Rajasthan :बीजेपी की 4 सांसदों की कमेटी ने सरकार व कई मंत्रियों , पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों पर गम्भीर आरोप

Rajasthan :बीजेपी की 4 सांसदों की कमेटी ने सरकार व कई मंत्रियों , पुलिस व

प्रशासनिक अधिकारियों पर गम्भीर आरोप

राजस्थान के भरतपुर में डीग के पसोपा गाँव मे श्रीकृष्ण की क्रीडा स्थली रहे पौराणिक महत्व के कनकांचल व आदि बद्री पर्वतो को खनन माफियाओं के चंगुल से मुक्त कराने के किये 552 दिनों तक चले धरने व आंदोलन के अंतिम पडाव में 20 जुलाई को आत्मदाह करने वाले संत बाबा विजयदास की मौत के बाद बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा द्वारा फैक्ट चेक करने के लिए बनाई गई 4 सांसदों की कमेटी ने भरतपुर के पसोपा गांव पहुंच कर राजस्थान की गहलोत सरकार, उनके कई मंत्रियों तथा भरतपुर के पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों पर गम्भीर आरोप लगाये है।

भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री और प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह, सीकर सांसद स्वामी सुमेधानंद सरस्वती, पूर्व केंद्रीय मंत्री और सांसद सत्यपाल सिंह, उत्तर प्रदेश के पूर्व पुलिस महानिदेशक सांसद बृजलाल यादव की इस कमेटी के दौरे के दौरान अलवर सांसद बाबा बालकनाथ ने जिला कलेक्टर व संभागीय आयुक्त के खिलाफ गंभीर आरोप लगाते हुए कमेटी के सदस्यों के सामने शिकायत दर्ज कराई। बालकनाथ ने कहा कि “जिला कलेक्टर व संभागीय आयुक्त ने सभी गाँव वालों को उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज होने की धमकी दी थी। और संभागीय आयुक्त तो अभी भी गाँव वालों को धमका रहे है। राजस्थान पुलिस के जवान अभी भी यहां सिविल वर्दी में घूम रहे है।” बालकनाथ ने आरोप लगाया कि “गांव वालों को धमकी दी जा रही है कि बाबा तो गया, लेकिन तुम गाँव वालों में से कोई कुछ भी किसी को बोलेगा तो तुम्हारे खिलाफ पेट्रोल लाने का, माचिस देने का, बाबा को भड़काने का मुकदमा लगाएंगे। तुम्हारे जवान बच्चो के खिलाफ भी मुकदमा लगाएंगे, फिर वो नौकरी पर नही लग पाएंगे।

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गांव के एक आदमी को भी नही छोड़ेंगे।” इस दौरान बाबा बालकनाथ ने कमेटी के सामने एकत्रित हुई भीड़ से पूछा कि तुम को धमकाया गया था ना, तो भीड़ में खड़े लोगो ने एक स्वर में हां कहा। इस बीच राष्ट्रीय महामंत्री और प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह ने कहा कि, ब्रज क्षेत्र के तीर्थ स्थल पहाड़ों को बचाने के लिए भगवान श्रीकृष्ण की क्रीड़ास्थली और आदि बद्री और कनकांचल पहाड़ों को बचाने के लिए संतों को 550 दिन से भी ज्यादा आंदोलन करना पड़ा। संतों को पूरा विशवास हो गया कि माफियाओं का पूरा जाल यहां पर है और प्रदेश सरकार का पूरा संरक्षण उनके ऊपर है। यहां पर अवैध खनन चलता रहेगा। इससे कनकांचल और आदि बद्री पर्वत बचेगा नहीं। इससे हैरान और परेशान होकर बाबा हरि बोल दास ने पिंडदान किया। दूसरे संत बाबा नारायण दास टावर पर चढ़े, संतों का मानना था की, सद्बुद्धि सरकार को आ जाए। लेकिन वह तो आनी नहीं थी। क्योंकि सरकार अफसर और मंत्री सभी मिले हुए हैं। जिससे परेशान होकर संत विजय दास ने आत्मदाह किया। सरकार के लोग एक-एक व्यक्ति को डराने और धमकाने का काम कर रहे हैं। अरुण सिंह ने कहा- अशोक गहलोत जी, किस तरह का पाप अपने सिर पर लेकर जा रहे हो।