कोटा: कोटा में चाइनीज मांझे ने एक बार फिर एक व्यक्ति की जिंदगी से खेल दिया। एक रेलवे कर्मचारी घनश्याम मीणा की दोनों आंखों की पलकें चाइनीज मांझे से कट गईं। बाल-बाल बची उनकी आंखें। डॉक्टरों ने 19 टांके लगाकर उनकी आंखों को बचाने की कोशिश की है।
क्या हुआ? घनश्याम मीणा रेलवे वर्कशॉप में वाहन चालक हैं। कंधे की हड्डी टूटने के बाद वे फिटनेस सर्टिफिकेट लेने रेलवे अस्पताल जा रहे थे। तभी तुल्लापुरा के पास एक पतंग का चाइनीज मांझा उनके चेहरे पर लग गया और उनकी दोनों पलकें कट गईं।
बाल-बाल बची जान घनश्याम ने बताया कि मांझा लगते ही उन्होंने तुरंत अपनी आंखें बंद कर लीं, जिससे उनकी आंखों को गंभीर नुकसान होने से बचाया जा सका। यदि वे अपनी आंखें बंद न करते तो मांझे की धार उनकी आंखों को गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त कर सकती थी और उनकी रोशनी चली जा सकती थी।
अस्पताल में भर्ती घनश्याम को तुरंत एमबीएस अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उनका ऑपरेशन किया और उन्हें आईसीयू में भर्ती किया। अब उनकी हालत स्थिर है।
चाइनीज मांझे पर पाबंदी के बावजूद बिक्री जारी चाइनीज मांझे पर पूरी तरह से प्रतिबंध होने के बावजूद यह शहर में खुलेआम बिक रहा है। नगर निगम द्वारा कई बार कार्रवाई करने के दावे किए गए हैं लेकिन इसके बावजूद यह समस्या जस की तस बनी हुई है।
पहले भी हो चुकी हैं ऐसी घटनाएं यह पहली बार नहीं है जब चाइनीज मांझे ने किसी को घायल किया हो। इससे पहले भी शहर में कई ऐसे मामले सामने आ चुके हैं। मकर संक्रांति के मौसम में ऐसे मामले और बढ़ जाते हैं।
समाधान क्या? चाइनीज मांझे से होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कानून बनाना जरूरी है। साथ ही, प्रशासन को भी इस समस्या पर गंभीरता से ध्यान देना होगा और चाइनीज मांझे की बिक्री पर पूरी तरह से रोक लगानी होगी।
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