वर्चुअल माध्यम का अधिकाधिक उपयोग कर बकाया कायोर्ं को गति दे – अतिरिक्त मुख्य सचिव, जलदाय विभाग

जल जीवन मिशन में मेजर प्रोजेक्ट के कायोर्ं की प्रगति की समीक्षा
वर्चुअल माध्यम का अधिकाधिक उपयोग कर बकाया कायोर्ं को गति दे – अतिरिक्त मुख्य सचिव, जलदाय विभाग
जयपुर, 11 मई। जलदाय विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव (एसीएस) श्री सुधांश पंत ने मंगलवार को प्रदेश में जल जीवन मिशन (जेजेएम) के तहत मेजर प्रोजेक्ट्स के तहत स्वीकृत कायोर्ं की प्रगति की वीडियो कांफ्रेंसिंग (वीसी) से समीक्षा की। श्री पंत ने वीसी में कहा अधिकारी कोविड के इस समय में वर्चुअल माध्यम का अधिकाधिक उपयोग करते हुए बकाया कामों को आगे बढ़ाएं। प्रोजेक्ट्स के बकाया कायोर्ं में फील्ड विजिट के अलावा अधिकांश काम ऎसे है, जिनको जिला एवं रीजन स्तर के कार्यालयों में बैठकर या फिर ‘वर्क फ्रॉम होम मोड‘ पर सम्पादित किया जा सकता है। अधिकारी कंसलटेंसी एजेंसीज के प्रतिनिधियों से चर्चा कर उनके स्तर पर बकाया कामों को भी उनके स्तर पर इसी तरीके शीघ्र पूरा करने के लिए समन्वय करें।
एसीएस ने राज्य स्तरीय योजना स्वीकृति समिति (एसएलएससी) की गत बैठकों में जारी की गई प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृतियों के मुकाबले तकनीकी स्वीकृति और निविदा जारी करने की विस्तार से समीक्षा की। उन्होंने कहा कि कोविड की चुनौती को देखते हुए अधिकारियों को कुछ अलग हटकर सोचते हुए अपनी एप्रोच और कार्यशैली में सुधार लाकर बेहतर परिणाम देने होंगे। उन्होंने प्रोजेक्ट विंग के अधिकारियों को सभी बकाया कायोर्ं को पूरा करने के लिए एक टाइमलान चार्ट बनाकर प्रस्तुत करने के निर्देश दिए, इसके आधार पर आगामी दिनों में प्रोजेक्ट दर प्रोजेक्ट कायोर्ं की प्रगति की समीक्षा होगी। उन्होंने अधिकारियों को एसएलएससी की आगामी बैठक के लिए भी अपने जिलों से बचे हुए हर घर नल कनैक्शन के प्रस्ताव भिजवाने के भी निर्देश दिए गए।
श्री पंत ने कहा कि जिन प्रोजेक्ट्स में सर्वे और डीपीआर तैयार करने जैसे कार्य कंसलटेंसी एजेंसीज के माध्यम से कराए जा रहे है, उनके कायोर्ं की भी अधिकारी सतत मॉनिटरिंग करे। जहां कहीं भी एजेंसीज द्वारा कार्य समय पर पूरा नहीं किया जा रहा या फिर सम्पादित कार्य मानकों और शतोर्ं के अनुसार नहीं हो तो इसे उनके उच्चाधिकारियों के साथ वर्चुअल मीटिंग कर ध्यान में लाया जाए। इसके बावजूद किसी कंसलटेंसी फर्म की शिथिलता सामने आए तो प्रकरण को पूर्ण ब्यौरे के साथ राज्य स्तर पर प्रस्तुत किया जाए।
एसीएस ने हैल्थ इमरजेंसी के इस समय में जनता के नियमित पेयजल प्रबंधन के साथ-साथ प्रोजेक्ट के कायोर्ं को आगे बढ़ाने में जुटे अधिकारियों के जज्बे की सराहना की। उन्होंने कहा कि जलदाय विभाग के कार्य अति आवश्यक कायोर्ं की श्रेणी में है तथा जल जीवन  मिशन  के लक्ष्यों को समयबद्ध रूप से पूरा करना राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है, ऎसे में अधिकारी पूरी सावधानी के साथ स्वास्थ्य का ध्यान रखते हुए मेजर प्रोजेक्ट्स के बकाया कायोर्ं को गति दें। कोविड प्रोटोकॉल और कोविड एप्रोप्रिएट बिहेवियर का हर समय पूरा ध्यान रखा जाए।
वीसी से जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग की विशिष्ट सचिव श्रीमती उर्मिला राजोरिया, उप शासन सचिव श्री राजेन्द्र शेखर मक्कड़, मुख्य अभियंता (विशेष प्रोजेक्ट्स) श्री दिलीप गौड, मुख्य अभियंता (नागौर) श्री दिनेश गोयल एवं मुख्य अभियंता (जोधपुर) श्री नीरज माथुर के अलावा प्रदेश भर से प्रोजेक्ट विंग के अतिरिक्त मुख्य अभियंता और अधीक्षण अभियंता स्तर के अधिकारी भी जुड़े।