जब निर्माण कार्य और कृषि कार्य को छूट है तो फिर सीमेंट, सेनेट्री, कृषि इलेक्ट्रिक की दुकानें बंद क्यों करवाई ?

लॉकडाउन की गाइडलाइन को लेकर अजमेर में असमंजस की स्थिति। पार्सल सुविधा के लिए मिठाई की दुकानें भी खुली।
फेसबुक पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ठेले और फेरीवालों को भी छूट दी। यानि गोल गप्पे से लेकर चाट पकौड़ी और फास्ट फूड के ठेले भी लग सकेंगे।
जब निर्माण कार्य और कृषि कार्य को छूट है तो फिर सीमेंट, सेनेट्री, कृषि इलेक्ट्रिक की दुकानें बंद क्यों करवाई?
सरकारी स्कूलों को लेकर भी असमंजस की स्थिति रही।
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कोरोना संक्रमण से घबराई राजस्थान सरकार ने तीन मई तक लॉकडाउन लगा दिया है। चूंकि इस लॉकडाउन का आदेश 18 अप्रैल को आधी रात को जारी किया गया, इसलिए 19 अप्रैल को दिन भर अजमेर सहित प्रदेशभर में असमंजस की स्थिति रही। गृह विभाग द्वारा जारी आदेश के बिंदु संख्या 20 में कहा गया है कि मिठाई की दुकानों से पार्सल सुविधा उपलब्ध करवाई जा सकती है। यानि ग्राहक मोबाइल पर ऑर्डर बुक करवाए और दुकानदार मिठाई का पैकेट घर पर पहुंचा देगा। इस आदेश के अनुरूप अजमेर के मदार गेट पर राजस्थान मिष्ठान भंडार, पड़ाव में जैन नमकीन, शास्त्री नगर में ममता मिष्ठान भंडार, कोटड़ा में केसर संस्थान आदि खुल गए। दुकानदारों ने इस बात का ख्याल रखा कि दुकान के काउंटर से बिक्री नहीं हो। जो ग्राहक मिठाई खरीदने आए उनके घरों पर ही मिठाई का पार्सल भिजवाया गया। शहर भर में मिठाई और रेस्टोरेंट खोलने से सड़कों पर डिलीवरी बॉय का आवागमन बढ़ गया। सरकार ने रात आठ बजे तक पार्सल सुविधा की छूट दी है। मिठाई कारोबार से जुड़े विमल गर्ग, कमल साहनी, सुनील दत्त जैन, गौरव गर्ग, राजेश मालवीय आदि ने सरकार की इस छूट का स्वागत किया है। वहीं जिला और पुलिस प्रशासन में मिठाई की दुकान के खुले रहने पर गहन मंथन हुआ। यदि मिठाई की दुकानें खुलती है तो लोगों का आवागमन बढ़ेगा। यदि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की फेसबुक पर पोस्ट को सही माना जाए तो अब बाजारों और फुटपाथ पर गोलगप्पे चाट पकौड़ी फास्ट फूड के ठेले भी खड़े हो सकते हैं। सीएम गहलोत ने लिखा है कि ठेला और फेरी लगाकर जीविकोपार्जन करने वालों को भी लॉकडाउन में छूट होगी। हालांकि ऐसी छूट का उल्लेख गृह विभाग के आदेश में नहीं है। पुलिस अब किस कथन को सही माने। अलबत्ता सब्जी बेचने वालों को छूट है। इसी प्रकार किराना की दुकानें भी खुली रहेंगी। सरकार के आदेश में निर्माण और कृषि कार्य की भी छूट है। निर्माण कार्यों को जारी रखने के लिए सीमेंट, सेनेट्री, प्लाईवुड सरिया आदि की दुकानें खुली रहना जरूरी है। इसी प्रकार कृषि कार्य के इलेक्ट्रिक की दुकानें भी खुलनी चाहिए। यदि किसी किसान की बिजली की मोटर खराब हो जाती है तो वह इलेक्ट्रिक की दुकान से सामान खरीद कर मोटर को ठीक करवा सकता है। किसान दुकानदारों को फोन कर रहे हैं, लेकिन लॉकडाउन के कारण इलेक्ट्रिक दुकान नहीं खुल पा रही है।
स्कूलों में भी असमंजस की स्थिति:
16 अप्रैल को सायं 5 बजे से जब 60 घंटे का लॉकडाउन घोषित हुआ था। तब सरकारी स्कूलों को बंद करने का आदेश शिक्षा निदेशक ने अलग से जारी किया था, क्योंकि स्कूली शिक्षा में गृह विभाग का आदेश नहीं माना जाता। 19 अप्रैल से 15 दिन के लॉकडाउन पर शिक्षा निदेशक ने कोई आदेश जारी नहीं हो सका, इसलिए सुबह स्कूल खुल गईं। अधिकांश शिक्षकों ने अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई। जानकारी मिलने पर अजमेर के जिला कलेक्टर प्रकाश राजपुरोहित ने शिक्षा अधिकारियों को निर्देश देकर स्कूलों को बंद करवाया। अलबत्ता कलेक्टर ने स्पष्ट किया कि जिन शिक्षकों की ड्यूटी कोरोना में लगाई गई है उन्हें ड्यूटी पर उपस्थित होना होगा।