पूर्व पीएम राजीव गांधी की पुण्यतिथि पर आयोजित राष्ट्रीय वेबीनार केन्द्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की आलोचना का मंच बनी।

पूर्व पीएम राजीव गांधी की पुण्यतिथि पर आयोजित राष्ट्रीय वेबीनार केन्द्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की आलोचना का मंच बनी।
जबकि वेबीनार का आयोजन केन्द्र सरकार के राष्ट्रीय सेवा योजना के द्वारा करवाया गया। विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी से लेकर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने विचार रखे।
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21 मई को पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की पुण्यतिथि पर लोकतंत्र में संवैधानिक संस्थाओं की स्वायत्तता जरूरी है विषय पर एक राष्ट्रीय वेबीनार का आयोजन किया गया। वेबीनार का आयोजन भारत सरकार के खेल एवं युवा मंत्रालय द्वारा कॉलेज में चलाई जाने वाली राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) चूंकि राजस्थान में अशोक गहलोत के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार है, इसलिए इस वेबीनार से कांग्रेस विचारधारा वाले राजीव गांधी स्टडी सर्किल को भी जोड़ दिया गया। वर्चुअल तकनीक से होने वाली इस वेबीनार में एनएसएस के स्वयंसेवक ज्यादा से ज्यादा जुड़े इसके लिए कॉलेज शिक्षा के आयुक्त संदेश नायक ने बकायदा एक आदेश भी जारी किया। कॉलेजों के एनएसएस के कार्यक्रम अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि प्रत्येक इकाई से पांच पांच श्रेष्ठ विद्यार्थियों को लेकर वेबीनार में भाग लें। वेबीनार में जिन भी वक्ताओं ने अपने विचार रखे उन सभी ने केन्द्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की आलोचना करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। ऐसा लगा कि यह वेबीनार केन्द्र की आलोचना करने का मंच बन गया है। किसी भी वक्ता ने यह ध्यान नहीं रखा कि वेबीनार का आयोजन केन्द्रीय खेल एवं युवा मंत्रालय द्वारा संचालित राष्ट्रीय सेवा योजना के द्वारा किया जा रहा है। प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री भंवर सिंह भाटी, स्कूली शिक्षा मंत्री और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, चिकित्सा एवं शिक्षा राज्यमंत्री सुभाष गर्ग से लेकर विधानसभा के अध्यक्ष सीपी जोशी तक ने केन्द्र की आलोचना करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। हर वक्ता आलोचना करने में स्वयं को सबसे आगे बताने में लगा रहा। विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी ने कहा कि मौजूदा समय में लोकसभा और राज्यसभा के सदन कमजोर हो रहे हैं। सदस्यों को बोलने नहीं दिया जा रहा है। बहुमत के बल पर बिना बहस के बिलों को मंजूर किया जा रहा है। जब देश में लोकसभा और राज्यसभा सक्रिय हैं तब अध्यादेश लाए जा रहे हैं। पिछले सात वर्षों में सर्वाधिक अध्यादेश लाए गए हैं। इससे देश का लोकतंत्र कमजोर हुआ है। वेबीनार में चिकित्सा एवं शिक्षा राज्यमंत्री सुभाष गर्ग ने कहा कि राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कोरोना काल में रात भर जग कर सेवा का काम कर रहे हैं, इसलिए प्रदेश की जनता चैन के साथ सो रही है, जबकि देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सो रहे हैं और लोग मर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार रोम जल रहा था और राजा बंसी बजा रहा था, वैसा ही इन दिनों देश में हो रहा है। गर्ग ने मुख्यमंत्री गहलोत की जमकर प्रशंसा करते हुए कहा कि राजस्थान में कोरोना काल में सरकार जो निर्णय ले रही है, उसका अनुसरण देश के कई प्रदेश कर रहे हैं। वेबीनार को संबोधित करते हुए प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की वजह से आज पूरे देश में राजस्थान मॉडल की चर्चा हो रही है। जबकि केन्द्र सरकार की ओर से अभी भी राज्य सरकार को गिराने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि नरेन्द्र मोदी की वजह से लोकतंत्र खतरे में है। राजस्व मंत्री हरीश चौधरी का कहना रहा कि अशोक गहलोत के नेतृत्व में सरकार ने कोरोना संक्रमण का डटकर मुकाबला किया है। इसी प्रकार उच्च शिक्षा मंत्री भंवर सिंह भाटी ने कहा कि अशोक गहलोत ने जो रणनीति बनाई उसी से राजस्थान में कोरोना संक्रमण अब नियंत्रित होने लगा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के युवाओं को उन ताकतों से सतर्क रहना चाहिए जो लोकतंत्र को कमजोर कर रहे हैं। वक्ताओं ने केन्द्र की विनिवेश नीति की भी आलोचना की। वर्तमान सरकार न्यायपालिका में हस्तक्षेप करने का आरोप लगाया गया। निजीकरण की नीति को लेकर भी केन्द्र सरकार को कटघरे में खड़ा किया गया। देश में चल रहे एम्स, आईआईटी जैसे संस्थानों को खड़ा करने का श्रेय कांग्रेस सरकार को दिया गया।