चिकित्सा मंत्री ने किया आबूरोड व धोरीमन्ना में एसएनसीयू का लोकार्पण

चिकित्सा मंत्री ने किया आबूरोड व धोरीमन्ना में एसएनसीयू का लोकार्पण
-राज्य में एसएनसीयू की संख्या 59 से बढ़कर हुई 61-
जयपुर, 5 मार्च। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने शुक्रवार को अपने राजकीय आवास से आबूरोड (सिरोही) और धोरीमन्ना (बाड़मेर) सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में स्पेशल न्यू बोर्न केयर यूनिट (एसएनसीयू) का वर्चुअल माध्यम से लोकार्पण किया।
डॉ शर्मा ने बताया कि राज्य में कुल 59 एसएनसीयू संचालित थी, दोनों एसएनसीयू की शुरुआत के बाद यह संख्या बढ़कर 61 हो गई है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक एसएनसीयू में रेडिएंट वार्मर, सीपीएपी मशीन, फोटोथैरेपी मशीन, सीरींज इंफ्यूजन पंप, पल्स ऑक्सीमीटर व अन्य आवश्यक उपकरण उपलब्ध करवाए गए हैं।
चिकित्सा मंत्री ने बताया कि इन इकाइयों में नवजात शिशु की विभिन्न बीमारियों जैसे श्वसन अवरोध, संक्रमण, पीलिया, समय से पहले जन्मे बच्चे, कम वजन के बच्चे, हाइपोथर्मिया के उपचार के साथ जन्म के समय कम वजन वाले शिशुओं तथा समय पूर्व जन्मे शिशुओं का उपचार किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इन सभी इकाइयों में प्रशिक्षित स्टाफ लगाया गया है।
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि वर्ष 2019-20 में सीएचसी आबूरोड में 4934 प्रसव तथा सीएचसी धोरीमन्ना में 2295 प्रसव हुए। उन्होंने बताया कि सामान्यतः प्रसव संख्या के दस प्रतिशत नवजात शिशुओं को एसएनसीयू में उपचार की जरुरत होती है। इतने ही नवजात सामुदायिक या अन्य चिकित्सा संस्थानों से रैफर होकर एसएनसीयू में भर्ती होते हैं। उन्होंने बताया कि इन नवजात शिशुओं को अब स्थानीय स्तर पर उपचार मिल सकेगा।
डॉ शर्मा ने कहा कि बेहतर चिकित्सा सुविधाओं के चलते राज्य में शिुशु मृत्यु दर (आईएमआर) 37 और नवजात मृत्यु दर (एनएमआर) 26 रह गई है। उन्होंने कहा कि इस दर को और कम करने के प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने कहा सरकार का पूरा ध्यान मातृ मृत्यु दर व शिशु मृत्यु दर में कमी लाने पर है। उन्होंने कहा कि सरकार ने बीते सवा दो वषोर्ं में चिकित्सकीय आधारभूत ढांचे को मजबूत करने के लिए सभी महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।
कार्यक्रम में चिकित्सा सचिव श्री सिद्धार्थ महाजन ने कहा कि नए एसएनसीयू प्रारंभ होने से दोनों सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में नवजात शिशुओं बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध हो सकेगी। उन्होंने कहा कि विभाग सभी पहलुओं पर मजबूती के साथ कार्य कर रहा है। हाल ही में कोटा में 32 करोड़ की लागत से बना नियोनेटल आईसीयू इसका प्रमुख उदाहरण है।
इस मौके पर एनएचएम निदेशक श्री नरेश ठकराल ने कहा कि सरकार नवजात शिशुओं की मृत्यु दर को कम करने के लिए निरंतर प्रयासरत है। उन्होंने बताया कि अगले वर्ष छह नए एसएनसीयू भी प्रस्तावित हैं। इस अवसर पर शिशु स्वास्थ्य की परियोजना निदेशक डॉ. गुणमाला जैन ने पीपीटी के माध्यम से एसएनसीयू के बारे में विस्तार से बताया।
इस मौके पर निदेशक जन स्वास्थ्य डॉ. के के शर्मा, आरसीएच निदेशक डॉ. एल एस ओला उपस्थित रहे। साथ ही सबंधित सीएचसी से अधिकारी व कार्मिकगण वर्चुअल माध्यम से जुड़े।