180 की रफ्तार से दौड़ती ट्रेन से टकराई गाय, बड़ी दुर्घटना टली-गंगापुर सिटी

180 की रफ्तार से दौड़ती ट्रेन से टकराई गाय, बड़ी दुर्घटना टली-गंगापुर सिटी

कोटा रेल मंडल में 180 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ती परीक्षण ट्रेन से गुरुवार को एक गाय टकरा गई। गनीमत रही की इस घटना के बाद बड़ी दुर्घटना टल गई। अन्यथा तेज रफ्तार दौड़ती ट्रेन गाय से टकराकर बैपटरी भी हो सकती है। इस घटना से ट्रेन को परीक्षण झटका लगा है। हालांकि इस घटना को छोड़कर 180 की रफ्तार से ट्रेन का परीक्षण पूरी तरह सफल रहा।180 पर ट्रेन दौड़कार मंडल ने फिर से एक इतिहास रच दिया है।अधिकारियो ने बताया कि परिक्षण के लिए ट्रेन को पहले बिना ट्रॉयल के नागदा तक ले जाया गया। यहां से ट्रेन को परीक्षण के लिए रवाना किया गया।
रामगंजमंडी और मोड़क के बीच 180 की रफ्तार से दौड़ती ट्रेन से अचानक एक गाय टकरा गई। इसके चलते ट्रेन करीब 25 मिनट मौके पर ही खड़ी रही। गाय की टक्कर से केटल गार्ड और इंजन के मामूली क्षतिग्रत होने की जानकारी भी सामने आई है। इस घटना के बाद ट्रेन को फिर से 180 की रफ्तार से दौड़ाया गया। हालांकि इस ट्रेन का परीक्षण लबान स्टेशन तक करना था। लेकिन परीक्षण पूरा होने की बात कहते हुए ट्रेन लबान तक नहीं ले जाया गया।उल्लेखनीय है कि यह परीक्षण लखनऊ स्थित अनुसंधान डिजाइन और मानक संगठन (आरडीएसओ) द्वारा किया जा रहा है।
परीक्षण के लिए आरडीएसओ अपने साथ दो कोचों की स्पेशल ट्रेन लाई है। पहले मंगलवार को ट्रेन का परीक्षण 135 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से किया गया था। यह परीक्षण 6 जनवरी तक चलेगा। ट्रेन का परीक्षण निकट भविष्य में 160 किलो मीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से ट्रेन दौड़ाने की तैयारी के मद्देनजर किया जा रहा है। कोटा मंडल ने रचा इतिहास180 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेन दौड़ाकर कोटा मंडल ने एक नया इतिहास रचा है। गाय के टकराने की घटना को छोड़कर परीक्षण को पूरी तरह सफल बताया जा रहा है। हालांकि इससे पहले 2018 में वंदेमातरम (ट्रेन-18) को भी कोटा मंडल में 180 की रफ्तार से दौड़ाया जा चुका है। इस ट्रेन में अलग से इंजन नहीं था। कोचों के एक हिस्से में ही इंजन लगा हुआ था। इस ट्रेन को अधिकतम 200 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ाने के लिए तैयार किया गया था। लेकिन अलग से इंजन लगाकर ट्रेन को 180 पर दौड़ाने का यह पहला मामला है। इस ट्रेन में इंजन के अलावा अलग से विशेष डिजाइन के दो कोच लगे हुए हैं।