विनायक ज्वैलर्स का मालिक राजेश सोनी अजमेर लौटा। पुलिस से कहा सबका जायज बकाया पैसा चुकाऊंगा।

विनायक ज्वैलर्स का मालिक राजेश सोनी अजमेर लौटा। पुलिस से कहा सबका जायज बकाया पैसा चुकाऊंगा।
अजमेर के वार्ड 41 की भाजपा पार्षद नीतू शर्मा के पति रंजन शर्मा द्वारा 50 लाख रुपए मांगने के मामले में एसीबी ने दो दलालों देवेन्द्र सिंह और किशन खंडेलवाल को गिरफ्तार किया।
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अजमेर के फॉयसागर रोड स्थित विनायक ज्वैलर्स का मालिक राजेश सोनी 7 जुलाई को अजमेर लौट आया है। सोनी के विरुद्ध गंज पुलिस थाने में दो एफआईआर दर्ज हैं। इन शिकायतों में कहा गया है कि जो सोना राजेश सोनी को दिया था, वह वापस नहीं लौटाया। राजेश सोनी कोई 15 दिन पहले रातों रात अजमेर से गायब हो गया था। तब यह आरोप लगा कि कोई 15 करोड़ रुपए के कर्ज की वजह से सोनी फरार हो गया है। लेकिन 7 जुलाई को राजेश सोनी अजमेर आया और सीधे गंज पुलिस थाने पर पहुंचा। सोनी ने थानाधिकारी धर्मवीर सिंह से कहा कि उसकी नियत में कोई खोट नहीं है। जिन व्यक्तियों का जायज पैसा बकाया है, उन सब का मैं भुगतान करुंगा। थानाधिकारी ने बताया कि राजेश सोनी उन सभी व्यक्तियों से संपर्क कर रहा है, जो पैसा बकाया होने का दावा कर रहे हैं। पुलिस अधीक्षक जगदीश चंद शर्मा ने बताया कि राजेश सोनी के विरुद्ध जो एफआईआर दर्ज हैं उनमें नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी। सोनी ने पुलिस को बताया कि वह अजमेर से जाने से पहले उन सभी लोगों को वाट्सएप पर सूचना देकर गया, जो उससे पैसा मांगते हैं। यहां यह उल्लेखनीय है कि अजमेर से जाने से पहले राजेश सोनी ने अपने फॉयसागर रोड स्थित विनायक ज्वैलर्स के शो रूम और मकान को अजमेर के मणिरत्नम ज्वैलर्स के मालिक सुशील सोनी को बेचान कर दिया था। इस संबंध में सुशील सोनी का कहना रहा कि शो रूम और मकान की संपत्ति पर एचडीएफसी बैंक का दो करोड़ 75 लाख रुपए का लोन है। ऐसे में वे पहले बैंक का लोन चुकाएंगे। इसके बाद ही बैंक की ओर से संपत्ति का बेचान किया जाएगा। सूत्रों के अनुसार जो शोरूम और आवास बैंक में गिरवी रखा हुआ था, उसी पर कुछ बकायादारों ने ताले लगा दिए। जिसकी वजह से संपत्ति का विवाद बढ़ गया। अब चूंकि राजेश सोनी अजमेर लौट आया है, इसलिए विवादों के सुलझने की उम्मीद जताई जा रही है। सोनी को अजमेर से भगाने में दबंगों की भूमिका भी सामने आई थी।
दो दलाल गिरफ्तार:
7 जुलाई को ही एसीबी ने अजमेर में बड़ी कार्यवाही करते हुए नगर निगम में भाजपा की वार्ड 41 की पार्षद नीतू शर्मा के पति रंजन शर्मा के द्वारा 50 लाख रुपए की मांग करने के मामले में दलाल किशन खंडेलवाल एवं देवेन्द्र सिंह को गिरफ्तार किया है। एसीबी के डीएसपी परसमल ने बताया कि जौंसगंज क्षेत्र में पुश्तैनी भूमि के समतलीकरण करने के मामले में पार्षद के पति रंजन शर्मा ने भूमि के मालिक से 50 लाख रुपए की मांग की। रंजन का कहना रहा कि उसकी पत्नी पार्षद है यदि राशि नहीं दी गई तो नगर निगम में शिकायत करवाकर काम बंद करवा दिया जाएगा। इस संबंध में शिकायतकर्ताओं ने जब मोल भाव किया तो सौदा 40 लाख रुपए में तय हुआ। एसीबी ने इस सौदे का सत्यापन भी किया है। एसीबी की योजना के अनुसार 7 जुलाई को पांच लाख रुपया देना तय हुआ, इसी क्रम में जब दो लाख रुपए की राशि जीसीए चौराहे पर दी जा रही थी, तभी दलाल किशन खंडेलवाल और देवेन्द्र सिंह को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया गया। अब इस मामले में पार्षद पति रंजन शर्मा की भी तलाश की जा रही है। यह कार्यवाही एसीबी के महानिदेशक बीएल सोनी अतिरिक्त महानिदेशक दिनेश एमएन और पुलिस अधीक्षक समीर कुमार सिंह के निर्देश पर की गई है। पार्षद पति के दो दलालों को गिरफ्तार होने से भाजपा में खलबली मच गई है। यहां यह उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों ब्यावर नगर परिषद में भी एसीबी ने भाजपा पार्षदों के दलालों को रंगे हाथों गिरफ्तार किया था। आमतौर पर यह भी शिकायत है कि क्षेत्रीय पार्षद डरा धमका कर लोगों से पैसा वसूलते हैं। जो व्यक्ति पैसा नहीं देता है उसकी शिकायत नगर निगम में की जाती है।