Rail News: इस बार की सर्दी कोटा रेलवे स्टेशन पर यात्रियों के लिए बड़ी चुनौती बनकर आई है। स्टेशन पर साधारण यात्री प्रतिक्षालय टूटने और अन्य सुविधाओं की कमी के चलते यात्री सर्द हवाओं में खुले आसमान के नीचे रात बिताने को मजबूर हो रहे हैं। प्रतिक्षालय के अभाव में सर्दी से बचाव करना यात्रियों के लिए बेहद मुश्किल हो गया है, खासकर रात के समय यह परेशानी और बढ़ जाती है।
रेलवे ने तोड़े गए प्रतिक्षालय की जगह प्लेटफार्म नंबर वन-ए पर अस्थाई साधारण वेटिंग रूम बनाया है, लेकिन इसकी जानकारी यात्रियों तक नहीं पहुंची है। इसके चलते यह वेटिंग रूम लगभग खाली रहता है। इस वेटिंग रूम की क्षमता भी सीमित है, जहां केवल 40-50 यात्री ही बैठ सकते हैं, जबकि स्टेशन पर हर समय सैकड़ों यात्री मौजूद रहते हैं।
कोटा रेलवे स्टेशन पर रोजाना करीब 100 ट्रेनों का आवागमन होता है और लगभग 25,000 यात्री यहां से सफर करते हैं। कोहरे के कारण ट्रेनें अक्सर देरी से चलती हैं, जिससे यात्रियों को स्टेशन पर लंबा इंतजार करना पड़ता है। ऐसे में सुविधाओं के अभाव में यात्रियों को गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
अमृत भारत योजना के तहत स्टेशन पुनर्विकास कार्य के चलते प्लेटफार्म नंबर एक पर बना साधारण यात्री प्रतिक्षालय तोड़ दिया गया है। प्लेटफार्म के कई हिस्सों से टीन शेड भी हटा दिए गए हैं, जिससे यात्री सर्दी में खुले आसमान के नीचे रात बिताने को मजबूर हैं।
सर्दी से बचाव के लिए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला द्वारा हर साल स्टेशन पर शुरू की जाने वाली कंबल निधि इस बार अब तक शुरू नहीं हो सकी है। इस योजना के तहत यात्रियों को पहचान पत्र जमा कर कंबल उपलब्ध कराया जाता था, जिसे सफर शुरू करने से पहले वापस जमा करना होता था। कंबल निधि न होने से यात्री अपनी शॉल और चादरों से सर्दी से बचाव की कोशिश कर रहे हैं।
स्टेशन परिसर में हर साल शुरू होने वाला रैन बसेरा भी इस बार अब तक चालू नहीं हो पाया है। इसके चलते बेघर, भिखारी और लावारिस लोग सर्दी से बचने के लिए स्टेशन पर पहुंचने लगे हैं, जिससे रात के समय स्टेशन पर अव्यवस्था बढ़ गई है।
नगर निगम प्रतिपक्ष नेता और कंबल निधि कार्यक्रम के सहयोगी लव शर्मा ने बताया कि पुनर्विकास कार्य के कारण जगह की कमी से कंबल निधि और रैन बसेरा की व्यवस्था प्रभावित हुई है। उन्होंने कहा कि जल्द ही रैन बसेरा शुरू करने और कंबल निधि की व्यवस्था को बहाल करने का प्रयास किया जा रहा है।
यात्रियों और स्थानीय निवासियों ने रेलवे प्रशासन से अपील की है कि सर्दी के इस मौसम में सुविधाओं को जल्द से जल्द बहाल किया जाए, ताकि यात्रियों को राहत मिल सके।
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