एमडीएस यूनिवर्सिटी में एक ही झटके में 120 करोड़ रुपए का जुगाड़।

एमडीएस यूनिवर्सिटी में एक ही झटके में 120 करोड़ रुपए का जुगाड़।
आवंटित विद्यार्थियों से अधिक को प्रवेश देने वाले कॉलेजों को प्रति विद्यार्थी 15 हजार रुपए पेनल्टी देनी होगी। अतिरिक्त विद्यार्थियों की संख्या करीब 80 हजार है।
कार्यवाहक कुलपति ओम थानवी पर कोई दबाव काम नहीं आ रहा। प्राइवेट कॉलेजों में खलबली।
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अजमेर स्थित एमडीएस यूनिवर्सिटी की एकेडमिक काउंसिल की बैठक 24 जुलाई को हुई। इस बैठक में प्राइवेट कॉलेजों के अतिरिक्त विद्यार्थियों के बारे में महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया। अतिरिक्त विद्यार्थियों को लेकर पिछले दो तीन वर्षों से समस्या चली आ रही थी, इससे कॉलेज प्रबंधन के साथ साथ विद्यार्थी भी परेशान थे। यूनिवर्सिटी जब किसी प्राइवेट कॉलेज को संबद्धता देती है, तब कॉलेज में प्रवेश पाने वाले विद्यार्थियों की संख्या निर्धारण भी करती है। मौजूद संसाधन और भवन को देखते ही संबंधित कॉलेजों में विद्यार्थियों की संख्या निर्धारित की जाती है, लेकिन कई कॉलेजों ने निर्धारित विद्यार्थियों से ज्यादा विद्यार्थियों को प्रवेश दे दिया। हालांकि यह यूनिवर्सिटी के नियमों के खिलाफ है, लेकिन कॉलेजों के प्रभावशाली मालिक जोड़ तोड़ कर अतिरिक्त विद्यार्थियों को परीक्षा दिलवाने में सफल हो जाते थे, लेकिन अब यूनिवर्सिटी में जोड़ तोड़ वाली परंपरा को समाप्त कर दिया गया है। एसडीएम यूनिवर्सिटी में चार जिलों के 320 कॉलेज आते हैं और इनमें करीब सवा तीन लाख विद्यार्थी अध्ययन करते हैं। 320 कॉलेजों में से करीब 82 कॉलेज हैं, ऐसे रहे जिन्होंने निर्धारित विद्यार्थियों से ज्यादा को प्रवेश दे दिया। ऐसे अतिरिक्त विद्यार्थियों की संख्या करीब 80 हजार है। एकेडेमिक काउंसिल ने निर्णय लिया है कि प्रत्येक अतिरिक्त विद्यार्थी का कॉलेज प्रबंधन से 15 हजार रुपए पेनल्टी का लिया जाएगा। यदि किसी कॉलेज ने 10 अतिरिक्त विद्यार्थियों को प्रवेश दिया है तो उससे एक लाख 50 हजार रुपए की राशि पेनल्टी के तौर पर ली जाएगी। लेकिन साथ ही यह सुनिश्चित किया जाएगा कि पेनल्टी की राशि विद्यार्थी से न वसूली जाए। इसके लिए कॉलेज प्रबंधन को 100 रुपए के स्टाम्प पेपर पर शपथपूर्वक यह लिख कर देना होगा कि पैनेल्टी की राशि संबंधित विद्यार्थी से नहीं ली गई है। पेनल्टी का प्रावधान वर्ष 2020-21 के शिक्षा सत्र के लिए किया गया है। सत्र वर्ष 2021-22 में यदि कोई कॉलेज निर्धारित संख्या से ज्यादा प्रवेश देता है तो उसे कॉलेज की सम्बद्धता अपने आप रद्द हो जाएगी। अगले वर्ष से अतिरिक्त विद्यार्थियों की परीक्षा के लिए पैनेल्टी का कोई प्रावधान नहीं रखा गया है। यूनिवर्सिटी के नियमों का कॉलेजों खास कर प्राइवेट कॉलेजों में सख्ती से पालन कराया जाएगा। एकेडेमिक काउंसिल के निर्णय से जहां कॉलेजों और अतिरिक्त विद्यार्थियों की समस्या का समाधान हो रहा है। वहीं एसडीएम यूनिवर्सिटी को भी 120 करोड़ रुपए की अतिरिक्त आय होगी। 15 हजार रुपए के हिसाब से 80 हजार विद्यार्थियों की पैनेल्टी 120 करोड़ के हिसाब से 80 हजार विद्यार्थियों की पैनेल्टी 120 करोड़ रुपए होती है। जो कॉलेज यह पैनेल्टी जमा नहीं करवाएगा इसके अतिरिक्त विद्यार्थियों को स्वयंपाठी विद्यार्थी माना जाएगा। प्राप्त जानकारी के अनुसार काउंसिल के इस निर्णय से अतिरिक्त विद्यार्थियों को प्रवेश देने वाले प्राइवेट कॉलेजों के मालिकों में खलबली है। अनेक प्राइवेट कॉलेजों का संचालन बड़े अधिकारियों और राजनेताओं के रिश्तेदार ही करते हैं। ऐसे में पेनल्टी को कम करने या समाप्त करने का दबाव डाला जा रहा है। लेकिन कार्यवाहक कुलपति ओम थानवी पर फिलहाल कोई दबाव काम नहीं आ रहा है। काउंसिल की बैठक में जो निर्णय हुआ है उसकी सख्ती से पालना करवाई जा रही है। कोई विद्यार्थी परीक्षा से वंचित न हो, इसलिए परीक्षा आवेदन की तिथि भी 4 अगस्त तक बढ़ा दी गई है। 100 रुपए विलंब शुल्क के साथ 6 अगस्त तक ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है।