मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पंजाब की ताजा राजनीति पर तीखी प्रतिक्रिया दी। इससे राजस्थान की राजनीति और गहलोत की मंशा को भी समझा जा सकता है।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पंजाब की ताजा राजनीति पर तीखी प्रतिक्रिया दी। इससे राजस्थान की राजनीति और गहलोत की मंशा को भी समझा जा सकता है।
गहलोत ने कांग्रेस आलाकमान के फैसले को सही ठहराते हुए कैप्टन अमरिंदर सिंह को नसीहत भी दी।
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पंजाब कांग्रेस में चल रही उठापटक पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। 19 सितंबर को सोशल मीडिया पर गहलोत ने लिखा है कि हाईकमान को कई बार विधायकों एवं आमजन से मिले फीडबैक के आधार पर पार्टी हित में निर्णय करने पड़ते हैं। मेरा व्यक्तिगत मानना है कि कांग्रेस अध्यक्ष, कई नेता जो मुख्यमंत्री बनने की दौड़ में होते हैं उनकी नाराजगी मोल लेकर मुख्यमंत्री का चयन करते हैं। परंतु वहीं मुख्यमंत्री को बदलते वक्त हाईकमान के फैसले से नाराज होकर फैसले को गलत ठहराने लग जाते हैं। ऐसे क्षणों में अपनी अंतर आत्मा को सुनना चाहिए। गहलोत ने लिखा कि मुझे उम्मीद है कि कैप्टन अमरिंदर सिंह भी ऐसा कोई कदम नहीं उठाएंगे जिससे कांग्रेस पार्टी को नुकसान हो। कैप्टन साहब ने स्वयं कहा है कि पार्टी ने उन्हें साढ़े 9 वर्ष तक मुख्यमंत्री बना कर रखा है। उन्होंने अपनी सर्वोच्च क्षमता के अनुरूप कार्य कर पंजाब की जनता की सेवा की है। मेरा मानना है कि देश फासिस्ट ताकतों के कारण जिस दिशा में जा रहा है यह सभी देशवासियों के लिए चिंता का विषय है। ऐसे समय हम सभी कांग्रेसजनों की जिम्मेदारी देशहित में बढ़ जाती है। हमें अपने से ऊपर उठकर पार्टी हित व देशहित में सोचा होगा। कैप्टन साहब पार्टी के सम्मानित नेता है, मुझे उम्मीद है कि वो आगे भी पार्टी का हित आगे रखकर ही कार्य करते रहेंगे। गहलोत की इस प्रतिक्रिया से राजस्थान की राजनीति को भी समझा जा सकता है। गहलोत ने जो बात पंजाब के संदर्भ में लिखी है। वहीं दिसंबर 2018 में राजस्थान में भी हुई थी। तब विधानसभा चुनाव के परिणाम के बाद मुख्यमंत्री के पद पर सबसे सशक्त दावा कांग्रेस के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट का था, लेकिन कांग्रेस हाईकमान ने पायलट की नाराजगी मोल लेते हुए अशोक गहलोत को मुख्यमंत्री बनाया। गहलोत इस तथ्य को भली भांति समझते हैं इसलिए उन्होंने अपनी प्रतिक्रिया में राजनीति की इस सच्चाई को स्वीकार किया है। गहलोत ने यह प्रतिक्रिया तब दी है, जब पंजाब के मुद्दे पर कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी और राहुल गांधी खामोश हैं। माना जा रहा है कि हाईकमान की सलाह पर ही गहलोत ने प्रतिक्रिया दी है। सब जानते हैं कि गहलोत गांधी परिवार के भरोसे मंद नेता है। गहलोत पर यह भरोसा आज भी बना हुआ है। गहलोत की इस प्रतिक्रिया से संकेत मिलते हैं कि राजस्थान में कोई बड़ा उलटफेर होने वाला नहीं है। राजस्थान में जो भी बदलाव होगा, वह गहलोत की सहमति से ही होगा। गहलोत की यह प्रतिक्रिया आत्म विश्वास से भी भरी हुई है। एक तरह से गहलोत पंजाब के मुद्दे पर कांग्रेस आला कमान के साथ खड़े हैं। उन्हें लगता है कि कैप्टन को हटाने का जो निर्णय लिया गया है वह सही है।