अवैध खनन रोकने के लिए सरकार सख्त अब तक 32 हजार से ज्यादा प्रकरण दर्ज किये  – खान मंत्री

अवैध खनन रोकने के लिए सरकार सख्त
अब तक 32 हजार से ज्यादा प्रकरण दर्ज किये 
– खान मंत्री
जयपुर, 17 सितम्बर। खान मंत्री श्री प्रमोद जैन भाया ने शुक्रवार को विधानसभा में कहा कि राज्य सरकार द्वारा अवैध खनन रोकने के लिए हर स्तर पर प्रयास किये गए हैं और कड़ी कार्रवाई की गई है। उन्होंने बताया कि वर्तमान सरकार के कार्यकाल में अभियान चला कर हर प्रकार के अवैध खनन के विरूद्ध अब तक 32 हजार से ज्यादा प्रकरण दर्ज किये गए हैं तथा 236 करोड़ रुपयों की शास्ति वसूल की गई है। उन्होंने बताया कि उच्चतम न्यायालय द्वारा खनिज बजरी के खनन पर प्रतिबंध के बाद राज्य सरकार द्वारा न्यायालय में मजबूती से पक्ष रखा गया है। इसके अतिरिक्त पूरी कानूनी प्रक्रिया के बाद भीलवाड़ा में एक तथा जालौर जिले में 2 लीज चालू की हैं, ताकि वैध बजरी का मार्ग प्रशस्त हो सके। इसके अतिरिक्त एम सैण्ड नीति भी जारी की गई है।
श्री भाया प्रश्नकाल में इस संबंध में विधायकों द्वारा पूछे गए पूरक प्रश्नों का जवाब दे रहे थे। उन्होंने बताया कि पिछली सरकार की तुलना में वर्तमान सरकार द्वारा अवैध खनन के विरुद्ध कहीं ज्यादा सख्ती से कार्रवाई की गई है और इसके परिणाम भी सामने आए हैं। उन्होंने राज्य सरकार द्वारा गत वर्षों में अवैध खनन को रोकने के लिए की गई कार्रवाइ का ब्यौरा देते हुए कहा कि सभी प्रकार के अवैध खनन के विरुद्ध पिछले 2 साल 9 माह में 32 हजार 522 प्रकरण बनाए गए हैं, जबकि गत सरकार द्वारा इस अवधि में मात्र 12 हजार 439 प्रकरण बनाए गए थे। इसी तरह 2 हजार 639 एफआईआर दर्ज की गई जो कि गत सरकार द्वारा 2 हजार 30 एफ.आई.आर दर्ज की गई थी। वाहन जब्ती भी वर्तमान सरकार ने 32 हजार की है जबकि पिछली सरकार ने केवल 10 हजार 441 वाहन जब्त किये। इसी प्रकार अवैध खनन के मामलों में कुल 236 करोड़ रुपये की राशि वसूल की गई, जबकि गत सरकार ने केवल 75 करोड़ वसूल किये थे।
उन्होंने बताया कि सिर्फ बजरी के अवैध खनन में वर्तमान सरकार द्वारा 23 हजार 391 प्रकरण दर्ज कर 2 हजार 178 एफआईआर दर्ज की गई है तथा 23 हजार 689 वाहन जब्त किये गए हैं। जबकि गत सरकार द्वारा केवल 5 हजार 670 प्रकरण दर्ज कर 634 एफआईआर दर्ज की गई और 5 हजार 146 वाहन जब्त किये गए। उन्होंने बताया कि वर्तमान में अब तक 156 करोड़ की राशि शास्ति वसूल की गई है, जबकि गत सरकार द्वारा केवल 19 करोड़ रुपये वसूल किये गए थे। उन्होंने बताया कि अवैध खनन रोकने के उद्देश्य से राज्य सरकार द्वारा 6 बार विशेष अभियान भी चलाए गए हैं।  जबकि गत सरकार केकेवल दो ही अभियान चलाये गये थे।
इससे पहले विधायक श्री अर्जुन लाल जीणगर के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में श्री भाया ने बताया कि उच्चतम न्यायालय के आदेश दिनांक 16 नवम्बर 2017 से पर्यावरण अनुमति एवं रिप्लेनिशमेन्ट स्टडी के बिना खनिज बजरी के खनन पर रोक के उपरान्त विधानसभा क्षेत्र कपासन की बनास नदी में अवैध रूप से चोरी-छिपे बजरी खनन किया जाता है। उक्त अवैध खनन का कारण खनिज बजरी की मांग व आपूर्ति में अन्तर है, जिनमें दोषियों के विरूद्ध राजस्थान अप्रधान खनिज रियायत नियम, 2017 के नियम 54 एवं 60 के प्रावधानों के अन्तर्गत प्रभावी कार्यवाही की गई है।
उन्होंने बताया कि विधान सभा क्षेत्र कपासन में स्थित बनास नदी से खनिज बजरी के अवैध खनन/निर्गमन/भण्डारण की रोकथाम एवं माननीय न्यायालय के उक्त आदेशों की पालना सुनिश्चित कराने हेतु खान विभाग के अधिकारियों/तकनीकी कर्मचारियों एवं जिला कलक्टर, चित्तौड़गढ द्वारा राजस्व, परिवहन, पुलिस, वन एवं खान विभाग के अधिकारियों को सम्मिलित कर, गठित विशेष जांच दलों (SIT) द्वारा नियमित एवं औचक चौकिंग/जांच की जाती है। उक्त विधान सभा क्षेत्र में दिनांक 16 नवम्बर 2017 से 31 अगस्त 2021 तक अवैध खनन/निर्गमन/ भण्डारण के कुल 448 प्रकरण दर्ज किये गये हैं। कुल एफ आई आर 59 दर्ज की गई है तथा कुल 441 लाख की शास्ति वसूल की गई है।
खान मंत्री ने बताया कि विधान सभा क्षेत्र कपासन के पुलिस थानों में अवैध बजरी दोहन में लिप्त दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की गई है। गत दो वर्ष एवं चालू वित्तीय वर्ष में 31 अगस्त 2021 तक 51 प्रकरणों में दोषियों के विरूद्ध संबंधित पुलिस थाने में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज हुई है तथा 42 लाख की जुर्माना राशि वसूल की गई है।
उन्होंने बताया कि विधान सभा क्षेत्र कपासन में उच्चतम न्यायालय के आदेशों की पालना सुनिश्चित कराने हेतु बजरी के अवैध खनन पर पूर्णतः रोक लगाने बाबत राज्य सरकार दृढ संकल्प है। प्रदेश में खनिज बजरी का सस्ता एवं सुलभ विकल्प उपलब्ध कराने हेतु राज्य सरकार द्वारा दिनांक 25 जनवरी 2021 को राजस्थान एम-सेण्ड नीति जारी करते हुए आकर्षक प्रावधान किये है जिनमें एम-सेण्ड ईकाई स्थापित करने हेतु प्रत्येक जिले में मेसेनरी स्टोन के डेलिनियेट किये गये प्लांट में से दो प्लांट का आरक्षण, ओवरबर्डन डम्प्स का नीलामी से आंवटन एवं डी.एम.एफ.टी. की राशि में छूट, राजकीय निर्माण कार्याे में न्यूनतम 25 प्रतिशत मात्रा में एम-सेण्ड के उपयोग की अनिवार्यता तथा राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना, 2019 के परिलाभ सम्मिलित है। चित्तौड़गढ जिले के समीपस्थ भीलवाडा जिले की कोटडी तहसील में बजरी के खनन पट्टे में खनन की अनुमति प्रदान की गई है, इसके अतिरिक्त जालौर जिले में भी दो खनन पट्टों में बजरी खनन की अनुमति प्रदान की है। राज्य सरकार के उक्त निर्णयों से खनिज बजरी के अवैध खनन पर काफी हद तक अंकुश लगा है। राज्य सरकार द्वारा विधानसभा क्षेत्र कपासन सहित प्रदेश में अवैध खनन पर प्रभावी कार्यवाही एवं रोकथाम हेतु प्रयास किये गये हैं।