Rajasthan CM: क्या हंस कर बात कर लेने से अशोक गहलोत और केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के बीच व्यक्तिगत दुश्मनी खत्म हो जाएगी।

क्या हंस कर बात कर लेने से अशोक गहलोत और केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के बीच व्यक्तिगत दुश्मनी खत्म हो जाएगी।

व्यक्तिगत दुश्मनी:
15 दिसंबर को जब भजनलाल शर्मा का शपथ ग्रहण समारोह हुआ तो पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत पास पास बैठे थे। दोनों ने हंसते हुए एक दूसरे से बात भी की। ऐसा लगा कि दोनों ने अच्छी मित्रता है। लेकिन सवाल उठता है कि क्या हंसते हुए बात कर लेने से व्यक्तिगत दुश्मनी खत्म हो जाएगी? सब जानते हैं कि गहलोत ने मुख्यमंत्री के पद पर रहते हुए शेखावत के विरुद्ध भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए। बहुचर्चित संजीवनी को-ऑपरेटिव सोसायटी के घोटाले में सीएम ने शेखावत के साथ-साथ उनकी दिवंगत माताजी और पत्नी को भी आरोप बताया। यहां तक कहा कि संजीवनी घोटाले से कमाया गया पैसा शेखावत परिवार ने इथोपिया में निवेश किया है। गहलोत ने कहा कि शेखावत को थोड़ी भी शर्म है तो वे पीड़ितों का पैसा लौटाएं। गहलोत के इन आरोपों के खिलाफ ही शेखावत ने दिल्ली की अदालत में मानहानि का मुकदमा भी दर्ज करवाया। हालांकि मुकदमे को रद्द करवाने के लिए गहलोत ने बहुत प्रयास किए, लेकिन अदालत ने मुकदमे को खत्म करने से मना कर दिया। गहलोत जब मुख्यमंत्री थे, तब तक तो उन्हें वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए उपस्थिति दर्ज कराने की छूट रही, लेकिन अब जब गहलोत मुख्यमंत्री नहीं है, तब उन्हें हर तारीख पर व्यक्तिगत तौर पर दिल्ली की अदालत में उपस्थित होना पड़ेगा। शेखावत ने कहा था कि गहलोत मुझ पर आरोप लगाते तो मैं सहन कर लेता, लेकिन गहलोत ने मेरी दिवंगत माता जी पर भी आरोप लगाए हैं इसलिए मानहानि का मुकदमा दर्ज करना पड़ा है। गहलोत और शेखावत के बीच इस तरह व्यक्तिगत आरोप-प्रत्यारोप हुए उससे नहीं लगता की दोनों के बीच इतनी जल्द व्यक्तिगत दुश्मन खत्म हो जाएगी। यह सही है कि मुख्यमंत्री के पद पर रहते हुए गहलोत ने शब्दों की सारी सीमाएं तोड़ दी थी।

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Report By S.P.MITTAL