भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) के अधिकारी की कार्यवाही संदेह के घेरे में।

अजमेर में भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) के अधिकारी की कार्यवाही संदेह के घेरे में।
लाइसेंस के सरेंडर और काम बंद करने के बाद भी नया बाजार के सर्राफा व्यापारी के प्रतिष्ठा पर कार्यवाही
=============
9 जुलाई को भारतीय मानक ब्यूरो के अधिकारी विजय सिंह ने नया बाजार के व्यापारी चन्द्र प्रकाश सोनी के प्रतिष्ठान पर जो कार्यवाही की वह अब संदेह के घेरे में है। हालांकि ब्यूरो की ओर से अधिकृत तौर पर अभी तक कुछ भी नहीं कहा गया है, लेकिन मीडिया की खबरों में कहा गया है कि विजय कुमार ने अपनी रिपोर्ट में बीआईएस के नियमों का उल्लंघन माना है।
इसमें जांच के दौरान गड़बड़ी होने की आशंका भी जताई जा रही है। चूंकि बीआईएस की कार्यवाही की खबरें अखबारों में छपी है, इसलिए अब सर्राफा व्यापारी चन्द्रप्रकाश सोनी ने इसे अपनी प्रतिष्ठा को धूमिल करना बताया है। सोनी का कहना है कि उनके पास पूर्व में हॉलमार्क अंकित करने का काम था, लेकिन पांच मार्च 2021 को ही उन्होंने अपना लाइसेंस सरेंडर कर दिया। बीआईएस को विधिवत रूप से सूचना भी दे दी कि अब उनके श्रीनाथ हॉलमार्क सेंटर पर हॉलमार्क का काम नहीं होता है।
सोनी ने कहा कि जब उनके पास लाइसेंस ही नहीं है तो फिर वे जेवरात पर हॉलमार्क कैसे अंकित कर सकते हैं?
9 जुलाई को जब वे अपने प्रतिष्ठान पर नहीं थे, तब विजय सिंह ने आकर दुकान में जांच पड़ताल की है। इस जांच पड़ताल का वीडियो भी उनके पास है। सोनी ने कहा कि अब उनकी दुकान पर पंच और लेजर सोल्डिंग का काम होता है। यह कार्य अन्य सर्राफा व्यापारियों के जेवरातों पर किया जाता है।
लेकिन इसके बावजूद भी उनके प्रतिष्ठा की छवि खराब करवाने के लिए अखबारों में खबरें छपवाई गई। उनका परिवार सर्राफा कारोबार से जुड़ा हुआ है और उनके परिवार की प्रतिष्ठा है। 9 जुलाई को भी बीआईएस के जो अधिकारी आए उन्होंने अपना परिचय भी नहीं दिया। बिना परिचय के ही दुकान में घुसकर जांच पड़ताल अपनी मर्जी से की। सोनी ने बताया कि जेवरात पर हॉलमार्क लगाने की एक प्रक्रिया है। इसके अंतर्गत जो जेवरात दुकान पर आए हैं,उसका रिकॉर्ड रखा जाता है। पिछले मार्च माह से ही उनकी दुकान पर हॉलमार्क के लिए किसी भी प्रकार के जेवरात नहीं आए।
देखें  वीडियो