क्या प्रियंका गांधी सीएम अशोक गहलोत और हेल्थ मिनिस्टर रघु शर्मा से बात करेंगी ?

काश! प्रियंका गांधी राजस्थान के हालातों का भी जायजा ले लें। राजस्थान में भी सरकारी अस्पतालों में ऑक्सीजन के अभाव में मरीज दम तोड़ रहे हैं।
रेमडेसिवीर इंजेक्शन तक नहीं हैं।
क्या प्रियंका गांधी सीएम अशोक गहलोत और हेल्थ मिनिस्टर रघु शर्मा से बात करेंगी?
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21 अप्रैल को भी कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने ट्वीट कर उत्तर प्रदेश की स्थिति पर अपनी नाराजगी जताई। चूंकि यूपी में भाजपा की सरकार है, इसलिए प्रियंका को विरोध करने का पूरा हक है, लेकिन यदि प्रियंका गांधी अपनी कांग्रेसी पार्टी शासित राजस्थान की स्थितियों का जायजा ले लें तो राजस्थान वासियों को राहत मिल सकती है। कोरोना संक्रमण से मुकाबला करने के लिए सीएम अशोक गहलोत ने 16 अप्रैल को सायं 5 बजे से लॉकडाउन कर रखा है। यह लॉकडाउन तीन मई तक चलेगा, लेकिन फिर भी प्रदेश में कोरोना पर नियंत्रण नहीं पाया जा रहा है।
प्रतिदिन 12 हजार से ज्यादा नए संक्रमित मरीज मिल रहे हैं तथा सैकड़ों मौत हो रही है। सरकारी अस्पतालों में ऑक्सीजन के अभाव में संक्रमित मरीज तड़प तड़प कर मर रहे हैं। हालात इतने खराब हैं कि रेमडेसिवीर इंजेक्शन भी सरकारी अस्पतालों में नहीं मिल रहे हैं।
18 अप्रैल को टीवी पर प्रदेश के हेल्थ मिनिस्टर रघु शर्मा ने कहा था कि सरकार के पास मात्र 1400 रेमडेसिवीर इंजेक्शन है, जबकि एक लाख इंजेक्शन की आवश्यकता है। 18 अप्रैल के बाद मात्र 1400 इंजेक्शन कितने मरीजों को लगे होंगे, यह रघु शर्मा ही बता सकते हैं, लेकिन यह सही है कि अभी तक भी दवा कंपनियों से इंजेक्शन की सप्लाई नहीं हुई है।
प्राइवेट अस्पतालों और मेडिकल स्टोरों पर इंजेक्शन की सप्लाई पहले ही रोक दी है। यानी रेमडेसिवीर इंजेक्शन की सप्लाई सिर्फ सरकार को ही होगी। प्रियंका गांधी को यह पता होना चाहिए कि अब सरकारी अस्पतालों में रेमडेसिवीर इंजेक्शन नहीं लगाए जा रहे हैं। कई संक्रमित मरीजों की मौत का कारण रेमडेसिवीर इंजेक्शन नहीं मिलना है।
यानी राज्य सरकार रेमडेसिवीर इंजेक्शन का इंतजाम भी नहीं करवा पा रहे हैं। कोरोना की वैक्सीन एक दिन भी विलंब होने पर जो रघु शर्मा हाय तौबा मचाते हैं वो ही रघु शर्मा रेमडेसिवीर पर चुप है। सवाल उठता है कि जब रेमडेसिवीर इंजेक्शन निर्माता कंपनियों से खरीदे जा सकते थे, तो सरकार ने समय रहते क्यों नहीं खरीदें?
प्रियंका गांधी को इस मुद्दे पर सीएम गहलोत और हेल्थ मिनिस्टर से जवाब तलब करना चाहिए। प्रियंका गांधी उत्तर प्रदेश में जो बदइंतजामी का आरोप लगा रही हैं, वहीं हालात राजस्थान के भी हैं। यदि प्रियंका गांधी एक बार राजस्थान का भी जायजा ले लें तो सैकड़ों लोगों को मौत के मुंह से जाने से बचाया जा सकता है।
यदि किन्हीं कारणों से प्रियंका गांधी सीएम गहलोत से रिपोर्ट नहीं ले सकती हैं तो उन्हें पिछले एक सप्ताह के प्रदेश के दैनिक समाचार पत्र पढ़ लेने चाहिए। ऑक्सीजन के अभाव और बदइंतजामियों के बीच लोगों की मौत कैसे हो रही है। इसकी जानकारी प्रतिदिन अखबारों में छप रही हैं। राजस्थान में भी यूपी की तरह इंसान रहते हैं और कोरोना ने राजस्थान वासियों को भी चपेट में ले लेता है।