सावित्री बाई फूले का जन्मदिन कल

सावित्री बाई फूले का जन्मदिन
सवाई माधोपुर 2 जनवरी। सावित्रीबाई फुले को राष्ट्र की शक्तिशाली महिला के रूप में याद करने का दिन है 3 जनवरी। जिन्होंने शिक्षा के माध्यम से सम्मानजनक जीवन की राह दिखाई।
कमलेश मीना ने बताया कि हमें 3 जनवरी को महिला सशक्तिकरण के लिए एक क्रांतिकारी दिन के रूप में याद रखना चाहिए। फुले दंपत्ति ने अपने साहसी, समर्पण, जुनून, बलिदान और करुणा के माध्यम से हमारे शोषित, निराश, वंचित, गरीब और हाशिए के लोगों के लिए शिक्षा के द्वार खोले। यह अपने आप में एक महत्वपूर्ण गंभीर हालात का निर्णायक युग था। फुले दंपति अंधकार और सामंतवाद के दौर में सभी को शिक्षा के लोकतंत्रीकरण के लिए अब तक हमारी सबसे अमीर विरासत बने रहेंगे। सावित्रीबाई फुले हमारे समाजों के लिए शिक्षा योगदान के माध्यम से तर्कवाद और सशक्तीकरण का प्रतीक हैं।
इस ऐतिहासिक दिन 3 जनवरी 1831 को ऐसी एक साहसी और दूरदर्शी महिला माता सावित्री बाई फुले ने हमारे समाज में आशा की किरण के साथ जन्म लिया। वह न केवल हमारी महिलाओं के लिए एक ध्रुव तारा थीं, बल्कि वह शिक्षा और संवैधानिक समानता की समझ के लिए हमारे सभी मानव समाजों की अग्रणी थीं। स्वर्गीय महानायिका माता सावित्री बाई फुले की आज 189वीं जयंती है। वह महामना ज्योतिबा फुले साहब की जीवन साथी थीं और वह हमेशा उस समय समाज के लिए अपनी महान सेवाओं के लिए ज्योतिबा फुले साहब के नेतृत्व के साथ खड़ी रही थी।
यह ऐतिहासिक तथ्य और सच्चाई है कि वह भारत में पहली महिला शिक्षिका थीं और उन्होंने उत्पीड़ित, निराश, हाशिए पर और गरीब लड़कियों और महिलाओं को उस समय की शिक्षा दी थी जब हमारे लोगों के पास कोई अधिकार नहीं था। यह अविस्मरणीय ऐतिहासिक तथ्य है कि सावित्री बाई फुले और फातिमा बीबी के साथ महामना ज्योतिबा फुले ने 1848 में भिड़े वाडा में पुणे में भारत का पहला गर्ल्स स्कूल स्थापित किया था