राज्य के जनजाति उपयोजना, सहरिया तथा माडा क्षेत्र में वन धन विकास योजना लागू होगी

राज्य के जनजाति उपयोजना, सहरिया तथा माडा क्षेत्र में वन धन विकास योजना लागू होगी
8 जिलों में 300 सदस्यीय 555 वन धन विकास केन्द्र गठित होगें
-प्रमुख शासन सचिव, जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग
जयपुर ,22 दिसमबर। प्रमुख शासन सचिव, जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग श्री शिखर अग्रवाल ने बताया कि राज्य के जनजाति उपयोजना, सहरिया तथा माडा क्षेत्र के 8 जिलों में ट्राईफेड के माध्यम से वन धन विकास योजना लागू होगी।
प्रमुख शासन सचिव, जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग श्री शिखर अग्रवाल ने मंगलवार को 7 जिलों के कलक्टर्स, स्टेट मिशन निदेशक, राजीविका, व आयुक्त जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग, उदयपुर व विभागीय अधिकारियों के साथ वीडियो कान्फे्रसिगं के माध्यम से योजना के क्रियान्वयन के बारे में चर्चा की व आवश्यक दिशा-निर्देश दिये ।
श्री अग्रवाल ने बताया कि यह योजना प्रारम्भ में राज्य के 8 जिलों उदयपुर, डूंगरपुर, बांसवाड़ा, प्रतापगढ़, सिरोही, कोटा, बांरा तथा झालावाड़ में लागू की जा रही है । योजनान्तर्गत 300 सदस्यीय 555 वन धन विकास केन्द्र का गठन राजीविका तथा ग्राम वन सुरक्षा एवं प्रबन्धकीय समितियों के स्वंय सहायता समूहों के माध्यम से किया जायेगा।
प्रमुख शासन सचिव श्री अग्रवाल ने बताया कि यह योजना केन्द्रीय जनजाति मंत्रालय द्वारा संचालित एम0एस0पी0 फॉर एफ0एम0पी0 के तहत संचालित की जायेगी ।
उन्होंने बताया कि वन धन विकास केन्द्रों में न्यूनतम 60 प्रतिशत सदस्य जाजाति समुदाय से होगें। प्रत्येक वन धन विकास केन्द्र के सदस्यों को क्षेत्र में उपलब्ध लधु वन, कृषि, आयूर्वेदिक औषधीय उपजों इत्यादि के संग्रहण, मूल्य संवर्धन, पैंकिंग एवं विपणन इत्यादि का प्रशिक्षण दिया जायेगा तथा उन्हें आवश्यकतानुरूप टूल किट इत्यादि भी उपलब्ध कराये जायेगें।
श्री अग्रवाल ने बताया कि योजनान्तर्गत प्रत्येक वन धन विकास केन्द्र को प्रशिक्षण तथा टूल किट हेतु क्रमशः 5 व 10 लाख रूपये उपलबध कराये जायेगें जिससे वे आजीविका अर्जित कर सकेगें ।
उन्होंने बताया कि इस प्रकार गठित वन धन विकास केन्द्रों के समूहों से अन्ततोगत्वा ट्राईफेड द्वारा संचालित योजनान्तर्गत ट्राईफूड केन्द्रों का निर्माण हो सकेगा । ये ट्राईफूड केन्द्र विभिन्न प्रकार की उपजों का परिशोधन, मूल्य संवर्धन तथा विपणन कार्य वर्ष भर कर सकेगें ।
प्रमुख सचिव, टीएडी श्री अग्रवाल ने बताया कि वन धन विकास केन्द्रों की सूचना संकलन का कार्य 26 जनवरी, 2021 को ग्राम पंचायतों के स्तर पर आयोजित ग्राम सभा में समस्त स्वंय सहायता समूहों के अध्यक्षों द्वारा उपलब्ध कराई जाकर वन धन विकास केन्द्रों के गठन की कार्यवाही की जायेगी तथा पदाधिकारियों का चयन भी किया जायेगा।
उन्हाेंने बताया कि वन धन विकास केन्द्रों की संकलित सूचनाओं का डाटा एन्ट्री कार्य पंचायत समितियों के स्तर पर ऑन लाईन कराया जावेगा तथा इस हेतु ट्राईफेड द्वारा आवश्यकतानुसार प्रशिक्षण प्रदान किया जावेगा ।
श्री अग्रवाल ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि वन धन विकास केन्द्रों के उपयोग के लिए जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग द्वारा निर्मित तथा अनुपयोगी सामुदायिक भवन, राजससंध के अनुपयोगी गोदामों तथा जिला प्रशासन के पास उपलब्ध अनुपयोगी भवन उपलब्ध करवाये जायें ।
उन्होंने जनजाति उपयोजना तथा सहरिया क्षेत्र में 395 तथा माडा क्षेत्र में 160 वन धन विकास केन्द्रों का गठन मार्च, 2021 तक किये जाने के लक्ष्य विभिन्न जिलों को आंवटित किये।
वीडियो कान्फे्रस के दौरान संयुक्त शासन सचिव, जनजाति क्षेत्रीय विकास श्रीमती नेहा गिरी उपस्थित थी