जल स्रोतों की स्थिरता के लिए ‘ग्राऊंड वाटर रिचार्ज‘ और ‘जल संरक्षण‘ पर फोकस करें-अतिरिक्त मुख्य सचिव

राज्य जल एवं स्वच्छता मिशन की कार्यकारी समिति की बैठक
जल स्रोतों की स्थिरता के लिए ‘ग्राऊंड वाटर रिचार्ज‘ और ‘जल संरक्षण‘ पर फोकस करें-अतिरिक्त मुख्य सचिव
 जलदाय विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री सुधांश पंत ने प्रदेश में पेयजल के स्रोतों की लम्बे समय तक स्थिरता के लिए अधिकारियों को ‘ग्राऊंड वाटर रिचार्ज‘ और ‘जल संरक्षण‘ पर फोकस करते हुए सतत प्रयास करने के निर्देश दिए हैं।
श्री पंत गुरूवार को शासन सचिवालय में राज्य जल एवं स्वच्छता मिशन की कार्यकारी समिति की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि विभाग में नलकूप और हैंडपम्प सहित पेयजल सप्लाई के स्रोतों के आस पास वाटर रिचार्ज के लिए जल जीवन मिशन (जेजेएम) की गाइडलाइन के अनुसार संरचनाओं का निर्माण हो। इसके लिए जलदाय विभाग के अधिकारी अन्य विभागों के साथ समन्वय करते हुए 15वें वित्त आयोग और मनरेगा के प्रावधानों के तहत उपलब्ध राशि का भी सदुपयोग सुनिश्चित करें।
अतिरिक्त मुख्य सचिव (एसीएस) ने राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में स्कूल, आंगनबाड़ी केन्द्र, पंचायत भवन एवं स्वास्थ्य केन्द्रों जैसे परिसरों में नल से जल कनैक्शन देने की प्रगति की समीक्षा की और शेष बचे स्थानों पर आगामी 31 मार्च तक कनैक्शन देने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन के तहत जिलों में जिला जल एवं स्वच्छता मिशन की बैठकों में भी इसकी प्रगति पर निरंतर निगाह रखी जाए। सभी जिलों में विभागीय अधिकारी जिला कलक्टर, जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और अन्य अधिकारियों से सम्पर्क रखते हुए निर्धारित टाइमलाइन में लक्ष्य को पूरा करें।
श्री पंत ने बैठक में जल जीवन मिशन की प्रगति की समीक्षा करते हुए आगामी दिनों में सभी जिलों के कलक्टर्स, जिला परिषदों के सीईओ और जिला जल एवं स्वच्छता समिति के सदस्यों को शामिल करते हुुए राज्य स्तरीय वेबिनार आयोजित करने तथा सभी कायोर्ं एवं गतिविधियों में तेजी लाने के निर्देश दिए।
बैठक में बताया गया कि प्रदेश में जेजेएम के तहत जिला कलक्टर्स की अध्यक्षता में जिला जल एवं स्वच्छता समिति की बैठकें लगातार आयोजित हो रही हैं। प्रदेश में 40 हजार से अधिक ग्राम जल एवं स्वच्छता समितियों के गठन और सभी जिलों में क्रियान्वयन सहयोग एजेंसीज (आईएसए-इम्पलीमेंटेशन सपोर्ट एजेंसी) का चयन कर लिया गया है। एसीएस ने सभी जिलों में आईएसए के साथ एग्रीमेंट साइन करने का कार्य भी शीघ्रता से पूर्ण करने के निर्देश देते हुए कहा कि ग्रामीण युवाओं की स्किल ट्रेनिंग के कार्यक्रमों में भी पूर्ण पारदर्शिता बरती जाए।
बैठक में जल स्रोतों के डिजाईन एवं स्टैण्डर्डाइजेशन, ग्रामीणों की सक्रिय भागीदारी, विलेज एक्शन प्लान सहित अन्य बिन्दुओं पर चर्चा की गई। बैठक में मुख्य अभियंता (ग्रामीण) श्री आरके मीना, मुख्य अभियंता (तकनीकी) श्री संदीप शर्मा, डब्ल्यूएसएसओ के निदेशक श्री अमिताभ शर्मा के अलावा ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज, सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग सहित सम्बंधित विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।