Rajasthan : सीएम गहलोत ने पायलट को गद्दार कहते हुए उनका सीएम बनना किया बिल्कुल नामंजूर।

Rajasthan : सीएम गहलोत ने पायलट को गद्दार कहते हुए उनका सीएम बनना किया बिल्कुल नामंजूर।

भारत जोड़ो यात्रा राजस्थान में दिसंबर के पहले सप्ताह में प्रवेश करेगी। इस यात्रा को लेकर राजस्थान कांग्रेस की ओर से की जा रही तैयारियों के बीच सीएम अशोक गहलोत ने बड़ा सियासी बयान दिया है। अशोक गहलोत की ओर से एक टीवी चैनल मे दिये गये इंटरव्यू में पायलट पर तीखा हमला बोला है। दरअसल राहुल गांधी की यात्रा से पहले गहलोत की ओर से दिए इस इंटरव्यू के बाद राजस्थान का राजनीति में तूफान उठ गया है। गहलोत ने साफ कहा कि सचिन पायलट ने गद्दारी की थी। ऐसे में वह मुख्यमंत्री बनें यह हमें स्वीकार नहीं है। उन्होंने दो महीने पहले विधायकों की ओर से विधायक दल की बैठक के बहिष्कार को बगावत नहीं माना, बल्कि उसे नाराजगी बताई है। सीएम गहलोत ने कहा कि बगावत वह नहीं थी जो 2 महीने पहले विधायकों ने विधायक दल की बैठक का बहिष्कार कर की थी, बल्कि बगावत सचिन पायलट ने अपने विधायकों को 2 साल पहले ले जाकर की थी।
उन्होंने कहा कि 2 महीने पहले विधायक दल का बहिष्कार करने वाले विधायक तो कांग्रेस के लॉयलिस्ट हैं। जिन्होंने 34 दिन होटल में रहकर सरकार बचाने में सहयोग दिया था। 25 सितंबर को विधायकों की ओर से की गई बगावत को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि यह मेरे कहने पर नहीं हुआ। अगर एक भी एमएलए ऐसा कह दे तो मैं पद छोड़ दूं, बल्कि विधायक नाराज इसलिए हुए कि एक बात फैला दी गई कि मुख्यमंत्री सचिन पायलट को बना देंगे। पायलट ने खुद विधायकों को टेलीफोन करके कहा कि आप तो हाईकमान पर छोड़ ना जब प्रस्ताव आए।ऐसे में विधायकों को लगा कि 25 सितंबर को प्रस्ताव आएगा और अगले दिन सचिन पायलट की शपथ होगी। जिसके कारण हम 34 दिन होटल में बैठे रहे,जो अमित शाह और धर्मेंद्र प्रधान के साथ मिलकर सरकार गिरा रहे थे। इस बात को लेकर विधायकों को गुस्सा आया। गहलोत ने कहा कि कई बार मंत्री या विधायक ऐसा कर देते हैं, लेकिन इतिहास में यह पहला वाक्य था जब कोई पार्टी का अध्यक्ष ही अपनी सरकार गिराने दूसरी पार्टी से मिल जाए। जब विधायकों को लगा कि सचिन पायलट मुख्यमंत्री बन रहे हैं तो वह कैसे सहन कर सकते हैं थे? जिसके कारण हमें 34 दिन तक होटल में बंद रहना पड़ा। हमने कैसे दिन गुजारे, राजभवन में धरना देना पड़ा।
पायलट का पलटवार
सचिन पायलट ने सीएम गहलोत को नसीहत देते हुए ऐसे बचकाने बयान देने से बचने को कहा। उन्होनें सभी को फिर से कांग्रेस सरकार बनवाने के लिए जुटने को कहा।
आलाकमान नहीं बना सकता पायलट को मुख्यमंत्री।
गहलोत ने साफ शब्दों में कहा कि कांग्रेस हाईकमान पायलट को सीएम नहीं बना सकते हैं। उसके पास 10 विधायक नहीं हैं। जिसने बगावत की हो, जिसे गद्दारी नाम दिया हो। पार्टी के साथ गद्दारी की तो कैसे विधायक स्वीकार कर सकते हैं। गहलोत ने कहा कि पायलट भाजपा से मिले हुए थे और वह इनकार नहीं कर सकते।10-10 करोड़ विधायकों को बांट गए और भाजपा मुख्यालय के दिल्ली ऑफिस से पैसे उठाए हैं।
गहलोत ने कहा कि यही कारण था कि विधायको में भयंकर आक्रोश है। गहलोत ने कहा कि पायलट अगर आलाकमान के साथ ही राजस्थान के विधायकों और राजस्थान की जनता से माफी मांगते कि मुझसे गलती हुई है तो शायद आज यह दिन नहीं आता। मुझे भी सोनिया गांधी से माफी नहीं मांगनी पड़ती। अभी जो रिवोल्ट हुआ है वह सचिन पायलट के खिलाफ रिवोल्ट था ,इस बात को मैं भी मानता हूं कि सचिन पायलट ने गद्दारी की। आलाकमान 102 में से किसी को भी बना दें, लेकिन जो आदमी गद्दारी कर चुका है उसे मैं खुद भुगत चुका हूं उसे हम कैसे स्वीकार करेंगे?
सुबह पायलट दिखे थे राहुल और प्रियंका के साथ।
भारत जोड़ो यात्रा के राजस्थान में प्रवेश करने से पहले गुरुवार सुबह सचिन पायलट के साथ राहुल गांधी और प्रियंका गांधी की तस्वीर सामने आई। इसे देखकर सियासी गलियारों में चर्चा शुरू हो गई कि गांधी परिवार पायलट को लेकर क्या कोई निर्णय कर सकता है।
बयान तब जब पायलट और गहलोत की नहीं मिली नजरें।
आपको बता दें, कि बुधवार को राहुल गांधी की दिसंबर के पहले सप्ताह में आने वाली भारत जोड़ो यात्रा की तैयारियों को लेकर बैठक का आयोजन हुआ था। बैठक में सचिन पायलट और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी पहुंचे थे। लेकिन दोनों दूर-दूर बैठे नजर आए। यहां तक कि एक दूसरे से बोलने की बात तो दूर, नजरें भी नहीं मिलाई। वहीं दूसरी ओर सचिन पायलट बैठक खत्म होने से आधा घंटा पहले ही राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होने की बात कह कर निकल गए। जिसके बाद माना जा रहा है कि सीएम गहलोत ने यह बयान दिया है। हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि टीवी चैनल को गहलोत ने यह बयान किस तारीख को दिया है। लेकिन साफ बात यह है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत नहीं चाहते हैं कि राजस्थान में सचिन पायलट मुख्यमंत्री बने। भलई अन्य कोई भी विधायक मुख्यमंत्री बन जाए और यही आलाकमान को भी संदेश देना चाहते हैं।