राजस्थान लोक सेवा आयोग में रिश्वतखोरी के मामले में पीएम नरेंद्र मोदी और पूर्व सीएम वसुंधरा राजे को भी घसीटा।

राजस्थान लोक सेवा आयोग में रिश्वतखोरी के मामले में पीएम नरेंद्र मोदी और पूर्व सीएम वसुंधरा राजे को भी घसीटा।
 जयपुर ग्रेटर निगम के प्रकरण में संघ प्रचारक निंबाराम को पहले ही उलझा रखा है।
आरएएस के इंटरव्यू का काम पूरा।
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राजस्थान लोक सेवा आयोग में 23 लाख की रिश्वतखोरी के प्रकरण में अब देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राजस्थान की पूर्व सीएम व भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुंधरा राजे को भी घसीट लिया गया है। 13 जुलाई को दैनिक अख़बार के अजमेर संस्करण में रिश्वतखोरी प्रकरण की जो खबर प्रकाशित हुई है उसमें आरोपी सज्जन सिंह गुर्जर और शिकायतकर्ता के बीच हुई बातचीत का उल्लेख किया गया है।
हालांकि यह ऑडियो सिर्फ एसीबी के पास है, क्योंकि एसीबी के अधिकारियों ने दी शिकायतकर्ता का मोबाइल फोन सर्विलांस पर लगाया था। एसीबी यानी राजस्थान का भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो। यह ब्यूरो सीधे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के अधीन ही काम करता है क्योंकि गृह विभाग भी गहलोत के पास ही है। अब दैनिक अखबार ने दावा किया है कि शिकायतकर्ता और आरोपी सज्जन सिंह गुर्जर के बीच हुई बातचीत की स्क्रिप्ट उसके पास है।
अदालत में चालान प्रस्तुत करने से पहले यह स्क्रिप्ट दैनिक अख़बार के पास कैसे पहुंची?
यह एसीबी के डीजी बीएल सोनी और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ही बता सकते हैं। इस स्क्रिप्ट का इसलिए महत्व है कि क्योंकि इसमें पीएम मोदी और पूर्व सीएम वसुंधरा राजे को भी घसीटा गया है। हो सकता है कि इस स्क्रिप्ट के आधार पर ही दिल्ली में कांग्रेस की ओर से प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सीधे प्रधानमंत्री पर हमला बोला जाए। पिछले दिनों जब जयपुर ग्रेटर में रिश्वतखोरी का मामला उजागर हुआ था तब कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता पवन खेड़ा ने दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर संघ पर हमला किया था। जयपुर निगम के प्रकरण में तो रिश्वत की राशि का लेन देन भी नहीं हुआ था, तब भी मामला सुर्खियों में रहा, जबकि आयोग वाले मामले में तो एसीबी ने एक आरोपी सज्जन सिंह गुर्जर को 23 लाख रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा है। रिश्वत लेने से पहले एसीबी ने शिकायतकर्ता का फोन सर्विलांस पर रखा जो बातें रिकॉर्ड हुई उसके आधार पर एसीबी ने गत 9 जुलाई को ट्रैप की कार्यवाही की।
यह मामला आयोग की सदस्य और भाजपा की पूर्व नेत्री राजकुमारी गुर्जर से जुड़ा हुआ है। श्रीमती गुर्जर के पति भैरो सिंह गुर्जर रिटायर आईपीएस हैं। रिश्वत लेते पकड़ा गया सज्जन सिंह गुर्जर का कथन है कि राजकुमारी गुर्जर का सारा काम भैरो सिंह ही करता है और भैरो सिंह के प्रभाव से ही वसुंधरा राजे ने मुख्यमंत्री रहते हुए राजकुमारी को राजस्थान लोक सेवा आयोग का सदस्य नियुक्त किया था। भैरो सिंह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संपर्क में था, क्योंकि वह प्रधानमंत्री की सिक्योरिटी में तैनात रहा। एसीबी भी जानती है कि आरोपी सज्जन सिंह गुर्जर का कथन कोई मायने नहीं रखता है, लेकिन जिस तरह से खबर प्रकाशित हुई है उससे अब दैनिक अख़बार और एसीबी से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत खुश हो जाएंगे। अभी तीन दिन पहले ही गहलोत ने एक बयान जारी कर आरोप लगाया था कि केन्द्र सरकार सीबीआई, इनकम टैक्स और ईडी जैसी जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है।
इसके जवाब में अब एसीबी ने सीधे पीएम मोदी और भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पर हमला करने का मौका गहलोत और कांग्रेस को दे दिया है। स्वाभाविक है कि अब एसीबी पूर्व आईपीएस भैरो सिंह गुर्जर को भी गिरफ्तार करेगी। हो सकता है कि आयोग की सदस्य राजकुमारी गुर्जर को भी जांच के दायरे में शामिल किया जाए। क्योंकि 23 लाख की रिश्वत का काम श्रीमती गुर्जर से ही जुड़ा है।
इंटरव्यू का काम पूरा:
राजस्थान लोक सेवा आयोग के अजमेर स्थित मुख्यालय पर 13 जुलाई को आरएएस भर्ती परीक्षा 2018 के इंटरव्यू का काम पूरा हो गया है। उम्मीद है कि देर रात तक इंटरव्यू के परिणाम घोषित कर दिए जाए। आरएएस के इंटरव्यू में ज्यादा अंक दिलवाने की एवज में ही आयोग का जूनियर अकाउंटेंट सज्जन सिंह गुर्जर 9 जुलाई को 23 लाख रुपए की रिश्वत लेते पकड़ा गया था। 9 जुलाई से पहले तक आयोग की सदस्य राजकुमारी गुर्जर भी इंटरव्यू लेने की प्रक्रिया से जुड़ी हुई थी। लेकिन दो दिन के अवकाश के बाद जब 12 और 13 जुलाई को इंटरव्यू हुए तो श्रीमती गुर्जर आयोग के कामकाज से दूर हट गई। आयोग के अध्यक्ष भूपेन्द्र यादव का दावा है कि आरएएस के 1 हजार 51 पदों के लिए इंटरव्यू की प्रक्रिया निष्पक्षता के साथ हुई है। वहीं सज्जन सिंह के पकड़े जाने के बाद से ही अभ्यर्थियों ने संशय बना हुआ था।