निर्दलीयों की मनमानी से परेशान पायलट समर्थक नेताओं का दिल्ली में डेरा

निर्दलीय विधायकों और बसपा से कांग्रेस में आए विधायकों से खुद को उपेक्षित महसूस कर रहे कांग्रेस के नेताओं ने दिल्ली में डाला डेरा, बोले- निर्दलीय और बसपा से कांग्रेस में आए विधायकों ने सरकार को समर्थन क्या दिया, उन्हें सौंप दिया गया है पूरा कांग्रेस संगठन, पार्टी को हराने वाले ही कर रहे क्षेत्र में मनमानी, अपनी बात को आलाकमान से अवगत करवा कर ही दिल्ली से उठाएंगे डेरा’

प्रदेश में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट समर्थकों के बीच वजूद की राजनीति का संघर्ष थमता नजर नहीं आ रहा है. गहलोत सरकार और संगठन से नाराज पार्टी के कई नेताओं ने अब अपनी आवाज आलाकमान तक पहुंचाने के लिए दिल्ली में डेरा डाल रखा है. कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़कर निर्दलीय और बसपा प्रत्याशियों से हार चुके पार्टी के कई नेता खुद को उपेक्षित महसूस कर रहे हैं. इस संबंध में सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखने के बाद के ये नेता अब दिल्ली में डेरा जमाकर बैठ गए हैं. निर्दलीय और बसपा से आने वाले विधायकों से नाराज 19 कांग्रेसी नेता अब आलाकमान से आर-पार की बात करने के मूड में हैं.

कांग्रेस में उपेक्षित महसूस कर रहे ये सभी नेता पिछले 2 दिन से लगातार एआईसीसी महासचिव और प्रदेश प्रभारी अजय माकन से मिलने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन उन्हें अभी तक मिलने का वक्त नहीं मिला है. दिल्ली पहुंचे कांग्रेस नेताओं में शाहपुरा से कांग्रेस के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ चुके मनीष यादव, खंडेला के सुभाष मील और बस्सी के दौलत सिंह शामिल हैं. मनीष यादव का कहना कि- ‘निर्दलीयों के सरकार को समर्थन देने का स्वागत हमने भी किया था, लेकिन निर्दलीय सत्ता में क्या शामिल हुए उन्हें पूरा कांग्रेस संगठन ही सौंप दिया गया है.’ उनका कहना है कि, ‘अब सभी कांग्रेसी नेता अजय माकन से मिलकर निर्दलीय विधायकों को कांग्रेस नेताओं के मुकाबले दी जा रही तवज्जो के बारे में अपनी शिकायत रखेंगे’.

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कांग्रेस संगठन हो रहा कमजोर
मनीष यादव ने आगे कहा- ‘निर्दलीयों को ज्यादा तवज्जो देने से कांग्रेस के उन कार्यकर्ताओं के लिए मुश्किल स्थिति पैदा हो गई है जिन्होंने खून पसीने से पार्टी को सींचकर कर सत्ता में पहुंचाया है. कांग्रेस कार्यकर्ताओं को उन्हीं निर्दलीय विधायकों के आगे छोटे-मोटे कामों के लिए भी गुहार लगानी पड़ती है, जिन्होंने पार्टी के खिलाफ चुनाव लड़ा था.
ऐसा करने से पूरे प्रदेश में कांग्रेस कमजोर हो रही है और हम यह नहीं होने देंगे‘.

निर्दलीयों की बल्ले, कांग्रेसी ताक रहे हैं मुंह
खंडेला से कांग्रेस प्रत्याशी रहे सुभाष मील ने कहा- ‘सरकार को समर्थन दे रहे निर्दलीय विधायकों ने खुली लूट मचा रखी है और जनता त्राहि-त्राहि कर रही है. सरकार को समर्थन देने का सभी निर्दलीय अपने-अपने क्षेत्रों में भरपूर फायदा उठा रहे हैं. हमने इस बारे में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर अवगत कराया था, लेकिन कांग्रेस के मूल कार्यकर्ताओं को अभी तक सत्ता और संगठन में वह मुकाम हासिल नहीं हो सका है जिसके वे हकदार है’.

प्रदेश प्रभारी अजय माकन ने नहीं दिया मिलने का समय
कांग्रेस के सिंबल पर चुनाव लड़ चुके पूर्व प्रत्याशी और ये कांग्रेस नेता अजय माकन से पिछले 2 दिन से दिल्ली में रहकर मिलने का समय मांग रहे हैं. जानकारों की मानें तो दो बार समय देने के बाद मुलाकात निरस्त कर दी गई. लेकिन इन नेताओं ने साफ ऐलान कर दिया है कि वे आलाकमान के प्रतिनिधि यानी प्रदेश प्रभारी अजय माकन से मुलाकात किए बिना वापस नहीं लौटेंगे.

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असंतुष्ठ कांग्रेस नेताओं ने सोनिया को लिखी थी चिट्ठी
आपको बता दें, 19 में से 15 हारे हुए उम्मीदवारों ने जयपुर में निर्दलीयों की बैठक से एक दिन पहले कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखी थी. चिट्ठी में भी 19 सीटों पर कांग्रेस के उम्मीदवार रहे नेताओं और पार्टी के लिए चुनावों में काम करने वाले कार्यकर्ताओं की अनेदखी का मुद्दा उठाया था. चिट्ठी में लिखा था कि 19 सीटों पर कार्यकर्ता ठगा सा
महसूस कर रहा है, क्योंकि गहलोत सरकार और पीसीसी ने उन्हें सत्ता और संगठन की चाबी सौंप दी है जिन्होंने निर्दलीय और बसपा के टिकट पर चुनाव लड़कर कांग्रेस को हराया था.

सियासी टकराव फिर तेज होने के आसार !
राजस्थान कांग्रेस में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और डिप्टी सीएम सचिन पायलट खेमों के बीच लगभग थम चुकी सियासी बयानबाजी की अब फिर से शुरूआत हो चुकी है. दिल्ली अपनी बात रखने पहुंचे इन नेताओं में अधिकांश वो हैं जिन्हें सचिन पायलट ने पीसीसी चीफ रहते हुए विधानसभा चुनाव में टिकट दिलवाए थे. ऐसा माना जा रहा है कि अब पायलट खेमे ने वापस अपनी मांगों को मुखरता के साथ उठाना शुरू किया है. इधर, विधायक और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने अपने आवास पर लगातार पार्टी के कार्यकर्ताओं से मुलाकात कर रहे हैं, गुरुवार को पायलट ने अपने निर्वाचन क्षेत्र टोंक से बड़ी संख्या में आए पार्टी कार्यकर्ताओं से मुलाकात की.