राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत अस्पताल से घर पहुंचे। चिकित्सा वैज्ञानिकों की स्टडी के लिए गहलोत का केस परफेक्ट है।

राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत अस्पताल से घर पहुंचे।
चिकित्सा वैज्ञानिकों की स्टडी के लिए गहलोत का केस परफेक्ट है।
वैक्सीन की दोनों डोज लगने के बाद भी हार्ट अटैक होना गंभीर बात है। खुद सीएम ने माना कि कोविड से पहले कार्डियक संबंधी कोई समस्या नहीं थी।
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29 अगस्त को राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत जयपुर के एसएमएस अस्पताल से डिस्चार्ज होकर सिविल लाइन स्थित अपने सरकारी आवास पर पहुंच गए हैं। सीने में दर्द होने के कारण गहलोत को 27 अगस्त को अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। अस्पताल में एंजियोप्लास्टी के बाद अब गहलोत पूर्ण रूप से स्वस्थ हैं। 29 अगस्त को सीएम गहलोत आईसीयू के कक्ष से व्हील चेयर पर कार तक आए। अस्पताल से रवाना होने से पहले गहलोत के पुत्र वैभव गहलोत ने दुपट्टा ओढाया और पौत्री काश्विनी ने अपने दादा की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधा। गहलोत जब सरकारी आवास पर पहुंचे तो पुत्री सोनिया गौतम ने सनातन संस्कृति के अनुरूप आरती उतारी और स्वास्थ्य की मंगल कामना की। इस मौके पर पत्नी सुनीता गहलोत भी मौजूद रही। अस्पताल से बाहर निकलते समय गहलोत ने उपस्थित चिकित्सकों और चिकित्सा कर्मियों का हाथ जोड़कर अभिवादन किया। गहलोत के चेहरे पर मुस्कान थी।
स्टडी के लिए गहलोत का केस परफेक्ट:
देश विदेश में जो वैज्ञानिक चिकित्सा के क्षेत्र में खास कर कोविड-19 के दौर में मरीजों पर अध्ययन कर रहे हैं उनके लिए राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का केस परफेक्ट है। यदि गहलोत को लेकर अध्ययन किया जाए तो कोविड के करोड़ों मरीजों को राहत मिल सकती है। गहलोत के प्रकरण में यह महत्वपूर्ण और गंभीर बात है कि वैक्सीन की दोनों डोज लगवाने के बाद भी हार्ट अटैक हुआ। सब जानते हैं कि तीन माह पहले जब गहलोत कोरोना वायरस से संक्रमित हुए तो उन्होंने चिकित्सकों के हर निर्देश का पालन किया। यहां तक इस अवधि में सरकारी बंगले से बाहर भी नहीं निकले। सीएमआर से ही वीडियो कॉन्फ्रेंस कर सरकार के कामकाज किए। कोविड के बाद सीएम ने कई बार सार्वजनिक तौर पर कहा कि वे पूरी तरह स्वस्थ नहीं है। संक्रमित हुए और सामान्य व्यक्तियों को वैक्सीन लगवाने के लिए प्रेरित करने के लिए सीएम ने कहा कि वैक्सीन लगवाने की वजह से मैं काम कर पा रहा हंू। वैज्ञानिकों की ओर से भी बार बार कहा गया कि संक्रमित व्यक्ति वैक्सीन लगवाएं ताकि कोविड के बाद अन्य बीमारियों नहीं हो। लेकिन सीएम गहलोत का केस बताता है कि वैक्सीन की दोनों डोज लगवाने और तीन माह तक घर में ही रहने के बाद भी हार्ट अटैक हो गया। जयपुर में एसएमएस अस्पताल में एंजियोप्लास्टी के बाद खुद सीएम ने कहा कि कोविड से पहले उन्हें कार्डियक संबंधी कोई समस्या नहीं थी, हार्ट अटैक होना पोस्ट कोविड को ठीक हुए तीन माह हो गए हैं। वैज्ञानिकों को अपनी स्टडी में मुख्यमंत्री गहलोत का यह कथन भी शामिल करना चाहिए कि कोविड अलग अलग व्यक्ति के हार्ट, दिगाम किडनी, लीवर आदि अंगों पर असर डाल रहा है। कोविड से रिकवर होने के बाद भी सिर दर्द, थकावट, सांस फूलना जैसी परेशानी हो रही है। कोविड के मरीज लम्बे अर्से से यह सब बातें और परेशानियां चिकित्सकों को बता रहे हैं, लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है। अब राजस्थान के मुख्यमंत्री ने आप बीती परेशानियां सार्वजनिक की है तो वैज्ञानिकों को गंभीरता से लेना चाहिए। अशोक गहलोत तो मुख्यमंत्री हैं, इसलिए हार्ट अटैक होने के पांच छह घंटे में सभी जांच के साथ एंजियोग्राफी और फिर हाथों हाथ एंजियोप्लास्टी (स्टेंट लगाना) हो गई। आम मरीज को इतनी जल्दी राहत मिलना संभव नहीं है, इसलिए वैज्ञानिकों को पोस्ट कोविड के हालातों का ज्यादा गंभीरता से अध्ययन करना चाहिए। गहलोत के केस का अध्ययन इसलिए भी जरूरी है कि वे शाकाहारी है तथा अपना जीवन सादगी से व्यतीत करते हैं। शराब पीने की बात तो दूर की है, गहलोत सिगरेट, तंबाकू का भी सेवन नहीं करते हैं। प्रतिदिन व्यायाम भी करते हैं। ऐसे में यदि कोविड की वजह से हार्ट अटैक होता है तो यह गंभीर बात है।