शिक्षकों के अनुकूल बनायेंगे संस्कृत कॉलेज शिक्षा सेवा नियम-संस्कृत शिक्षा राज्य मंत्री

शिक्षकों के अनुकूल बनायेंगे संस्कृत कॉलेज शिक्षा सेवा नियम-संस्कृत शिक्षा राज्य मंत्री
संस्कृत शिक्षा राज्य मंत्री श्री सुभाष गर्ग ने गुरूवार को विधानसभा में बताया कि कॉलेज शिक्षा नियम प्रक्रियाधीन है और विभागीय स्तर पर कई बैठकें हुई हैं, लेकिन शिक्षक संघों के अलग-अलग मत होने से वित्त और कार्मिक विभाग सहमति नहीं दे पा रहा है। उन्होंने आश्वस्त किया कि कॉलेज शिक्षा के शिक्षकों की पीड़ा को देखते हुए वे स्वयं, वित्त और कार्मिक सचिव के साथ बैठक कर इस संबंध में अनुकूल नियम बनाने के प्रयास किये जायेंगे।
डॉ गर्ग ने प्रश्नकाल के दौरान विधायक श्री पानाचंद मेघवाल के पूरक प्रश्न का जवाब देते हुए कहा कि कॉलेज शिक्षा सेवा नियम अनुमोदित होने पर भर्ती और पदोन्नति की प्रक्रिया शुरू कर देंगे। उन्होंने कहा कि वर्ष 2013 से स्कूल शिक्षा सेवा नियमों को अनुमोदित कराकर वर्ष 2019-20 तक की डीपीसी का काम पूरा कर दिया है। भर्ती भी काफी हुई हैं, दूसरी भर्ती भी जल्द करेंगे। संस्कृत कॉलेज शिक्षा में भी ऎसा ही काम किया जायेगा।
इससे पहले विधायक श्री पानाचंद मेघवाल के लिखित जवाब में डॉ गर्ग ने बताया कि राजस्थान संस्कृत शिक्षा राज्य एवं अधीनस्थ सेवा नियम (विद्यालय शाखा) 2015 में पूर्व प्रचलित राजस्थान संस्कृत शिक्षा सेवा नियम  1977 एवं 1978 को रिपिल किये जाने से वर्तमान में संस्कृत महाविद्यालय के सेवा नियम अस्तित्व में नहीं है। संस्कृत शिक्षा के नवीन महाविद्यालय सेवा नियम तैयार करने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
उन्होंने बताया कि संस्कृत शिक्षा के कॉलेजों में शिक्षकों के कुल स्वीकृत 188 पदों पर 90 शिक्षक कार्यरत है। वर्तमान में संस्कृत शिक्षा के कॉलेजों के किसी भी शिक्षक को कार्य व्यवस्थार्थ प्रतिनियुक्ति पर नहीं लगा रखा है।