कोटखावदा राजकीय अस्पताल में नवजात की मौत के बाद बरफ़ा हंगामा

चाकसू, जयपुर

-कोटखावदा राजकीय अस्पताल में नवजात की मौत के बाद बरफ़ा हंगामा,
-मुख्य गेट पर तालाबन्दी परिजनों ने किया धरना-प्रदर्शन,
-चिकित्सा विभाग उच्चाधिकारी एवं उपखण्ड तहसील अधिकारियों ने अस्पताल व्यवस्था में सुधार का दिया आश्वासन,
-दो डॉक्ट्स की प्रतिनियुक्ति के बाद मामला हुआ शांत…
-सीएमएचओ जयपुर द्वितीय डॉ. हंसराज बधालिया, डिप्टी सीएमएचओ डॉ. सुरेंद्र गोयल, बीसीएमएचओ चाकसू डॉ. सौम्य पंडित ने मौके पर की समझाइश
चाकसू क्षेत्र के कोटखावदा तहसील कस्बा स्थित राजकीय समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में इलाजरत नवजात की शुक्रवार अलसुबह चिकित्सा विभाग द्वारा देखरेख लापरवाही इलाज के अभाव में हुई मौत के बाद उसके स्वजनों ने अस्पताल के मुख्य गेट पर तालाबंदी कर प्रदर्शन किया… बतादें की नवजात की मौत के बाद यहाँ अस्पताल में चिकित्सा व्यवस्थाओं और डॉक्टर्स के रात्रि ठहराव को लेकर हंगामा बरफ़ा है… नवजात के स्वपरिजनों ने अस्पताल के बाहर मुख्य गेट पर नवजात का शव गोद में लिये धरने पर बैठ गए… और काफी समय बाद भी कोई उच्चाधिकारियों के मौके पर नही पहुंचने पर अधिक आक्रोश नजर आया… नवजात के स्वपरिजनों ने चिकित्सा व्यवस्थाओं को लेकर प्रशासन को जमकर कोसते हुए प्रशासन की शिथिलता एवं लापरवाह होने का आरोप लगाया… इस दौरान अस्पताल के सामने ही आड़े-तिरछे मोटरसाइकिल अन्य छोटे-बड़े वाहन लगाकर ग्रामीणों ने स्टेट हाईवे-2 चाकसू- दौसा मार्ग भी कुछ समय के लिए जाम किया… हालांकि मौके पर स्थानीय पुलिस ने आक्रोशित लोगों से समझाईस प्रयत्न किया… मामले की खबरे जब मीडिया में हवा बनने लगी तो जिला चिकित्सा महकमा एवं चाकसू उपखण्ड प्रशासन हरकत में आ गया… मौके पर पहुंचे जिला चिकित्सा अधिकारी जयपुर द्वितीय सीएमएचओ डॉ. हंसराज बधालिया, डिप्टी सीएमएचओ डॉ. सुरेंद्र गोयल, चाकसू ब्लॉक सीएमएचओ डॉ. सौम्य पंडित एवं एसडीएम राजेश कुमार मीणा, स्थानीय तहसीलदार ने मामले में समझाइस की… विभाग के आलाधिकारियों ने स्थानीय अस्पताल के लापरवाह डॉक्टर्स कार्मिकों पर कार्रवाई का आश्वासन दिया… वही, तत्काल चाकसू से दो डॉक्ट्स को प्रतिनियुक्ति पर कोटखावदा में तैनात करने की बात की… वहीं, तहसीलदार व उपखण्ड प्रशासन ने भी पीड़ित स्वपरिजनों को आर्थिक मदद का भरोसा दिलाकर मामला शांत कराया है… ग्रामीणों का आरोप था कि राजकीय अस्पताल में तकरीब 5 डॉक्टर्स की पोस्ट है, लेकिन ड्यूटी पर केवल 2 ही डॉक्टर्स तैनात रहते है… रात्रि के समय तो किसी भी डाक्टर्स का ठहराव सुनिश्चित नही है… ऐसे में कम्पाउंडर के भरोसे ही अस्पताल की व्यवस्थाऐं रम्भभरोसे चल रही है… लम्बे समय से मुख्यालय पर एम्बुलेंस की सुविधा भी नही है… नवजात की मौत के मामले में भी अस्पताल प्रबंधन की घोर लापरवाही मुद्दा बना है… नवजात की सही देखभाल और इलाज के अभाव में हुई मौत से आक्रोशित स्वजनों ने मामले की जांच कराकर दोषीयों पर बात कार्रवाई करने मांग की है… मृत नवजात बच्ची के पिता मुकेश सैनी ने बताया कि दो दिन पहले 31 मार्च को अस्पताल में उनकी पत्नी पूजा देवी को प्रसव पीड़ा के बाद अस्पताल में भर्ती जहां एक बच्ची को जन्म दिया… इसके बाद से सब कुछ अच्छा था लेकिन बुधवार को नवजात का स्वास्थ्य कमजोर होने पर डॉक्ट्स एवं मौजूद कम्पाउंडर से शिकायत की गई… लेकिन अनसुना करते हुए इलाज में लापरवाही दिखाते रहे… अचानक गुरुवार की देर रात उसकी तबियत बिगड़ने लगी… तो रैफर कार्ड बना दिया… लेकिन उससे पहले ही नवजात की सांसें थम गई… मौत के बाद भी अस्पताल प्रबंधन द्वारा परिजनों से नवजात को जयपुर ले जाने की बात कहते रहे… इसके बाद आज सुबह परिजन अस्पताल के बाहर अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही पर नवजात का शव गोद में लेकर हंगामा शुरू कर दिया… हंगामे के बाद लगभग 3 बाद देर से पहुंचे स्वास्थ्य अधिकारियों ने कहा कि समय- समय पर अस्पताल व्यवस्था का जायजा लिया लेते रहेंगे।