मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बोर्ड अध्यक्ष जारोली को बर्खास्त करें-पूर्व शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बोर्ड अध्यक्ष जारोली को बर्खास्त करें-पूर्व शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी।
शिक्षा बोर्ड में कांग्रेस के एजेंट के तौर पर काम कर रहे हैं जारोली-देवी शंकर भूतड़ा।
पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के नाम पर भी जारोली ने झूठ बोला। राजे ने एक अक्टूबर को ही रीट परीक्षा को धोखा बताया।
==========
पूर्व शिक्षा मंत्री और भाजपा के विधायक वासुदेव देवनानी ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को राजस्ािान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. डीपी जारोली को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त करना चाहिए। शिक्षक पात्रता परीक्षा (रीट) में हुई गड़बडिय़ों की खबरें लगातार अखबारों में छप रही है और एसओजी ने प्रश्न पत्र लीक करने के आरोप में कई व्यक्तियों को गिरफ्तार भी किया है। एसओजी के एडीजी अशोक राठौड़ ने भी माना कि 26 सितंबर को परीक्षा वाले दिन रीट का प्रश्न पत्र परीक्षा शुरू होने से डेढ़ घंटे पहले ही दो पुलिसकर्मियों के मोबाइल पर आ गया। दोनों पुलिसकर्मियों की पत्नियां भी परीक्षा दे रही थीं। लेकिन इसके बावजूद भी डॉ. जारोली परीक्षा आयोजन को सफल बता रहे हैं। देवनानी ने कहा कि 4 अक्टूबर को डॉ. जारोली ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में भाजपा सांसद किरोड़ी लाल मीणा और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया पर राजनीतिक टिप्पणी की है, वह उचित नहीं है। बोर्ड शिक्षा का मंदिर है और उसे राजनीतिक अखाड़ा नहीं बनाया जाना चाहिए। एक मनोनीत अध्यक्ष भी चुने हुए जनप्रतिनिधियों पर गैर जिम्मेदाराना टिप्पणी करने का कोई अधिकार नहीं है। जनप्रतिनिधियों पर टिप्पणियां कर डॉ.जारोली रीट परीक्षा में अपनी अक्षमता छिपा रहे हैं। जब सरकार की एजेंसियां जांच कर रही हैं, तब बोर्ड अध्यक्ष का ऐसा बयान बेहद गैर जिम्मेदाराना है। मुख्यमंत्री गहलोत बार बार कहते हैं कि जनप्रतिनिधियों का सम्मान किया जाना चाहिए। लेकिन इसके उलट बोर्ड अध्यक्ष डॉ. जारोली सार्वजनिक तौर पर जनप्रतिनिधियों का अपमान कर रहे हैं। प्रेस कॉन्फ्रेंस में डॉ. जारोली ने कहा कि रीट परीक्षा को लेकर मैंने (देवनानी) ने कोई विरोध नहीं किया है। देवनानी ने कहा कि शायद जारोली अखबार नहीं पढ़ते हैं। परीक्षा होने के तुरंत बाद ही मैंने न्यायिक जांच की मांग की थी और फिर जब ढेरो गड़बडिय़ां सामने आई तो मैंने सीबीआई से जांच कराने की मांग की। देवनानी ने कहा कि डॉ. जारोली उनके नाम का दुरुपयोग कर रहे हैं। यदि सरकार में जरा सी भी नैतिकता है तो डॉ. जारोली को अध्यक्ष पद से बर्खास्त किया जाए। देवनानी ने कहा कि वे स्वयं ही रीट परीक्षा में हुई गड़बडिय़ों को लेकर सबूत एकत्रित कर रहे हैं और जल्द ही अजमर में एक प्रेस कॉन्फ्रेस करेंगे।
जारोली कांग्रेस के एजेंट:
4 अक्टूबर की प्रेस कॉन्फ्रेंस में डॉ. जारोली ने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और विधायक सतीश पूनिया पर भी अमर्यादित टिप्पणी की। डॉ. जारोली ने कहा कि अगली बार पूनिया आमेर विधानसभा में चुनाव नहीं जीत पाएंगे। जारोली के इस बयान पर अजमेर देहात भाजपा के जिला अध्यक्ष देवीशंकर भूतड़ा ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। भूतड़ा ने कहा कि डॉ. जारोली शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष की के पद की गरिमा को गिरा रहे हैं। जारोली कांग्रेस का एजेंट बन कर अध्यक्ष का काम कर रहे हैं। जारोली को राजनीति करने का इतना ही शौक है तो उन्हें अध्यक्ष पद से इस्तीफा देकर कांग्रेस पार्टी ज्वाइन कर लेनी चाहिए। भूतड़ा ने आरोप लगाया कि जारोली प्रदेश के स्कूली शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा के इशारे पर राजनीतिक बयानबाजी कर रहे हैं।
पूर्व सीएम राजे के नाम झूठ:
डॉ. जारोली ने यह भी कहा था कि रीट परीक्षा के आयोजन पर भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और प्रदेश की पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने भी कोई प्रतिकूल टिप्पणी नहीं की। जारोली ने राजे के कार्यकाल में हुए विकास कार्यों की प्रशंसा करते हुए उन्हें एक सुलझी हुई राजनेता बताया। लेकिन जारोली का यह कथन पूरी तरह झूठा है कि राजे ने रीट परीक्षा के आयोजन पर कोई प्रतिकूल टिप्पणी नहीं की है। राजे ने सोशल मीडिया पर एक अक्टूबर को रीट परीक्षा को धोखा बता दिया था। राजे ने अपनी फेसबुक पर लिखा कि अब तो यह स्पष्ट हो गया है कि रीट में पारदर्शिता के नाम पर सिर्फ धोखा था। इतना होने के बाद भी सरकार इस धांधली को स्वीकार नहीं कर रही है, उल्टा इस धांधली पर सच्चाई की मुहर लगाने का प्रयास कर रही है। बात सिर्फ रीट की ही नहीं है, जेईई, आरएएस एवं एसआई परीक्षाओं में घोटालेबाजी का खेल सबके समने आ चुका है। अब तो यह सिद्ध हो गया है कि कांग्रेस सरकार में नौकरियां नीलाम हो रही है।
वसुंधरा राजे के इस ट्वीट को पढ़ने के बाद बोर्ड अध्यक्ष जारोली को यह बताना चाहिए कि क्या वे अब भी वसुंधरा राजे के प्रशंसक हैं? और यदि है तो फिर राजे के ट्वीट को सही क्यों नहीं मानते।