पीपीपी मोड पर चल रहे प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों को राज्य सरकार स्वयं संचालित करेगी  – चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री

पीपीपी मोड पर चल रहे प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों को राज्य सरकार स्वयं संचालित करेगी 
– चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री
जयपुर, 18 मार्च। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने गुरूवार को विधानसभा में कहा कि राज्य सरकार द्वारा उन सभी 70 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों को संचालित किया जाएगा जिन्हें पूर्ववर्ती सरकार द्वारा पीपीपी मोड पर दिया गया था। उन्होंने बताया कि पूर्ववर्ती सरकार द्वारा चिकित्सकों एवं पैरामेडिकल स्टाफ की कमी के कारण यह फैसला लिया गया था। उन्होंने आश्वस्त किया कि अब नई भर्तियाें के बाद चिकित्सकों व नर्सिंग स्टाफ की कमी नहीं होने से किसी भी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र को पीपीपी मोड पर नहीं चलाया जाएगा।
डॉ. शर्मा प्रश्नकाल में विधायकों द्वारा इस सम्बन्ध मे पूछे गए पूरक प्रश्न का जवाब दे रहे थे। उन्होंने बताया कि पूर्ववर्ती सरकार द्वारा वर्ष 2015-16 के बजट बिन्दु 115 के तहत प्रदेश के 70 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों तथा 26 शहरी क्षेत्र की यूपीएचसी को पीपीपी मोड पर चलाने का फैसला किया था। इस घोषणा में कहा गया था कि इन स्वास्थ्य केन्द्रों के संचालन के लिए ‘रन ए पीएचसी’ योजना चलाई जाएगी। इसके तहत देश के चिकित्सा महाविद्यालय, निजी चिकित्सालय, ट्रस्ट तथा जनरल प्रै्रक्टिशनर द्वारा ग्रामीण क्षेत्र में पीएचसी चलाई जाएगी। इन्हेंं एक संस्था के माध्यम से संचालित किया जाएगा तथा सरकार द्वारा इन्हें एकमुश्त राशि दी जाएगी।
उन्होंने बताया कि पीपीपी मोड पर संचालित कुछ पीएचसी का एमओयू वर्ष 2016 में किया गया था तथा 3 पीएचसी का एमओयू वर्ष 2017 में किया गया था। इनका टर्म जैसे-जैसे खत्म होगा, राज्य सरकार द्वारा सभी पीएचसी को स्वयं के स्तर पर संचालित किया जाएगा।
इससे पहले विधायक रीटा कुमारी के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में डॉ. शर्मा ने बताया कि झुन्झुनूं जिले में वर्तमान में 9 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पीपीपी मोड पर संचालित है। झुन्झुनूं जिले में कोई भी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पीपीपी मोड पर संचालित नहीं है। उन्होंने बताया कि पीपीपी मोड पर संचालित चिकित्सा संस्थानों की समयावधि पूर्ण होने के उपरान्त उनका नवीनीकरण नहीं किया जायेगा तथा राज्य सरकार द्वारा पूर्व की भांति इनका संचालन किया जायेगा।