस नतीजा सामने नहीं आता।

  • सीमित अधिकार क्षेत्र: सांसदों की अधिकतर मांगें (नई ट्रेनें और ठहराव) कोटा मंडल या पश्चिम-मध्य रेलवे के अधिकार क्षेत्र में नहीं होतीं और रेलवे बोर्ड भेज दी जाती हैं।

  • मांगों का लंबित होना: रेलवे बोर्ड में ये मांगें लंबे समय तक अटकी रहती हैं, जिससे सांसदों की मांगें पूरी नहीं हो पातीं। सांसदों द्वारा बैठकों से दूरी बनाने का यह एक बड़ा कारण बताया जाता है।

🚅 रेलवे की तरफ से जानकारी और अगले कदम

  • डीआरएम अनिल कालरा ने पावर प्रेजेंटेशन के माध्यम से विकास कार्यों की जानकारी दी।

  • अगले साल से ट्रेन की गति: कालरा ने बताया कि कोटा रेल मंडल में अगले साल से ट्रेनें अधिकतम 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ने लगेंगी।

  • अमृत भारत स्टेशन योजना: 17 में से दो स्टेशनों का काम पूरा हो गया है, बाकी 13 का मार्च-अप्रैल तक और दो का जून तक पूरा हो जाएगा।

  • सांसदों को भेंट: सांसदों को एक लैपटॉप बैग और मोमेंटो के रूप में एक अन्य बैग के साथ शॉल आदि भेंट किए गए।

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