तृतीय राज्य स्तरीय निर्णय लेखन कार्यशाला बेहतर कार्यक्षमता,अनुभव एवम कार्ययोजना से कार्य करें अधिकारी -अध्यक्ष, राजस्व मंडल

तृतीय राज्य स्तरीय निर्णय लेखन कार्यशाला
बेहतर कार्यक्षमता,अनुभव एवम कार्ययोजना से कार्य करें अधिकारी
-अध्यक्ष, राजस्व मंडल
जयपुर, 2 सितंबर। राजस्व मंडल अध्यक्ष श्री राजेश्वर सिंह ने कहा कि राजस्व अधिकारियों को लोक दायित्व निर्वहन में अपनी बेहतरीन कार्यक्षमता, अनुभव एवं प्रभावी कार्ययोजना को आधार बनाकर कार्य करने की महती आवश्यकता है।
 श्री सिंह गुरुवार को अजमेर जिले के आरआरटीआई सभागार में राजस्व मंडल के तत्वावधान में आयोजित उपखंड अधिकारी व सहायक कलेक्टर्स की दो दिवसीय राज्य स्तरीय निर्णय लेखन कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि उपखण्ड अधिकारी राजस्व क्षेत्र की अहम एवं सशक्त कड़ी है, उन्हें लोकहित एवम राजहित को ध्यान में रखते हुए न्यायिक कार्यों को पूर्ण सजगता, विधिक एवं व्यावहारिक दृष्टिकोण अपनाते हुए निष्पादित करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि अपने कार्यकाल की श्रेष्ठ छवि स्थापित करने के लिए अधिकारियों को नवाचार अपनाने की आवश्यकता है। अधिकारी अपनी श्रेष्ठ कार्यक्षमता  का परिचय देते हुए जनप्रतिनिधियों, सरकारी संस्थाओं, व आम जन के साथ बेहतरीन समन्वय रखते हुए विकास का आदर्श उदाहरण प्रस्तुत करें।
राजस्व रिकॉर्ड करें दुरुस्त 
राजस्व मंडल अध्यक्ष ने कहा कि हर हाल में अधिकारियों को राजस्व रिकॉर्ड को अद्यतन करने पर पूर्ण ध्यान देना चाहिए, इससे सार्वजनिक क्षेत्र, राजकीय विद्यालय, आंगनबाड़ी चिकित्सालय या अन्य राजकीय भवनों के उपयोगार्थ भूमि आवंटन की स्थिति में किसी प्रकार की बाधा का सामना नहीं करना पड़ेगा। उन्होंने आबादी विस्तार को देखते हुए भूमि के अतिरिक्त आवंटन तथा विद्यालयों एवम खेल मैदानों के लिए भूमि आवंटन के प्रकरणों को भी प्राथमिकता प्रदान करने की बात कही।
चरागाह भूमि से हटे अतिक्रमण 
उन्होंने कहा कि राज्य में चरागाह भूमि की उपलब्धता की स्थिति अन्य राज्यों से बेहतर है। अधिकारियों को चाहिए कि वे चरागाह भूमि को सुरक्षित रखने के लिए अतिक्रमण को हटाएं। अन्य भूमि आवंटन के मामलों में स्वयं के स्तर पर मौका देखें, पटवारी व तहसीलदार स्तर से मौका रिपोर्ट मंगवाएं जिससे कब्रिस्तान अथवा श्मशान के लिए उपयोग में ली जा रही भूमि पर विवाद की स्थिति उत्पन्न ना हो।
श्रेष्ठ अनुभव व कौशल का परिचय दें 
श्री सिंह ने कहा कि उपखंड अधिकारी के स्तर पर निर्मित होने वाले निर्णय अति महत्वपूर्ण हैं, उन्हें अपने बेहतरीन अनुभव, विधिक आधार, न्यायिक प्रक्रियाओं एवं व्यावहारिकता आदि तथ्यों को ध्यान में रखते हुए गुणवत्तापूर्ण, विधिसम्मत एवं विवेचनापूर्ण निर्णय लेखन पर ध्यान देना चाहिए। ऎसा न करने से अपीलों की संख्या में वृद्धि व निर्णय के परिवर्तित होने की स्थितियां पैदा होती है। उन्होंने कहा कि सभी पक्षों को सुनवाई का पर्याप्त अवसर दें नोटिस समय पर एवं व्यवस्थित रूप से तामील हों, उसके पश्चात ही पूर्ण विवेक से निर्णय की स्थिति बने। प्रकरण अनावश्यक लंबित ना होने पाए, इससे न्याय व्यवस्था प्रभावित होती है।
श्रेष्ठ निर्णय के लिए देंगे सम्मान
 राजस्व मंडल अध्यक्ष ने कहा कि मंडल श्रेष्ठ राजस्व निर्णय लेखन के लिए प्रत्येक जिले से एक उपखंड अधिकारी को सम्मानित करेगा। उपखंड अधिकारी अपने अच्छे फैसलों को मंडल तक पहुंचाएं।
सर्वाधिक प्रकरण उपखंड स्तर पर-निबंधक
राजस्व मंडल निबंधक श्री बाबूलाल मीणा ने कहा कि राज्य में लंबित साढे 5 लाख प्रकरणों में से 3 लाख से अधिक प्रकरण उपखंड स्तरीय राजस्व न्यायालयों में लंबित है। कृषक हित को ध्यान में रखते हुए उपखंड न्यायालयों को पूर्ण विधिक प्रक्रिया का पालन करते हुए शीघ्रता से न्याय दिलाने के उपाय करने चाहिए।विधिसम्मत न्याय प्रक्रिया से अपीलों की संख्या स्वतः न्यूनतम हो जाएगी।
न्यायालयों की नियमितता जरूरी
  आरआरटीआई निदेशक श्री आशुतोष गुप्ता ने कहा कि राजस्व प्रकरणों की लंबी प्रतीक्षा सूची को नियंत्रित करने के लिए राज्य के सभी स्तर के न्यायालयों को नियमित सेवाएं देने की जरूरत है। उन्होंने आगामी प्रशासन गांवों के संग अभियान के दौरान अधिकारियों को प्रभावी प्रयास कर सरकार व आमजन की अपेक्षाओं पर खरा उतरने की बात कही। उन्होंने निर्णय लेखन को जनहितार्थ व सहज बनाने की दिशा में उर्दू , फारसी की कठिन शब्दावली को आम भाषा के रूप में स्वीकृत किए जाने की आवश्यकता जताई। साथ ही उन्होंने आरआरटीआई में राजस्व क्षेत्र की सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए राजस्व अनुसंधान कार्यशाला के आयोजन पर भी जोर दिया।
 कार्यक्रम का संयोजन आरआरटीआई उपनिदेशक चेतन त्रिपाठी ने किया कार्यक्रम में अतिरिक्त निबंधक बीएस सांदू सहित राज्य के जिलों से जिला कलेक्टर के स्तर पर मनोनीत उपखंड अधिकारियों ने भागीदारी निभाई।