कोविड वैक्सीनेशन की समीक्षा प्रदेश को जरूरत के अनुरूप हो वैक्सीन की आपूर्ति ः मुख्यमंत्री 

कोविड वैक्सीनेशन की समीक्षा
प्रदेश को जरूरत के अनुरूप हो वैक्सीन की आपूर्ति ः मुख्यमंत्री
जयपुर, 30 जून। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने कहा कि राजस्थान कोविड वैक्सीनेशन के प्रबंधन में शुरूआत से ही अग्रणी रहा है। हमारा प्रयास है कि कोविड की तीसरी लहर की आशंका को ध्यान में रखते हुए प्रदेश की अधिकाधिक आबादी का जल्द से जल्द टीकाकरण हो। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार योजनाबद्ध रूप से प्रदेश को जरूरत के अनुरूप पर्याप्त मात्रा में वैक्सीन की आपूर्ति सुनिश्चित करे।
श्री गहलोत बुधवार को मुख्यमंत्री निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए प्रदेश में वैक्सीनेशन कार्यक्रम की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राजस्थान में वैक्सीनेशन को अभियान के रूप में लेते हुए लोगों को पहली डोज लगाई गई। इन लोगों को दूसरी डोज भी समय पर लग सके, इसके लिए वैक्सीन की समुचित उपलब्धता जरूरी है। उन्होंने कहा कि जुलाई माह में प्रदेश में करीब 75 लाख लोगों को दूसरी डोज लगाई जानी है, लेकिन राजस्थान को जुलाई के पहले पखवाड़े में केवल 65 लाख 20 हजार डोज ही आवंटित की जानी है। श्री गहलोत ने कहा कि केन्द्र सरकार राजस्थान में वैक्सीनेशन की गति के अनुरूप ही वैक्सीन की आपूर्ति सुनिश्चित करे, ताकि लोगों को दूसरी डोज समय पर लगाई जा सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्र सरकार की ओर से प्रदेश में जुलाई माह में वैक्सीन के आवंटन में 75 प्रतिशत हिस्सा सरकारी चिकित्सालयों तथा 25 प्रतिशत हिस्सा निजी अस्पतालों के लिए निर्धारित किया गया है, जबकि प्रदेश में अब तक हुए वैक्सीनेशन में निजी अस्पतालों की भागीदारी केवल 2 प्रतिशत रही है। ऎसे में, वैक्सीन के आवंटन के दिशा-निर्देशों में भी बदलाव की जरूरत है। उन्होंने कहा कि दुनिया के कई देशों और देश के कई राज्यों में तीसरी लहर के मामले सामने आने लगे हैं। इसको देखते हुए तेजी से वैक्सीनेशन होना जरूरी है। विशेषज्ञों का कहना है कि बिना वैक्सीनेशन के तीसर लहर को नहीं रोका जा सकता।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश को जितनी मात्रा में वैक्सीन आवंटित हो रही है, उसकी लगभग शत-प्रतिशत डोज लगाई जा चुकी है। उन्होंने आशा जाहिर की कि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी, डॉक्टर और नर्सिंगकर्मी शत-प्रतिशत टीकाकरण के लक्ष्य को हासिल कर राजस्थान को टीकाकरण के काम में अव्वल स्थान पर लाने में सफल होंगे।
श्री गहलोत ने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर के दौरान वायरस के डेल्टा म्यूटेंट के घातक प्रसार के बाद अब देश के कुछ हिस्सों से डेल्टा प्लस म्यूटेंट का संक्रमण बढ़ने की सूचनाएं आ रही हैं। इस चिंताजनक स्थिति के प्रति शुरूआत से ही सतर्क रहना होगा और इससे निपटने के लिए आवश्यक तैयारी अभी से ही सुनिश्चित करनी होंगी।
चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग कोविड-19 संक्रमण की तीसरी लहर को लेकर सजग है। प्रदेश के अस्पतालों में निरन्तर चिकित्सा सेवाओं को सुदृढ़ किया जा रहा है।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य राज्यमंत्री डॉ. सुभाष गर्ग ने कहा कि गांवों में वैक्सीनेशन को लेकर जागरूकता बढ़ी है। लोग आगे आकर वैक्सीन लगवा रहे हैं।
मुख्य सचिव श्री निरंजन आर्य ने कहा कि प्रदेशभर में वैक्सीनेशन का कार्यक्रम बेहतर ढंग से संचालित हो रहा है। उन्होंने कहा कि आदिवासी क्षेत्रों में जागरूकता गतिविधियां और बढ़ाई जाए।
स्वास्थ्य सचिव श्री सिद्धार्थ महाजन ने बताया कि अब तक कुल 2 करोड़ 41 लाख 90 हजार वैक्सीन डोज उपलब्ध हुई हैं, जिनमें से 2 करोड़ 44 लाख 68 हजार डोज लगाई जा चुकी हैं। इस प्रकार प्रदेश में वैक्सीन का वेस्टेज ऋणात्मक हो गया है। उन्होंने बताया कि एक वायल में दस लोगों के लिए करीब 11 डोज की मात्रा आती है। प्रदेश में नर्सिंगकर्मियों ने पूरी दक्षता के साथ काम करते हुए 11वीं डोज का भी उपयोग किया, जिससे वेस्टेज का स्तर ऋणात्मक हो गया।
शासन सचिव चिकित्सा शिक्षा श्री वैभव गालरिया ने जीनोम सिक्वेंसिंग के संबंध में जानकारी दी। चिकित्सा विशेषज्ञ डॉ. सुधीर भंडारी एवं डॉ. वीरेन्द्र सिंह ने कोरोना तथा ब्लैक फंगस की स्थिति, देश-विदेश में विभिन्न कोरोना वैक्सीन पर शोध एवं उपलब्धता, कोविड-19 महामारी की संभावित तीसरी लहर, वायरस के बदलते स्वरूप आदि पर विचार व्यक्त किए।
बैठक में पुलिस महानिदेशक श्री एमएल लाठर, प्रमुख सचिव गृह श्री अभय कुमार, प्रमुख शासन सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य श्री अखिल अरोरा, स्वायत्त शासन सचिव श्री भवानी सिंह देथा तथा सूचना एवं जनसम्पर्क निदेशक श्री पुरूषोत्तम शर्मा भी उपस्थित थे।