बीमा कम्पनी द्वारा क्लेम अस्वीकृत होने अथवा कम भुगतान होने पर समीक्षा के लिए , अस्पताल अब ऑनलाइन कर सकेंगे आवेदन

मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना,
बीमा कम्पनी द्वारा क्लेम अस्वीकृत होने अथवा कम भुगतान होने पर समीक्षा के लिए , अस्पताल अब ऑनलाइन कर सकेंगे आवेदन
जयपुर, 22 जुलाई। मुख्य कार्यकारी अधिकारी, राजस्थान स्टेट हेल्थ एश्योरेंस एजेंसी श्रीमती अरूणा राजोरिया ने कहा कि मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना में अस्पतालों के क्लेम का योजनाबद्ध चरण में निपटारा किया जा रहा है। बीमा कंपनी द्वारा अस्पतालों के अस्वीकृत और कम भुगतान वाले केसेज के निपटारे के लिये अब नया प्रावधान कर इसे अधिक सुविधागत और समयबद्ध किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि अगर किसी सम्बद्ध अस्पताल के क्लेम को बीमा कंपनी द्वारा अस्वीकृत किया जाता है अथवा दावे की राशि में भुगतान कम होता है तो अस्पताल अस्वीकृत अथवा कम भुगतान वाले केस की समीक्षा के लिये के 15 दिनों के भीतर अकृनलाइन आवेदन कर सकता है। आवेदन करने के 15 दिनों के भीतर संबंधित अस्पताल,  टीपीए और बीमा कंपनी को संयुक्त बैठक कर संबंधित अस्वीकृत क्लेम अथवा कम भुगतान पर समीक्षा कर निर्णय दिया जाना आवश्यक होगा। यदि यह निर्णय अस्पताल के पक्ष मे जाता है तो 15 दिनों के भीतर अस्पताल को दावे की समस्त राशि का भुगतान किया जायेगा। यदि अस्पताल निर्णय से संतुष्ट नहीं है, तो उस निर्णय के 15 दिनों के भीतर जिला स्तरीय परिवेदना कमेटी में अपील कर सकता है। ये कमेटी अगले 30 कार्य दिवसों के भीतर अपील की जांच कर अपना निर्णय देगा। यदि अस्पताल अभी भी डीजीआरसी के निर्णय से असंतुष्ट है, तो 30 दिनों के भीतर राज्य स्तर पर गठित दावा समीक्षा समिति (सीआरसी) में ऑनलाइन मोड के माध्यम से दायर कर अस्वीकृत और कम भुगतान वाले केसेज की समीक्षा करा पायेगा।
श्रीमती राजोरिया ने गुरूवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जिला अधिकारियों और सम्बद्ध अस्पतालों के प्रतिनिधियों को इस बारे में निर्देश प्रदान किये। उन्होने बताया कि समयबद्ध चरण में इस प्रक्रिया को इसलिये लागू किया गया है ताकि अस्पतालो के अस्वीेृत अथवा कम भुगतान वाले केसेज में त्वरित निर्णय लिया जा सके। इसके लिये योजना के सॉफ्टवेयर में जरूरी बदलाव भी किये गए है।
परिवेदनाओं का जिलेवार त्वरित निस्तारण कर दी जाये राहत
संयुक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री काना राम ने सभी जिला अधिकारियों से कहा कि योजना के अंतर्गत प्राप्त होने वाली परिवेदनाओं का निस्तारण जिलों से त्वरित हो जिससे लाभार्थियों को तत्काल राहत दिलाई जा सके। योजना से संबद्ध किसी भी अस्पताल के द्वारा इलाज से मना करने पर अथवा इलाज के लिये पैसे मांगे की जाती है तो उसके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही अमल में लाई जायेगी। योजना में पंजीकृत प्रत्येक लाभार्थी को योजना का लाभ मिले, इसके लिये विभाग तत्पर और सजग है। योजना के बारे में किसी भी प्रकार की जानकारी या शिकायत के लिए टोल फ्री नम्बर 1800 180 6127 अथवा 181 पर सम्पर्क किया जा सकता है।