महत्वपूर्ण कागजात और सरकारी सील बरामद
कोटा। रेलवे में महिला कर्मचारियों की फर्जी भर्ती के मामले में सीबीआई के हाथ महत्त्वपूर्ण दस्तावेज और सरकारी सील (मोहर) लगे हैं। सीबीआई सूत्रों के अनुसार, बरामद सामग्री से इस पूरे मामले में किसी बड़े गिरोह की आशंका जताई जा रही है, जिसमें रेलवे के कई बड़े अधिकारी शामिल हो सकते हैं।
छापेमारी में जुटे महत्त्वपूर्ण सबूत
सीबीआई ने शुक्रवार को सोगरिया में पाइंटमैन आशा मीणा के करौली, कोटा और अलवर स्थित घरों के अलावा डमी अभ्यर्थी लक्ष्मी मीणा के दिल्ली स्थित घर पर छापेमारी की। इसके साथ ही महिला कर्मचारियों की नौकरी लगवाने वाले कर्मचारी के कोटा और करौली स्थित आवासों पर भी कार्रवाई की गई।
सूत्रों के अनुसार, सीबीआई को सभी महत्त्वपूर्ण सबूत मिल चुके हैं। जल्द ही इस मामले में कई गिरफ्तारी होने की संभावना है। पश्चिम-मध्य रेलवे की अनुशंसा पर सीबीआई ने अज्ञात अधिकारी, कर्मचारी, निजी व्यक्ति, आशा मीणा और लक्ष्मी मीणा के खिलाफ केस दर्ज किया है।
विभागीय परीक्षाओं में गड़बड़ी की आशंका
सीबीआई ने अपनी एफआईआर में जिन अज्ञात अधिकारियों और कर्मचारियों का उल्लेख किया है, उन पर रेलवे की विभागीय परीक्षाओं, पदोन्नति, स्थानांतरण, अप्रेंटिस भर्ती और खेल कोटा में भी गड़बड़ी के आरोप हैं। सूत्रों के अनुसार, इन अधिकारियों ने विभिन्न पदों पर रहते हुए सैकड़ों कर्मचारियों को अनुचित लाभ पहुंचाया।
सपना मीणा पर फर्जी नौकरी का आरोप
डीआरएम ऑफिस में कार्यरत सपना मीणा पर भी डमी अभ्यर्थी के जरिए नौकरी पाने का आरोप है। यह आरोप खुद उनके पति मनीष मीणा ने लगाया है। मनीष ने गार्ड राजेंद्र मीणा पर सपना की नौकरी के लिए पैसे लेने का भी आरोप लगाया है।
मनीष का कहना है कि उन्होंने सपना की नौकरी के लिए अपना खेत गिरवी रखकर 15 लाख रुपये खर्च किए थे। रेलवे ने इस मामले में सपना मीणा और आशा मीणा को नवंबर में तथा राजेंद्र मीणा को दिसंबर में निलंबित कर दिया था।
'जननायक' ने किया था खुलासा
उल्लेखनीय है कि इस पूरे मामले को सबसे पहले दैनिक समाचार पत्र 'जननायक' ने 30 सितंबर के अंक में "डमी अभ्यर्थी बैठाकर रेलवे में हासिल की नौकरी" शीर्षक से प्रकाशित किया था।
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