कोटा। भारतीय रेलवे में तकनीकी संवर्गों (ऑपरेटिंग विभाग सहित) में ग्रुप 'सी' (स्तर-6 एवं स्तर-7) के सुपरवाइजरों के नए पद सृजित किए जाएंगे। इस संबंध में रेलवे बोर्ड ने सोमवार को एक पत्र जारी कर सभी जोनल रेलवे से आवश्यक जानकारी मांगी है।
यह कदम रेलवे में पर्यवेक्षी ढांचे को मजबूत करने और बढ़ती आवश्यकताओं को पूरा करने के उद्देश्य से उठाया जा रहा है।
जोनल रेलवे से मांगी गई प्रमुख जानकारी:
रेलवे बोर्ड ने जोनल रेलवे से निम्नलिखित बिंदुओं पर विस्तृत जानकारी प्रदान करने को कहा है:
- अतिरिक्त पर्यवेक्षी पद की कार्यात्मक आवश्यकता: इन नए पदों की वास्तविक आवश्यकता क्यों है और ये कैसे रेलवे के कामकाज में सुधार करेंगे।
- वर्तमान कार्यभार और पर्यवेक्षी अवधि: मौजूदा सुपरवाइजरों पर कितना कार्यभार है और उनकी पर्यवेक्षी अवधि क्या है।
- दक्षता और सुरक्षा पर प्रभाव: नए पदों के सृजन से रेलवे की दक्षता और सुरक्षा पर क्या सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
- मौजूदा स्तर पर स्थिरता के आंकड़े: वर्तमान पर्यवेक्षी पदों पर कर्मचारियों की स्थिरता के आंकड़े।
- कैडर प्रबंधन और कैरियर प्रगति के लिए दीर्घकालिक लाभ: ये पद कैडर प्रबंधन और कर्मचारियों की कैरियर प्रगति में कैसे सहायक होंगे।
- स्वीकृत संख्या बनाम वास्तविक कार्यशील संख्या: स्वीकृत पदों की संख्या और वर्तमान में कार्यरत कर्मचारियों की वास्तविक संख्या।
- रिक्त पद, आगामी सेवानिवृत्ति और अनुमानित जनशक्ति अंतराल: वर्तमान में कितने पद रिक्त हैं, आगामी सेवानिवृत्तियाँ कितनी हैं, और भविष्य में अनुमानित जनशक्ति की कमी कितनी हो सकती है।
- नई प्रौद्योगिकियों और ट्रैक मशीनों आदि के आने से उत्पन्न आवश्यकताएं: नई तकनीकियों, ट्रैक मशीनों और अन्य आधुनिक उपकरणों के आने से उत्पन्न हुई पर्यवेक्षी आवश्यकताओं का विवरण।
यह पहल रेलवे के विभिन्न विभागों में पर्यवेक्षी स्तर पर मानव संसाधन को मजबूत करने और परिचालन दक्षता में सुधार लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
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