राजस्थान में भाजपा की राजनीति में भूपेन्द्र यादव फिर सक्रिय। यादव की पहल पर हुई सांसदों की बैठक में पूर्व सीएम वसुंधरा राजे भी शामिल हुईं।

राजस्थान में भाजपा की राजनीति में भूपेन्द्र यादव फिर सक्रिय। यादव की पहल पर हुई सांसदों की बैठक में पूर्व सीएम वसुंधरा राजे भी शामिल हुईं।
इसे यादव का प्रभाव ही कहा जाएगा कि बैठक में राष्ट्रीय अध्यक्ष नड्डा, संगठन महासचिव बीएल संतोष, प्रभारी अरुण सिंह, प्रदेशाध्यक्ष पूनिया भी शामिल हुए।
मुफ्त वैक्सीन और राशन वितरण में संगठन की भूमिका पर जोर-सांसद भागीरथ चौधरी।
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5 अगस्त की शाम को दिल्ली के मोस्ट वीआईपी साउथ ब्लॉक में राजस्थान के भाजपा सांसदों और वरिष्ठ नेताओं की एक बैठक हुई। यह बैठक राजस्थान से सांसद और हाल में कैबिनेट मंत्री बने भूपेन्द्र यादव की पहल पर हुई। इस बैठक से प्रतीत होता है कि यादव एक बार फिर राजस्थान में भाजपा की राजनीति में सक्रिय हो रहे हैं। वर्ष 2013 के विधानसभा चुनाव में यादव ही प्रभारी थे और तब भाजपा को 200 में से 160 सीटें मिली थीं, लेकिन भाजपा की सरकार बनने के बाद किन्हीं कारणों से यादव प्रदेश को छोड़ कर राष्ट्रीय राजनीति में सक्रिय हो गए। अब लम्बे अरसे बाद यादव की प्रदेश राजनीति में सक्रियता नजर आई है। हालांकि यह सांसदों की बैठक थी, लेकिन इसमें पूर्व सीएम वसुंधरा राजे को खासतौर से बुलाया गया। राजे को पूरा सम्मान देते हुए मंच पर भी बैठाया गया। भाजपा की जयपुर में होने वाली महत्त्वपूर्ण बैठकों में भी राजे की उपस्थिति नहीं रहती है, लेकिन दिल्ली में सांसदों की बैठक में राजे की उपस्थिति बहुत मायने रखती है। इसे यादव का राजनीतिक प्रभाव ही कहा जाएगा कि बैठक में राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, संगठन महासचिव बीएल संतोष, प्रभारी अरुण सिंह के साथ साथ प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष सतीश पूनिया, प्रतिपक्ष नेता गुलाबचंद कटारिया भी उपस्थित रहे। मंच पर पूनिया और कटारिया को भी बैठाया गया। यानि बैठक में सभी भाजपा नेताओं का मान सम्मान किया गया। बैठक के बाद यादव की ओर से सभी नेताओं को रात्रि का स्वादिष्ट भोजन भी करवाया गया। इस बैठक के माध्यम से यह संदेश भी देने की कोशिश की गई कि राजस्थान में भाजपा के नेता एकजुट हैं। सब जानते हैं कि प्रदेश में वसुंधरा राजे के समर्थक आए दिन असंतोष की बातें करते रहते हैं, लेकिन बदली हुई परिस्थितियों में वसुंधरा राजे को भी साथ लेकर चलने की रणनीति बनाई जा रही है। वर्ष 2013 के विधानसभा चुनाव में भूपेंद्र यादव पार्टी के राष्ट्रीय सचिव ही थे, लेकिन गुजरे 8 वर्षों में यादव ने भी अपना राजनीतिक कद काफी बढ़ा लिया है। केन्द्रीय मंत्री बनने से पहले तक यादव भाजपा के ताकतवर महासचिव थे। यादव को गुजरात का प्रभारी भी बना रखा था। अब चूंकि यादव की मोदी सरकार में अहम भूमिका है, इसलिए प्रदेश की राजनीति में वजन भी हो गया है। यादव के पास पर्यावरण, वन, जलवायु परिवर्तन, श्रम और रोजगार जैसे भारी भरकम मंत्रालय हैं। हालांकि राजस्थान से गजेंद्र सिंह शेखावत, अर्जुन राम मेघवाल और कैलाश चौधरी भी मोदी सरकार में शामिल हैं, लेकिन यादव की अलग ही पहचान है। 5 अगस्त की बैठक में यादव ने अपनी राजनीतिक कुशलता प्रदर्शित कर दी है।
संगठन की भूमिका:
इस बैठक में मौजूद रहे अजमेर के सांसद भागीरथ चौधरी ने बताया कि बैठक में कोरोना वैक्सीन और राशन सामग्री के वितरण में भाजपा संगठन की भूमिका पर जोर रहा। राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन और वैक्सीन लगाने का अभियान दुनिया का सबसे बड़ा अभियान है। चूंकि देश में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा की सरकार चल रही है, इसलिए भाजपा के कार्यकर्ताओं और जनप्रतिनिधियों का यह दायित्व है कि पात्र व्यक्तियों तक मुफ्त राशन और वैक्सीन पहुंचे। सांसदों को अपने अपने संसदीय क्षेत्रों में रणनीति बना कर दोनों योजनाओं का लाभ अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाएं। चौधरी ने कहा कि संगठन की दृष्टि से यह बैठक बहुत उपयोगी रही हैं।