वैज्ञानिक पत्रकारिता, नवाचार उद्यमिता एवं युवा वैज्ञानिकों को मिलेंगे स्ट्राइड पुरस्कार

वैज्ञानिक पत्रकारिता, नवाचार उद्यमिता एवं युवा वैज्ञानिकों को मिलेंगे स्ट्राइड पुरस्कार
28 फरवरी को विज्ञान दिवस पर 24 उम्मीदवारों को 8 लाख 25 हजार रुपए के दिए जाएंगे
राजस्थान मूल के प्रतिभागियों का 3 श्रेणियों में होगा चयन
जयपुर, 10 दिसम्बर। मुख्य सचिव श्री निरंजन आर्य ने कहा है कि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में मुकाम हासिल करने वाले राजस्थान मूल के युवा वैज्ञानिकों, नवाचार एवं उद्यमिता एवं वैज्ञानिक पत्रकारिता से जुड़े पात्र लोगों को 28 फरवरी, 2021 को विज्ञान दिवस पर राजस्थान स्टेट स्ट्राइड अवार्ड (साइंस टेक्नोलॉजी, रिसर्च, इनोवेशन, डिजाइन, एंटरप्रन्योरशिप )प्रदान किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि 3 श्रेणियों में 24 योग्य उम्मीदवारों को 4 पुरस्कार दिए जाएंगे। प्रत्येक श्रेणी में 8-8 लोगों को पुरस्कृत किया जाएगा।
श्री आर्य गुरूवार को शासन सचिवालय में स्ट्राइड अवार्ड की गाइडलाइन्स के लिए आयोजित विशेषज्ञ की समिति को वीडियों कान्फ्रेसिंग के माध्यम से संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि तीन श्रेणियों में दिए जाने वाले पुरस्कारों में प्रथम पुरस्कार 1 -1 लाख रुपए, द्वितीय पुरस्कार 75 हजार रुपए, तृतीय पुरस्कार 50 हजार रुपए तथा 5 सांत्वना पुरस्कार 10-10 हजार रुपए के दिए जाएंगे।
मुख्य सचिव ने कहा कि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के इस निर्णय से विज्ञान की समझ एवं सोच को आम जीवन में बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि पुरस्कारों की गाइडलाइन के दौरान स्थानीय इनोवेशन को तरजीह दी जाए। जिससे उद्यमियों को हौसला अफजाई हो सके। उन्होंने कहा कि पुरस्कारों को देते समय पारदर्शिता का पैमाना अपनाया जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि विशेषज्ञों द्वारा सुझावों को गाइडलाइन में संतुलन के साथ समावेश किया जाए।
श्री के.सी. वर्मा शासन सचिव विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी ने कहा कि पुरस्कारों के लिए गाइडलाइन का प्रारूप तय कर लिया गया है। विशेषज्ञों द्वारा दिए गए बहुमूल्य सुझावों को समाहित करते हुए विस्तृत गाइडलाइन शीघ्र ही अनुमोदन के उपरान्त जारी की जाएगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के इस नवाचार से विज्ञान के प्रति लोगों को जागरूक करने में मदद मिलेगी।
पंडित हरिदेव जोशी पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय के कुलपति श्री ओम थानवी ने कहा कि सरकार का यह अनूठा निर्णय है। आज के दौर में विज्ञान की पत्रकारिता कम हो रही है। अतः इन पुरस्कारों की आवश्यकता महसूस की जा रही थी। उन्होंने कहा कि प्रिन्ट मीडिया के साथ -साथ इलेक्ट्रोनिक मीडिया एवं डाक्यूमेन्ट्री को भी शामिल किया जाए। उम्मीदवारों के चयन के दौरान गुणात्मक विवेचन हो और उसके लिए मानक तय किए जाए।
वीसी के दौरान डीन (आरएण्डडी) आईआईटी जोधपुर, एम्स जोधपुर, सचिव एसईआरबी विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग नई दिल्ली, सीईओ स्टार्टअप ओएसिस जयपुर, निदेशक नेशनल इनोवेशन फाउण्डेशन, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, नई दिल्ली, निदेशक, विज्ञान प्रसार, नई दिल्ली, प्रमुख एवं साईन्टिस्ट-जी एनसीएसटीसी नई दिल्ली ने इन पुरस्कारों की घोषणा को सराहते हुए कहा कि निश्चित रूप से राजस्थान सरकार का यह अच्छा नवाचार है। इससे महिला वैज्ञानिकों को भी बढ़ावा मिलेगा साथ ही सुझाव दिए कि पुरस्कार की श्रेणियों में पर्यावरण, सामाजिक समावेशन में हुए इनोवेशन एवं शोध को भी शामिल किया जाए।