निवास पर वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से अभियान के लिए की गई तैयारियों की समीक्षा की।

निवास पर वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से अभियान के लिए की गई तैयारियों की समीक्षा की।
2 अक्टूबर से प्रारंभ होने जा रहा ‘प्रशासन गांवों के संग अभियान’ राज्य सरकार का एक ऐसा महत्वाकांक्षी कार्यक्रम है जिसके माध्यम से आमजन की समस्याओं का मौके पर ही समाधान सुनिश्चित किया जाएगा। इस अभियान के दौरान लगने वाले शिविरों में पात्र एवं जरूरतमंद व्यक्तियों को सामाजिक सुरक्षा योजनाओं से जोड़ने, भूमिहीनों को भू-आवंटन करने का काम सर्वोच्च प्राथमिकता से किया जाए। निर्देश दिए कि शिविरों में आने वाले वृद्धजनों, दिव्यांगों आदि की समस्याओं को अधिकारी पूरी संवेदनशीलता से सुनें और उन्हें तत्काल राहत पहुंचाएं। सभी संबंधित विभाग समन्वय के साथ कार्य करें ताकि आमजन को अधिक से अधिक राहत मिले और जिस मंशा के साथ राज्य सरकार यह अभियान शुरू करने जा रही है वह पूरी तरह सफल हो सके।
अभियान के दौरान आने वाली बिजली, पानी, सड़क, सामाजिक सुरक्षा योजनाओं से सम्बन्धित शिकायतों का मौके पर ही निस्तारण किया जाए।
आजकल अधिकतर कार्य ऑनलाइन हो गए हैं। ऐसे में, शिविरों में आने वाले ग्रामीणों की सहायता एवं आवेदन पत्रों को भरने के लिए हैल्प डेस्क लगाई जाए। शिविर प्रभारी यह सुनिश्चित करें कि आवेदन पत्र लाभार्थी से निःशुल्क भरवाये जाएं। हैल्प डेस्क में सूचना सहायक एवं आईटी से जुड़े अन्य कर्मचारी उपलब्ध हों ताकि आमजन को फार्म भरने से लेकर अन्य प्रक्रियाओं के लिए इधर-उधर भटकना नहीं पडे़।
शिविरों में आमजन को राज्य एवं केन्द्र सरकार की विभिन्न योजनाओं के बारे में जानकारी उपलब्ध कराई जाए। कोरोना महामारी के दौरान जिन लोगों की मृत्यु हुई है उनके परिजन शिविरों में मृत्यु प्रमाण-पत्र बनवाने आएं तो उन्हें सम्बन्धित फार्म उपलब्ध कराया जाए एवं यदि वे मुख्यमंत्री कोरोना बाल कल्याण योजना के पात्र हैं तो उन्हें इस योजना का लाभ दिलवाना सुनिश्चित किया जाए। निर्देश दिए कि पूर्व में चिन्हित 19 विभागों के साथ-साथ रोडवेज एवं जल संसाधन विभाग की सेवाओं को भी अभियान से जोड़ा जाए।
शिविरों में आने वाले दिव्यांगों, निशक्तजनों एवं बुजुर्गों को संवेदनशीलता के साथ सुना जाए। निशक्तजनों का पहले से चिन्हिकरण कर उनके प्रमाण-पत्र बनवाने के सम्बन्ध में तैयारी पूरी कर ली जाए। इसके लिए राजस्व तथा सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के अधिकारी आपसी समन्वय से कार्य करें। साथ ही निशक्तजनों की जिन श्रेणियों में रोडवेज का पास जारी होता है उनके लिए शिविर में पास भी बनाए जाएं।