प्रदेश में रोजगार सृजन एवं औद्योगिक निवेश को बढ़ावा देने के लिए रिप्स-2019 लागू -उद्योग मंत्री

प्रदेश में रोजगार सृजन एवं औद्योगिक निवेश को बढ़ावा देने के लिए रिप्स-2019 लागू
-उद्योग मंत्री
जयपुर, 18 मार्च।  उद्योग मंत्री श्री परसादी लाल मीना ने गुरूवार को विधानसभा में बताया कि राजस्थान में रोजगार सृजन एवं औद्योगिक निवेश को बढ़ावा दिए जाने के उद्देश्य से 17 दिसंबर 2019 से राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना-2019 लागू की गई है। यह 31 मार्च 2026 तक प्रभावी है। इसके अंतर्गत विनिर्माण एवं सेवा क्षेत्र के पात्र उद्यमों के लिए रोजगार सृजन अनुदान का प्रावधान किया गया है।
उद्योग मंत्री ने प्रश्नकाल में विधायक श्री रामनारायण मीना के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में बताया कि इस प्रावधान के अंतर्गत नियोक्ता द्वारा श्रमिकों के ईपीएफ एवं ईएसआई के अंशदान के रूप में जमा कराई गई राशि की 50 प्रतिशत राशि का पुनर्भरण 7 वर्ष की अवधि के लिए अनुदान के रूप में किए जाने का प्रावधान किया गया है।
उन्होंने बताया कि यदि सभी श्रमिकों में से 75 प्रतिशत से अधिक प्रत्यक्ष रोजगार राजस्थान के अधिवासित नागरिकों को प्रदान किया गया हो तो नियोक्ता द्वारा श्रमिकों के ईपीएफ एवं ईएसआई के अंशदान के रूप में जमा कराई गई राशि के 75 प्रतिशत राशि का पुनर्भरण सात वर्ष की अवधि के लिए उद्यम में कार्यरत समस्त श्रमिकों पर किए जाने का प्रावधान किया गया है।
उद्योग मंत्री ने बताया कि उद्योगों द्वारा रोजगार के लिए कुशल-अकुशल श्रमिकों का चयन उद्योग की आवश्यकता, श्रमिकों में आवश्यक कौशल की उपलब्धता और स्थानीय लोगों के रूझान एवं योग्यता के आधार पर किया जाता है। राज्य में कौशल नियोजन एवं उद्यमियता विभाग द्वारा राज्य के स्थानीय लोगों को उद्योगों की मांग के आधार पर कौशल प्रशिक्षण देकर रोजगार हेतु सक्षम बनाया जाता है। राजस्थान कौशल एवं आजीविका विकास निगम द्वारा संचालित सभी कौशल प्रशिक्षण योजनाएं राज्य के मूल निवासी युवाओं के लिए है। उन्होंने बताया कि सभी प्रशिक्षण कार्यक्रम निःशुल्क प्रदान किये जाते है।
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