कोल इण्डिया से कोयले की पर्याप्त आपूर्ति नही होने से प्रदेश के थर्मल प्लांटों में विद्युत उत्पादन प्रभावित

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कोल इण्डिया से कोयले की पर्याप्त आपूर्ति नही होने से प्रदेश के थर्मल प्लांटों में विद्युत उत्पादन प्रभावित जयपुर, 06 अक्टूबर। प्रदेश से मानसून की हो रही विदाई एवं लगाातार गर्मी बढने के कारण बिजली की मांग में 3 हजार 500 मेगावाट की बढोतरी हुई हैं। बिजली की मांग 9 हजार मेगावाट के लगभग चल रही थी वह अब 12 हजार 500 मेगावाट तक पहुंच गई है। प्रदेश में 2000 लाख यूनिट प्रतिदिन चल रही विद्युत खपत भी बढकर 2400 लाख यूनिट प्रतिदिन हो गई हैं। कोल इंडिया से कोयले की कम आपूर्ति की वजह से प्रदेश के थर्मल प्लांटों में विद्युत उत्पादन कम हो रहा हैं। विद्युत की मांग व खपत में लगातार  हो रही बढोतरी व कोल इण्डिया से कायले की पर्याप्त आपूर्ति नही होने की वजह से प्रदेश के थर्मल प्लांटों में विद्युत उत्पादन प्रभावित होने से ग्रिड की सुरक्षा बनाए रखने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों व मुनिसिपल क्षेत्रों में रोस्टर से लोड शेडिंग करनी पड़ रही है।  विद्युत वितरण निगमो के अध्यक्ष श्री भास्कर ए. सावंत ने बताया की सूरतगढ थर्मल पावर प्लांट की 250 मेगावाट की 6 इकाइयों व छबड़ा थर्मल की 250 मेगावाट की 2 इकाइयों तथा कोटा थर्मल की 1240 मेगावाट की 7 इकाइयों के लिए कोयला कोल इंण्डिया लि. की सबसीडरी कम्पनीज एनसीएल व एसईसीएल से प्राप्त होता हैं उच्चस्तरीय वार्ता के पश्चात्् 1 अक्टूबर को भारत सरकार के कोयला मंत्रालय के सब-ग्रुप ने 7 कोयले की रेक प्रतिदिन देने का निर्णय लिया था लकिन राजस्थान को 1 से 5 अक्टूबर के मध्य कोयले की केवल 4 रेक प्रतिदिन ही मिल पाई है। श्री सावंत ने बताया कि राजस्थान सरकार के स्तर पर लगातार प्रयास किए जा रहे है, जिससे प्रदेश के थर्मल प्लांटों को कोल इंण्डिया से पर्याप्त कोयले की आपूर्ति हो सके ताकि प्रदेश के पावर प्लाटों में सामान्य रुप से विद्युत उत्पादन शुरु हो सके। उन्होंने बताया कि विण्ड पावर जो सामान्यतया 500 से 1000 मेगावाट मिलती थी वह भी अब बहुत कम मात्रा में मिल रही है।उन्होंने बताया कि कोल इंडिया द्वारा कोयले की पर्याप्त आपूर्ति नही होने की वजह से कोयले की कमी के कारण सूरतगढ थर्मल की 250 मेगावाट की 5 इकाईयां बन्द है तथा छबड़ा थर्मल की 250 मेगावाट की 2 इकाईयों के लिए कोल इंण्डिया द्वारा काफी समय से कोयले की आपूर्ति नही की जा रही है। इसके अलावा अन्य तकनीकी कारणों से छबड़ा की 660 मेगावाट की एक इकाई, कालीसिंध की 600 मेगावाट की एक इकाई व छबड़ा थर्मल की 250 मेगावाट की 3 इकाईयां बन्द हैं। इन तकनीकी कारणों का शीघ्र निराकरण कर बन्द इकाईयों से विद्युत उत्पादन प्रारम्भ करने के प्रयास किए जा रहे है।