ग्राम सेवा सहकारी समितियों को अनुदान देकर सरकार ने की पहल – कृषि मंत्री

ग्राम सेवा सहकारी समितियों के सुदृढीकरण की दिशा में बड़ा कदम
कृषि मंत्री ने कस्टम हायरिंग सेन्टर के लिए कृषि यंत्र ट्रेक्टर को हरी झंडी दिखाकर किया रवाना
किसानों को 100 ग्राम सेवा सहकारी समितियों में कस्टम हायरिंग सेन्टर से सस्ती दर पर मिलेंगे यंत्र
ग्राम सेवा सहकारी समितियों को अनुदान देकर सरकार ने की पहल – कृषि मंत्री
जयपुर, 10 दिसम्बर। कृषि मंत्री श्री लालचंद कटारिया ने कहा कि राज्य की 100 ग्राम सेवा सहकारी समितियों में कस्टम हायरिंग सेन्टर की शुरूआत से किसानों को अब सस्ती दर पर कृषि यंत्र ट्रेक्टर, हल, रोटावेटर, ट्रॉली, थ्रेसर, सहित अन्य उपकरण बाजार से सस्ती दरों पर किराए पर उपलब्ध होंगे। इससे गांव के किसानों को दर-दर नहीं भटकना होगा।
श्री कटारिया गुरूवार को जयपुर केन्द्रीय सहकारी बैंक लिमिटेड के परिसर में चयनित 6 बनेठी, कलवाड़ा, सरनाचौड़, चिमनपुरा, कुजोता एवं मुरलीपुरा ग्राम सेवा सहकारी समितियों को कृषि यंत्र उपलब्ध कराने के लिए आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि जोत का आकार कम होता जा रहा है। ऎसे में किसान के पास कृषि यंत्र उपलब्ध नहीं हो पाते हैं। सरकार के इस प्रयास से किराए पर किसानों को कम दरों पर कृषि यंत्र स्थानीय स्तर पर मिल सकेंगे। उन्होंने कहा कि टिड्डी स्प्रे मशीन भी जीएसएस को दी जाएगी।
कृषि मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत की मंशा है कि ग्राम सेवा सहकारी समितियां मजबूत बने। उनकी इस सोच के अनुरूप ही जीएसएस को सुदृढ़ करने का कार्य किया जा रहा है। वर्तमान तकनीक को ध्यान में रखकर सस्ती दरों पर जीएसएस को ट्रेक्टर, हल, एवं रोटावेटर सहित अन्य यंत्र उपलब्ध कराए गए है। उन्होंने कहा कि अगले वर्ष और ग्राम सेवा सहकारी समितियों में कस्टम हायरिंग सेन्टर बढ़ाने का विचार किया जा रहा है। उन्होंने प्रमुख शासन सचिव, रजिस्ट्रार एवं विभाग के अधिकारियों की तारीफ करते हुए कहा कि उन्होंने कम समय में इसे पूरा कर किसानों को बहुत बडी राहत दी है।
प्रमुख शासन सचिव कृषि एवं सहकारिता श्री कुंजी लाल मीणा ने कहा कि जीएसएस को मिल रहे इन यंत्रों का उपयोग किसान हित में किया जाए। बाजार दर से किसानों को सस्ती दर पर उपलब्ध कराया जाए। उन्होंने कहा कि ट्रेक्टर का उपयोग लगातार हो इसके लिए जीएसएस पानी का टैंकर सहित अन्य यंत्र स्थानीय आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए क्रय करे ताकि समिति की आय में वृद्वि भी होती रहे। उन्होंने कहा कि कृषि यंत्र का उपयोग सुनिश्चित करने के लिए जियोटैंगिग करवाई जाएगी। उन्होंने कहा कि जीएसएस गोदाम निर्माण पर फोकस करे ताकि अन्य योजनाओं का लाभ जीएसएस एवं किसानों को मिल सके।
रजिस्ट्रार सहकारिता श्री मुक्तानन्द अग्रवाल ने कहा कि जीएसएस में कस्टम हायरिंग सेन्टर स्थापित करने के नवाचार के तहत समितियों की स्थानीय जरूरत के अनुसार कृषि यंत्रों की उपलब्धता सुनिश्चित की गई है। उन्होंने कहा कि 100 जीएसएस को कस्टम हायरिंग सेन्टर के लिए 8 करोड़ रुपए की सहायता उपलब्ध कराई गई है। पहले प्राइवेट लोगों के पास कृषि यंत्र किराए पर उपलब्ध होते थे। अब समितियों के पास उपलब्ध होने से किसानों को सहुलियत होगी। उन्होंने कहा कि सहकारिता एवं कृषि मंत्री की मंशा थी कि फसल चक्र से पूर्व कृषि यंत्र समितियों को उपलब्ध हो जाए ताकि किसानों को कम रेट पर यंत्र किराए पर कृषि कार्यो के लिए मिल सके। सभी के प्रयासों से यह संभव होगा। उन्होंने कहा कि पारदर्शिता के साथ वाजिब दाम पर यंत्र उपलब्ध हो इसके लिए समिति रिकॉर्ड भी रखे। उन्होंने कहा कि सरकार के प्रयासों को सार्थक करे।
कार्यक्रम के बाद कृषि मंत्री श्री लालचंद कटारिया, प्रमुख शासन सचिव श्री कुंजीलाल मीणा, रजिस्ट्रार श्री मुक्तानन्द अग्रवाल, प्रबंध निदेशक सीसीबी श्री इद्रराज मीणा, टैफे कंपनी के राजस्थान हैड़ श्री विजय सिंह सहित अन्य ने 6 समितियों के लिए खरीदे गए ट्रेक्टर को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इससे पहले किसानों का साफा एवं माल्यार्पण कर स्वागत किया गया।